पदक के दावेदार विदेश से भेजे जाएंगे सीधे टोक्यो

खिलाड़ियों को संक्रमण से बचाने साई ने लिया फैसला
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
पदक के दावेदारों को संक्रमण से बचाने के लिए उन्हें सीधे विदेश से ही टोक्यो भेजने की तैयारी कर ली गई है। ओलम्पिक गेम्स आयोजन समिति की ओर से निर्धारित 14 लैब से कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट लाने के आदेश ने साई को यह योजना बनाने पर मजबूर कर दिया है।
96 और 72 घंटे की निगेटिव रिपोर्ट के लिए खिलाड़ियों को टोक्यो जाने से पहले सैकड़ों किलोमीटर का सफर करना पड़ता। ऐसे में पदक के दावेदारों को भागदौड़ और जोखिम से बचाने केलिए उन्हें विदेश ही टोक्यो भेजने की तैयारी कर ली गई है। 
विदेश में भारतीय खिलाड़ी जहां ट्रेनिंग कर रहे होंगे वहीं से कोरोना टेस्ट कराकर टोक्यो रवाना होंगे। पुरुष हॉकी टीम के पदक जीतने की संभावनाएं मानी जा रही हैं। ऐसे में इस टीम को भी बंगलूरू से निकालकर विदेश में भेजने की कोशिशें चल रही हैं। इस वक्त शूटर ओसिएच (क्रोएशिया), मीराबाई चानू सेंट लुई (अमेरिका), दीपक पूनिया, अंशु, विनेश, रवि कुमार पोलैंड, बजरंग रूस में, नीरज चोपड़ा पुर्तगाल में तैयारियां कर रहे हैं। इन सभी को इनके तैयारी स्थलों से ही टोक्यो भेजने की तैयारी की जा रही है वहीं ओलंपिक में अच्छे प्रदर्शन के लिए भारतीय खिलाड़ियों को मानसिक और शारीरिक सुरक्षा देने को खेल मंत्रालय और भारतीय ओलम्पिक संघ उनके टोक्यो में कोरोना संक्रमित होने की स्थिति में उनका खुद ख्याल रखेगा। इसके लिए टोक्यो में होटल के कमरे और सर्विस अपार्टमेंट बुक कराए जा रहे हैं। संक्रमित होने की स्थिति में भारतीय खिलाड़ी, ऑफिशियल यहीं एकांतवास में रखे जाएंगे।
खिलाड़ियों को भरोसा दिलाया जाएगा कि अगर उन्हें संक्रमण से दो-चार होना पड़ता है तो घबराने की जरूरत नहीं है। इसके लिए उनके एकांतवास के इंतजाम किए जा रहे हैं। जहां भारतीय दल के चिकित्सक की निगरानी में उनका ख्याल रखा जाएगा। एकांतवास के लिए संक्रमण के लक्षण नहीं होने वाले खिलाड़ियों को रखा जाएगा। जिन खिलाड़ियों में लक्षण होंगे। उन्हें जापान के चिकित्सीय प्रोटोकॉल के मुताबिक, सर्विस अपार्टमेंट में एकांतवास में रखा जाएगा। टोक्यो में खिलाड़ियों का रोजाना आरटीपीसीआर टेस्ट होना है।

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