विराट का विनिंग परसेंटेज धोनी से 10% ज्यादा
कोहली में मिलते हैं तीन कप्तानों के गुण
नई दिल्ली। विराट कोहली की कप्तानी इस समय चर्चा का एक बड़ा विषय बनी हुई हैं। हाल ही में एक खबर सामने आई थी कि आगामी टी-20 वर्ल्ड कप के बाद विराट लिमिटेड ओवर से कप्तानी छोड़ रोहित शर्मा को सौंप सकते हैं। हालांकि, बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने बताया कि विराट की टी-20 वर्ल्ड कप के बाद कप्तानी छोड़ने की खबर में कोई सच्चाई नहीं है।
अब विराट कोहली टी-20 वर्ल्ड कप के बाद लिमिटेड ओवर में टीम इंडिया के कप्तान बने रहेंगे या नहीं इस बात से पर्दा तो टूर्नामेंट के बाद ही उठेगा। वैसे पिछले दो सालों से क्रिकेट की दुनिया के कई जानकार ये बात कह चुके हैं कि, लिमिटेड ओवर की कमान अब रोहित शर्मा के हाथों में सौंप देनी चाहिए।
वैसे देखा जाए तो बतौर कप्तान भले ही विराट कोई बड़ी ट्रॉफी न जीत सके हो लेकिन मौजूदा समय में टीम इंडिया को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में कोहली ने बड़ी भूमिका निभाई है। विराट को 2017 में लिमिटेड ओवर का कप्तान बनाया गया था। अभी तक 45 टी-20 आई मैचों में उन्होंने 27 में जीत दर्ज की, जबकि 14 में टीम को हार का मुंह देखना पड़ा। 2 को परिणाम नहीं आ सका और दो मुकाबले टाई रहे। वनडे में कोहली ने 95 मैचों में टीम की कमान संभाली और 65 मुकाबले जीतने में सफल रहे। 27 में टीम का हार मिली और एक टाई और दो का नतीजा नहीं आया।
मौजूदा समय में भारत के सबसे सफल कप्तान का चयन किया जाए तो कोहली का नाम महेंद्र सिंह धोनी और मोहम्मद अजहरुद्दीन के बाद तीसरे स्थान पर आता है। धोनी ने भारत को अपनी कप्तानी में आईसीसी के 3 खिताब जिताए। अजहरुद्दीन के कार्यकाल में भारत ने तीन वर्ल्ड कप खेले और कोहली की अगुवाई में टीम अभी तक 3 आईसीसी टूर्नामेंट के नॉकआउट में पहुंची है।
इंटरनेशनल क्रिकेट में धोनी की जीत प्रतिशत 53.61 का रहा, जबकि अजहरुद्दीन ने 47.05 प्रतिशत मुकाबले जीते। विराट की बात की जाए तो उनका विनिंग परसेंटेज 63.41 का रहा है। सौरव गांगुली की गिनती भी देश के सफल कप्तानों में की जाती है। दादा का जीत प्रतिशत 49.48 रहा।
विराट कोहली की कप्तानी में क्लाइव लॉयड, रिकी पोंटिंग, ग्रीम स्मिथ और एमएस धोनी जैसे सर्वश्रेष्ठ कप्तानों के गुण देखने को मिलते हैं। 70-80 के दशक में क्लाइव लॉयड की कप्तानी वाली वेस्टइंडीज के दबदबा देखने को मिलता था, उसके बाद रिकी पोंटिंग के रूप में दुनिया को एक निडर और शक्तिशाली कप्तान मिला, उसी दौरान ग्रीम स्मिथ ने अगुवाई वाली साउथ अफ्रीका ने भी अपना पूरा दमखम दिखाया, 2007 से शुरू हुआ महेंद्र सिंह धोनी का युग और उसके बाद वर्ल्ड क्रिकेट ने कोहली का विराट रूप देखा।
1975 और 1979 में क्वाइव लॉयड की कप्तानी में वेस्टइंडीज वर्ल्ड कप जीतने में सफल रही। 1983 में भी टीम ने फाइनल में जगह बनाई थी। क्लाइव लॉयड और विराट कोहली की कप्तानी की बात करें तो दोनों ही खिलाड़ी हमेशा तेज गेंदबाजों को खिलाने पर भरोसा जताते थे। वर्ल्ड चैंपियन क्लाइव लॉयड ने 158 इंटरनेशनल मैचों में कमान संभाली और 100 मैच जीतने में कामयाब रहे, जबकि 30 में टीम को हार मिली।
2000 के शुरूआत से वर्ल्ड क्रिकेट को रिकी पोंटिंग के रूप में एक सबसे बड़ा कप्तान मिला। पोंटिंग ने अपनी कप्तानी में 2003 और 2007 के वर्ल्ड कप जीते। पोंटिंग और कोहली की कप्तानी में कई बातें एक समान देखी जा सकती है। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ने 324 इंटरनेशनल मैचों में कप्तानी की और 220 मैच जीतने में सफल रहे, जबकि 77 में टीम को हार मिली। 13 मुकाबले ड्रॉ और दो टाई रहे।
ग्रीम स्मिथ भी क्रिकेट की दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक रहे। स्मिथ ने अपनी बल्लेबाजी और अपनी चतुराई भरी कप्तानी से साउथ अफ्रीका को नंबर-1 का ताज पहनाया। तीनों फॉर्मेट में उन्होंने 286 मैचों की टीम की कमान संभाली और 163 जीतने में सफल रहे, 89 में टीम को हार मिली। 27 मैच ड्रॉ और एक टाई रहा। स्मिथ अपनी कप्तानी में बैटिंग क्रम में काफी बदलाव के लिए जाने जाते थे और कोहली भी वैसे ही बल्लेबाजी क्रम में बहुत बदलाव करते हैं।
धोनी की तरह जीत से बढ़कर कुछ नहीं
एमएस धोनी ने 2007 से लेकर 2016 तक अपनी कप्तानी के झंड़े गाड़े। धोनी दुनिया के पहले कप्तान बने जिन्होंने ICC की तीनो ट्रॉफी जीतने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। धोनी को कैप्टन कूल के नाम से जाना जाता है। वहीं, कोहली मैदान पर हमेशा आक्रामक अंदाज में नजर आते हैं। एमएस ने कुल 332 मैचों की कप्तानी का जिम्मा संभाला और 178 में जीत, जबकि 120 में बार मिली। 15 मुकाबले ड्रॉ और 6 टाई रहे।