दस साल से टीम इंडिया नहीं जीती क्रिकेट का कोई विश्व कप

2011 की कामयाबी के बाद पांच विश्व कप से खाली हाथ है टीम इंडिया
नई दिल्ली।
2011 वनडे वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की ऐतिहासिक कामयाबी के 10 साल पूरे हो चुके हैं। उस टूर्नामेंट में खेलने वाले खिलाड़ी और देशभर के क्रिकेट फैंस जीत की यादों को ताजा कर रहे हैं। हालांकि, इस बीच एक बड़ा सवाल भी उठता है। सवाल यह है कि 10 साल पहले की जीत का जश्न तो ठीक है, हम अगला वर्ल्ड कप कब जीतेंगे? 
2011 के बाद से भारतीय टीम पांच वर्ल्ड कप से खाली हाथ लौट चुकी है। इनमें से तीन टी-20 वर्ल्ड कप और दो वनडे वर्ल्ड कप रहे हैं। इन पांच टूर्नामेंट में 2019 वर्ल्ड कप को छोड़ अन्य चार में महेंद्र सिंह धोनी ही टीम इंडिया के कप्तान थे। 2019 में टीम की कमान विराट कोहली के हाथों में थी। 2011 में वनडे वर्ल्ड कप की जीत के करीब 17 महीने बाद भारतीय टीम के सामने टी-20 वर्ल्ड कप की चुनौती थी। 
पहले राउंड में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद सुपर-8 में ऑस्ट्रेलिया के हाथों करारी हार के कारण भारत का समीकरण गड़बड़ा गया। भारत ने 7 विकेट पर 140 रन बनाए थे। लेकिन, ऑस्ट्रेलिया ने सिर्फ 14.4 ओवर में टारगेट हासिल कर लिया। इससे भारत का नेट रन रेट काफी कम हो गया और पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका पर जीत के बावजूद भारतीय टीम सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सकी। भारतीय टीम ने टूर्नामेंट में अपने 5 में से 4 मैचों में पहले बैटिंग की और सिर्फ एक बार 160 रन से ऊपर का स्कोर बना सकी।
टीम इंडिया ने 2014 में श्रीलंका में हुए वर्ल्ड टी-20 के फाइनल तक का सफर तय किया। इस मैच में भारतीय टीम जीत की दावेदारी थी लेकिन कुछ स्टार बल्लेबाजों की धीमी बल्लेबाजी के कारण ऐसा नहीं हो सका। 2011 वर्ल्ड कप जीत के हीरो युवराज सिंह 21 गेंदों पर सिर्फ 11 रन बना सके वहीं, कप्तान धोनी ने 7 गेंदों पर महज चार रन बनाए। इस वजह से भारतीय टीम सिर्फ चार विकेट खोने के बावजूद 130 रन ही बना सकी। श्रीलंका ने 13 गेंद बाकी रहते ही टारगेट हासिल कर लिया और 2011 वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में मिली हार का हिसाब चुकता कर दिया।
2015 में वनडे वर्ल्ड कप का आयोजन ऑस्ट्रेलिया में हुआ। भारतीय टीम लीग राउंड में बेहतरीन फॉर्म में दिखी और 6 में से 6 मैच जीतकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया। अंतिम-8 के मुकाबले में भारत ने बांग्लादेश को हराया लेकिन, सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया की कड़ी चुनौती का भारत के पास कोई जवाब नहीं था। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट पर 328 रन बनाए। जवाब में भारतीय टीम 233 रन ही बना सकी।
भारतीय टीम ने सुपर-10 राउंड में 4 में 3 मैच जीतकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। लेकिन, अंतिम 4 के मुकाबले में वेस्टइंडीज की तूफानी बैटिंग भारत पर भारी पड़ी। इस मैच में टीम इंडिया ने पहले बैटिंग करते हुए 2 विकेट पर 192 रन बनाए। लेकिन, लैंडल सिमंस की 51 गेंदों पर 82 रन और आंद्रे रसेल की 20 गेंदों पर 43 रन की पारी की बदौलत कैरेबियाई टीम ने 2 गेंद बाकी रहते ही मैच जीत लिया।
इस वर्ल्ड का फॉर्मेट 1992 वर्ल्ड कप जैसा था और लीग राउंड में सभी टीमों को एक-दूसरे से खेलना था। विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने 9 में से 7 मैच जीतकर पहला स्थान हासिल किया। लेकिन, न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में स्टार खिलाड़ियों वाला भारत का बैटिंग लाइनअप फेल हो गया। न्यूजीलैंड के 8 विकेट पर 239 रन के स्कोर के जवाब में भारत ने 24 रन पर 4 विकेट गंवा दिए थे। बाद में जडेजा और धोनी की पारियों के दम पर टीम इंडिया के फाइटबैक की कोशिश की लेकिन आखिरकार 221 रन तक ही पहुंच पाई।
पिछले कई सालों से टी-20 में पहले बैटिंग करते हुए सही टारगेट सेट न करने की भारत की कमजोरी बार-बार सामने आई है। 2014 टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल और 2016 के सेमीफाइनल में इसी कारण हार मिली। 2016 वर्ल्ड टी-20 के सेमीफाइनल में जिस पिच पर भारत ने 192 रन बनाए थे उसे विशेषज्ञों ने 220 रनों पारी पिच बताया था। इसी तरह 2014 के फाइनल में अगर भारतीय टीम 150 रनों के ऊपर जाती तो मैच का परिणाम बदल सकता था।
वनडे में मजबूत मिडिल ऑर्डर का अभाव 2016 और 2019 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारत की हार की वजह बना। भारतीय टीम इन दोनों वर्ल्ड कप में टॉप-3 बल्लेबाजों पर बहुत ज्यादा निर्भर थी। दोनों ही वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारत का टॉप ऑर्डर उम्मीद के मुताबिक परफॉर्म नहीं कर पाया और हार झेलनी पड़ी।
सातवां टी-20 वर्ल्ड कप इसी साल भारत में
टीम इंडिया को वर्ल्ड कप जीतने का सूखा खत्म करने का अगला मौका इसी साल मिलने वाला है। सातवें टी-20 वर्ल्ड टी-20 का आयोजन अक्टूबर-नवंबर में भारत में ही होगा। इसके बाद 2022 में ऑस्ट्रेलिया में आठवें टी-20 वर्ल्ड कप का आयोजन होगा।

रिलेटेड पोस्ट्स