लाखों का भरा जुर्माना तब बना विश्व कीर्तिमान

एशियाई चैम्पियनशिप शुरू होने से एक दिन पहले सुलझा मामला
पूनम दलाल के डोप में फंसने का भरना था जुर्माना
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली।
एशियाई वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप शुरू होने से एक दिन पहले भारतीय वेटलिफ्टिंग संघ (आईडब्लूएलएफ) ने लाखों का जुर्माना नहीं भरा होता तो न मीराबाई चानू का विश्व कीर्तिमान बनता और न ही वह टोक्यो ओलम्पिक में खेल पातीं। अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग संघ (आईडब्लूएफ) ने भारतीय संघ को अंतिम चेतावनी देते हुए कहा था कि वेटलिफ्टर पूनम दलाल के डोप में पकड़े जाने का जुर्माना भरने पर ही उनकी टीम ओलम्पिक क्वालीफाइंग एशियाई चैम्पियनशिप में खेल पाएगी। 
मीरा का ओलम्पिक टिकट दांव पर लगा देख आईडब्लूएलएफ ने चैम्पियनशिप से एक दिन पहले दो साल से लटका जुर्माना भरा। तब टीम को ताशकंद में खेलने की अनुमति मिली। यूथ राष्ट्रमंडल खेल विजेता पूनम दलाल वही लिफ्टर हैं जिनका एनडीटीएल में सैंपल नेगेटिव निकला था, लेकिन वाडा की ओर से लैब से उठाए गए दो सौ सैंपलों का परीक्षण मांट्रियाल लैब में कराया गया, जिसमें पूनम और पांच एथलीट पॉजिटिव पाए गए थे। 
इस मामले में आईडब्लूएफ ने दलाल पर बाद में चार साल का प्रतिबंध लगा भारतीय संघ पर लगभग चार लाख रुपये का जुर्माना ठोक दिया। दलाल का सैंपल अगस्त 2018 में विश्व यूनिवर्सिटी खेल के ट्रायल के दौरान लिया गया था। आईडब्लूएलएफ का कहना है कि ट्रायल एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू) ने कराए हैं। ऐसे में जुर्माना या तो वे भरें या फिर पूनम का राज्य हरियाणा।
2019 विश्व चैम्पियनशिप के दौरान भी आईडब्लूएफ ने जुर्माना भरने को कहा था, लेकिन उस दौरान आश्वासन पर भारतीय टीम खेलने दी गई। इस बार आईडब्लूएफ अड़ गया। भारतीय संघ को लगा कि जुर्माना नहीं भरा तो वाकई टीम नहीं खेलने दी जाएगी। ऐसे में मीराबाई टोक्यो में नहीं खेल पातीं। एशियाई चैम्पियनशिप गोल्ड इवेंट हैं। नियमों के तहत एक क्वार्टर (तीन माह) में एक गोल्ड इवेंट खेलना जरूरी है। यह इवेंट नहीं खेलने पर रैंकिंग में ऊपर होने के बावजूद मीरा को टोक्यो का टिकट नहीं मिलता। इसी को ध्यान में रख आईडब्लूएलएफ महासचिव सहदेव यादव ने चार लाख रुपये जमा कराए। उन्होंने साई से कहा है कि इस मामले में उनकी भूमिका नहीं है। उन्होंने मीरा के लिए यह राशि जमा कराई है। उन्हें यह राशि एआईयू या हरियाणा से दिलाई जाए।

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