मनीष का सपना टोक्यो में पदक हो अपना

रिंग पर खूब पसीना बहा रहा है मुक्केबाज
खेलपथ संवाद
पटियाला।
भिवानी का लाल टोक्यो में कमाल करने को इस समय रिंग पर खूब पसीना बहा रहा है। टोक्यो ओलम्पिक का टिकट हासिल करने के बाद से ही भारतीय मुक्केबाज मनीष कौशिक के इरादे बुलंद हैं। बुलंद इसलिए भी हैं कि जिस आस्ट्रेलियाई मुक्केबाज हेरीग्रेसाड ने गोल्ड कोस्ट कामनवेल्थ गेम्स 2018 में मनीष को हराकर स्वर्ण पर कब्जा किया था उसी को हराकर मनीष ने ओलम्पिक टिकट पक्का किया। 
टोक्यो ओलम्पिक में 63 किलोग्राम में मनीष गोल्डन पंच लगाकर देश और दुनिया के खेलप्रेमियों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं। मनीष कौशिक का कहना है कि फिलहाल वह पटियाला कैंप में अभ्यास कर रहे हैं। दुबई एशियन चैम्पियनशिप के लिए गई मुक्केबाजी टीम जैसे ही पटियाला पहुंची, वह भी पुणे स्पो‌र्ट्स इंस्टीट्यूट से यहां पर आ गए हैं। अब यहां पर दूसरे साथी खिलाड़ियों के साथ सुबह-शाम दो-दो घंटे मुक्केबाजी की बारीकियां सीख रहे हैं। 
मनीष अपनी कमजोरियों को दूर करने और दूसरे की कमजोरियों का फायदा उठाने की टिप्स ले रहे हैं। फिलहाल उनका टारगेट टोक्यो ओलम्पिक में गोल्डन पंच है। इसके लिए नवीनतम तकनीक के साथ तैयारी की जा रही है। यहां अभ्यास कर रहे मुक्केबाज कौशिक पूरी ऊर्जा से लबरेज होकर अभ्यास कर रहे हैं। मनीष और उनके कोच लगातार प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ियों की खेल कमजोरियों पर नजर बनाए हुए हैं। मनीष प्रतिद्वंद्वी पर कैसे भारी पड़े, इसके लिए मनीष को प्रशिक्षण के दौरान नए-नए टिप्स भी दे रहे हैं।
इस मुक्केबाज का सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है। ओलम्पिक क्वालीफाई के फाइनल मुकाबले में उनकी बायीं बाजू में चोट लग गई। मुंबई में आपरेशन करवाना पड़ा। इसके बाद आर्मी स्पो‌र्ट्स इंस्टीट्यूट में अपने कोच जयसिंह पाटिल के सान्निध्य में तैयारी की। मार्च 2021 में उतरे और स्पेन में हुए बाक्सम इंटरनेशनल में गोल्ड मेडलिस्ट बने। ओलम्पिक से पहले मनीष के पास दुबई एशियन चैम्पियनशिप में एक बार खुद को परखने का मौका था लेकिन, चयन के समय कोरोना पाजिटिव आ गए और वह प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले सके।
मनीष की उपलब्धियां :
2008 में मनीष ने मुक्केबाजी का सफर शुरू किया। 2009 में केओ नेशनल कप ठाणे में 32 किलो में पहला गोल्ड जीता। वर्ष 2015 में पहली बार सीनियर नेशनल बाक्सिंग में रजत पदक जीता। 2016 में सेना में नायब सूबेदार के पद पर भर्ती हुए। 2018 में आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हुए राष्ट्रमंडल खेलो में रजत जीता।  2019 में नेपाल में हुए साउथ एशियन गेम्स में रजत और इसी साल विश्व मुक्केबाजी में कांस्य जीता। 2020 में शानदार खेल उपलब्धियों के लिए अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया। 2020 में ओलम्पिक क्वालीफाई मुकाबलों में टोक्यो ओलम्पिक के लिए कोटा हासिल किया। 2021 में स्पेन में हुए बाक्सम इंटरनेशनल में गोल्ड जीता। 

 

रिलेटेड पोस्ट्स