भारत के मुक्कों में है पदक दिलाने का दम

इन खिलाड़ियों से रहेगी उम्मीद
नई दिल्ली।
भारतीय मुक्केबाजी के पोस्टर ब्वॉय विजेंदर सिंह ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में पदक दिलाया था। ओलंपिक में पहला पदक पाने के बाद भारतीय मुक्केबाजी का परिदृश्य ही बदल गया। छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकॉम ने चार साल बाद एक और पदक दिलाकर भारतीय मुक्के का दम दिखा दिया। इस बार टोक्यो में नौ मुक्केबाजों ने क्वालीफाई किया है और एक नया इतिहास रचने की उम्मीद की जा रही है। 
ओलंपिक में भारत को पदक दिलाने वाली पहली महिला मुक्केबाज मैरीकॉम इस बार दूसरा पदक दिलाकर नया इतिहास रच सकती हैं। एशियाई खेलों में दो स्वर्ण दिला चुकी। राष्ट्रमंडल खेलों की चैंपियन रही हैं। एशियाई चैंपियनशिप में पांच स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। इस साल एशियाई चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची हैं। 38 साल की मुक्केबाज का यह अंतिम ओलंपिक माना जा रहा है और वे इसे यादगार बनाने में कसर नहीं रखेंगी। वहीं पूजा रानी बोहरा से भी भारत को बहुत उम्मीदें हैं।
मैरीकॉम के अलावा पुरुषों के 52 भारवर्ग में अमित पंघाल का दावा भी बेहद मजबूत माना जा रहा है जो ओलंपिक में अपने भारवर्ग में दुनिया के नंबर एक मुक्केबाज के रूप में उतरेंगे। अपने पहले ओलंपिक में उनसे पदक की उम्मीद यूं ही नहीं की जा रही। अमित एशियाई खेलों में चैंपियन रहे हैं। विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों में रजत हासिल कर चुके हैं। इस साल एशियाई चैंपियनशिप में भी फाइनल में पहुंचे हैं।
ये मुक्केबाज लेंगे हिस्सा 
विकास कृष्ण (69 भारवर्ग) : विश्व चैंपियनशिप में जीत चुके हैं पदक, अनुभवी मुक्केबाज हैं, एशियाई खेलों में एक स्वर्ण सहित तीन पदक, इससे पहले 2012 लंदन ओलंपिक में भी ले चुके हैं हिस्सा। आशीष कुमार (75 भारवर्ग) : चौबीस साल के युवा मुक्केबाज एशियाई चैंपियनशिप में दिला चुके हैं दो पदक, सतीश कुमार (91 भारवर्ग ) : सुपर हैवीवेट में क्वालिफाई करने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज, मनीष कौशिक (63 भारवर्ग) : विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों में जीत चुके हैं पदक। 
महिला वर्ग-
लोवलिना बोरगोहेन (69 भारवर्ग) : दो बार विश्व चैंपियनशिप में जीत चुकी हैं पदक, पूजा रानी (75 भारवर्ग) : सबसे पहले ओलंपिक टिकट बुक कराया। इसी साल एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता। सिमरनजीत कौर  (60 भारवर्ग) : एशियाई चैंपियनशिप में इस साल कांस्य पदक जीता। पिछले साल ओलंपिक क्वालिफायर में रजत जीता था।

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