सिंहराज ने अपने तीनों कोच को बताया 'ब्रह्मा विष्णु महेश'

जीत के बाद बोले- यह पदक उन्हें और परिवार को समर्पित
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
टोक्यो पैरालम्पिक में भारत को आठवां पदक दिलाने वाले निशानेबाज सिंहराज अडाना ने पदक जीतने के बाद अपने तीनों कोचों की जमकर तारीफ की। उन्होंने अपने कोचेज को 'ब्रह्मा, विष्णु, महेश' बताया। कांस्य पदक जीतने के बाद उन्होंने कहा, 'मैं यह पदक अपने परिवार और कोचों को समर्पित करना चाहता हूं।
मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मेरे आसपास कई अच्छे लोग हैं। 'ब्रह्मा, विष्णु और महेश' जैसे तीनों कोच मेरे साथ रहे, जिन्होंने मुझे प्रेरित किया और मैं उनका आभारी हूं।' इससे पहले सिंहराज ने बताया कि उन्होंने मेडिटेशन से कैसे मदद मिली।
पदक जीतने के बाद सिंहराज ने बताया, मेरे कोच ने क्वालिफिकेशन में की गई गलतियों को दूर करने के लिए मेडिटेशन करने का सुझाव दिया। मैंने पांच मिनट तक मेडिटेशन किया और इससे मदद मिली। उन्होंने आगे कहा, 'यह परिणाम एक बेहतर टीम के कारण हुआ है, जो मेरे साथ है।' 
बता दें कि सिंहराज ने मंगलवार को पी1 पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। पहली बार पैरालंपिक में भाग लेने वाले 39 साल के सिंहराज ने कुल 216.8 अंक बनाकर तीसरा स्थान हासिल किया। उन्होंने छठे स्थान पर रहकर आठ निशानेबाजों के फाइनल में जगह बनाई थी। इस स्पर्धा का गोल्ड चीन के यांग चाओ  (237.9 पैरालम्पिक रिकॉर्ड) ने जीता। वहीं, दूसरे स्थान पर चीन के ही हुआंग झिंग (237.5 अंक) रहे। बता दें कि सिंहराज के ब्राॉन्ज के साथ ही भारत के खाते में अब तक आठ पदक आ चुके हैं। 

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