टोक्यो में लहराए तिरंगा और मैं बनूं वजहः कमलप्रीत कौर

गुरप्रेम लहरी। पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब जिले की कमलप्रीत कौर खेल के मैदान में जब डिस्कस फेंकती हैं तो प्रतिद्वंद्वी को सोचने पर मजबूर कर देती हैं। 25 साल की इस एथलीट ने मार्च में हुई सीनियर राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 65.06 मीटर का नया राष्ट्रीय रिकार्ड बनाकर टोक्यो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई किया था। अब वह ओलम्पिक की तैयारियों में जुटी हुई हैं। कमलप्रीत कौर से गुरप्रेम लहरी ने खास बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश:-
ओलम्पिक की तैयारी किस तरह चल रही है?
मैंने पहले दशमेश कॉलेज बादल में और फिर साई सेंटर में तैयारी की। इस समय एनआइएस पटियाला में तैयारी चल रही है। प्रतिदिन सुबह चार घंटे और शाम को चार घंटे कड़ा अभ्यास करती हूं। अब तक 65.06 मीटर तक डिस्कस फेंक चुकी हूं और इससे ज्यादा दूरी तय करने के लिए जुटी हुई हूं।
कभी ओलम्पिक में खेलने के बारे में सोचा था?
मैंने जब खेलना शुरू किया था तो ओलंपिक में खेलना ही लक्ष्य था। मैंने अपना हर कदम ओलंपिक की ओर बढ़ाया है। हर मौसम में कड़ी मेहनत की और अब ओलंपिक के लिए चयन हो गया है। मेरा सपना साकार होने जा रहा है। इसलिए पूरा ध्यान इसी पर है। मेरे कारण टोक्यो में तिरंगा फहराया जाए, यही मेरा सपना है।
अभ्यास के दौरान आप किन बातों का विशेष ध्यान रखती हैं?
जब लक्ष्य ही ओलम्पिक में पदक जीतना हो तो इसके लिए कड़ा अभ्यास जरूरी है क्योंकि ओलम्पिक में आपके सामने कभी भी कमजोर प्रतिद्वंद्वी नहीं आएगा। इसलिए खुद को फिट रखती हूं। इसके लिए अच्छी डाइट के साथ-साथ योग भी करती हूं। साथ ही इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाता है कि कोई चोट ना लग जाए। मैं कोच राखी त्यागी की देखरेख में भारतीय कैंप में अभ्यास कर रही हूं। वह मेरी कमियां दूर करने के साथ-साथ तकनीकी बारीकियों में सुधार ला रही हैं।
परिवार का सहयोग कितना मिला?
खेल की शुरुआत से ही मुझे मेरे परिवार ने पूरा सहयोग दिया है, लेकिन वह मेरे होस्टल में रहने के खिलाफ थे और ऐसा संभव नहीं हो सकता था। बाद में परिवार ने मेरी खेल के प्रति लगन और सफलता को देखते हुए इसके लिए भी मंजूरी दे दी।

(साभार दैनिक जागरण)

 

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