बुरे दौर से गुजर रही भारतीय टेनिस
चार साल से कोई ग्रैंड स्लैम खिताब नहीं
सबसे ज्यादा 18 खिताब पेस के नाम
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली। दुनिया के नम्बर दो खेल टेनिस में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन फर्श पर आ गया है। साल का दूसरा ग्रैंड स्लैम टेनिस टूर्नामेंट फ्रेंच ओपन 24 मई से पेरिस में शुरू हो रहा है। भारतीय खिलाड़ी सिंगल्स इवेंट में कभी कोई खिताब नहीं जीत सके हैं लेकिन, मेंस डबल्स, मिक्स्ड डबल्स और वुमंस डबल्स में भारतीय कुछ साल पहले तक नियमित तौर पर चैम्पियन बनते रहे हैं। लेकिन, पिछले चार साल से इन इवेंट्स में भी भारत को कोई कामयाबी नहीं मिली है। आखिरी बार 2017 में रोहन बोपन्ना ने जीत हासिल की थी।
महेश भूपति ग्रैंड स्लैम जीतने वाले भारत के पहले खिलाड़ी थे। उन्होंने 1997 में फ्रेंच ओपन में जापान की रिका हिराकी के साथ मिक्स्ड डबल्स का टाइटल जीता था। भूपति और हिराकी ने अमेरिका के पैट्रिक गालब्रेथ और लिसा रेमंड की जोड़़ी को 6-4, 6-1 से हराया। संयोग से भारत का आखिरी ग्रैंड स्लैम खिताब भी फ्रेंच ओपन में ही आया है। 2017 में रोहन बोपन्ना और गैब्रिएला डब्रोवस्की की जोड़ी ने कोलंबिया के रॉबर्ट फराह और जर्मनी की एना लेना ग्रोनफील्ड को 2-6, 6-2, 12-10 से हराकर मिक्स्ड डबल्स में खिताबी जीत हासिल की थी।
भारतीय खिलाड़ियों ने 1997 से लेकर 2017 तक यानी 20 सालों में कुल 30 ग्रैंड स्लैम खिताब जीते। इनमें 18 खिताब मिक्स्ड डबल्स के, 9 मेंस डबल्स के और 3 वुमंस डबल्स के रहे हैं। हालांकि, ये चारों खिताब सिर्फ चार खिलाड़ियों लिएंडर पेस, महेश भूपति, रोहन बोपन्ना और सानिया मिर्जा ने दिलाए। इन खिलाड़ियों ने कभी आपस में तो कभी विदेशी सितारों के साथ मिलकर खिताब जीता। इतना कहा जा सकता है कि ये तमाम खिताब इन खिलाड़ियों के निजी टैलेंट और मेहनत का नतीजा रहे। देश में टेनिस का कोई खास सिस्टम नहीं रहा। अगर सिस्टम होता तो अन्य टैलेंटेड खिलाड़ी भी सामने आते।
1990 के दशक के आखिर में भारत को दो बड़े टेनिस सितारे लिएंडर पेस और महेश भूपति डेविस कप की सफलता के बाद प्रोफेशनल सर्किट में भी जोड़ीदार बन गए। लगातार अच्छे प्रदर्शन के दम पर इन्हें मिक्स्ड डबल्स में भी दमदार पार्टनर मिलने लगीं। नतीजा 1997 में सामने भी आ गया जब भूपति ने रिका के साथ मिलकर खिताब जीता।
लिएंडर पेस सबसे ज्यादा ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने वाले भारतीय सितारे हैं। उन्होंने कुल 18 खिताब जीते। इनमें 8 मेंस डबल्स और 10 मिक्स्ड डबल्स खिताब हैं। महेश भूपति ने 12 ग्रैंड स्लैम जीते। इनमें 4 मेंस डबल्स और 8 मिक्स्ड डबल्स खिताब हैं। सानिया मिर्जा ने 6 (3 वुमंस डबल्स और 3 मिक्स्ड डबल्स) खिताब जीते हैं। रोहन बोपन्ना ने एक खिताब (मिक्स्ड डबल्स) जीता है। इन खिलाड़ियों ने कई खिताब आपस में जोड़ी बनाकर जीते हैं। इसलिए देश के नाम कुल 30 ग्रैंड स्लैम ही हैं यानी पेस के 18 खिताब में से तीन भूपति के साथ आए हैं। इसी तरह भूपति के 12 में से दो खिताब सानिया मिर्जा के साथ आए हैं।