मैरीकॉम की आंखों में आंसू, चेहरे पर मुस्कान

तीन में से दो राउंड जीतने के बाद मिली पराजय
टोक्यो।
छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकॉम (51 किलोग्राम) का दूसरा ओलंपिक पदक जीतने का सपना बृहस्पतिवार को यहां टोक्यो खेलों के प्री क्वार्टर फाइनल में रियो ओलम्पिक की कांस्य पदक विजेता कोलंबिया की इंग्रिट वालेंसिया से 2-3 से हारकर समाप्त हो गया। 
तीन में से दो राउंड जीतने वाले की हार, भारत की महान मुक्केबाज ‘मैग्नीफिसेंट' मैरीकॉम के साथ अपने अंतिम ओलम्पिक मुकाबले में ऐसा ही हुआ। मुकाबले के बाद 38 वर्षीय मैरीकॉम ने कहा, ‘नहीं पता कि क्या हुआ, पहले दौर में मुझे लगा कि हम दोनों एक दूसरे की रणनीति को भांपने की कोशिश कर रहे थे और इसके बाद मैंने दोनों राउंड जीते।' 
भारतीय मुक्केबाज पहले राउंड में 1-4 से पिछड़ गयीं जिसमें 5 में से चार जज ने 10-9 के स्कोर से वालेंसिया के पक्ष में फैसला किया। अगले दो राउंड में 5 में से 3 जजों ने मैरीकॉम के पक्ष में फैसला किया, लेकिन कुल स्कोर फिर भी वालेंसिया के हक में रहा। जब रैफरी ने मुकाबले के अंत में वालेंसिया का हाथ ऊपर उठाया तो मैरीकॉम की आंखों में आंसू थे और चेहरे पर मुस्कान थी। 
जजों के फैसले से निराश
मैरीकॉम ने प्री क्वार्टर फाइनल में खराब फैसले के लिए अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) के मुक्केबाजी कार्यबल को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है, मैं जजों के फैसले से निराश हूं। मैच के बाद मैरीकॉम ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘मैं नहीं जानती और इस फैसले को नहीं समझ सकती, कार्यबल के साथ क्या गड़बड़ है? 
आईओसी के साथ क्या गड़बड़ है?’ उन्होंने कहा, मैं रिंग के अंदर खुश थी, जब बाहर आयी तब भी खुश थी, क्योंकि मेरे दिमाग में था कि मैं जीत गयी हूं। जब मैंने सोशल मीडिया में देखा और मेरे कोच (छोटे लाल यादव ने मुझे दोहराकर बताया) तो मुझे अहसास हुआ कि मैं हार गयी। मैंने पहले इस मुक्केबाज को दो बार हराया है। मैं विश्वास ही नहीं कर सकी कि रेफरी ने उसका हाथ उठाया। कसम खाती हूं कि मुझे अहसास ही नहीं हुआ कि मैं हार गयी थी, मुझे इतना भरोसा था। 
सबसे खराब बात है कि फैसले की समीक्षा या विरोध नहीं दर्ज करा सकते। आगे की योजना के बारे में मैरीकॉम ने कहा, ‘मैं ब्रेक लूंगी, परिवार के साथ समय बिताऊंगी। लेकिन मैं खेल नहीं छोड़ रही हूं। अगर कोई टूर्नामेंट होता है तो मैं जारी रखूंगी।’ उनके निजी ट्रेनर छोटे लाल यादव ने कहा, पता नहीं यह स्कोरिंग प्रणाली कैसी है, मुझे यह समझ नहीं आती।

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