हॉकी की बर्बादी शुरू! भोपाल, मुंबई और पटियाला जैसी टीमों को प्रवेश नहीं
झारखंड के सिमडेगा शहर में नेशनल सब जूनियर वुमेन हॉकी चैम्पियनशिप का आगाज
ब्रह्म प्रकाश श्रीवास्तव
भोपाल। पुश्तैनी खेल हॉकी की बर्बादी की शुरुआत हो चुकी है? यूं तो देश में खेलों के विकास के लिए सरकार ने बड़े-बड़े और नये आयोजन (फिट इंडिया, खेलो इंडिया) शुरू कर दिए हैं, लेकिन पहले से जारी राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में, यदि उन शहरों की टीमें नहीं खेल पाएं, जहां से ढेरों ओलम्पियन, वर्ल्ड कप खिलाड़ी निकले हों तो उसे क्या कहेंगे। मुंबई, भोपाल, पटियाला तो हॉकी खेल के लिए ही जाने जाते हैं लेकिन झारखंड के सिमडेगा शहर में खेली जा रही नेशनल सब जूनियर वुमेन हॉकी चैम्पियनशिप में इन शहरों को प्रवेश ही नहीं दिया गया।
बुधवार से हॉकी इंडिया की सब जूनियर वुमेन नेशनल चैम्पियनशिप झारखंड के सिमडेगा शहर में प्रारम्भ हो चुकी है लेकिन इस टूर्नामेंट में देश के कई शहरों की स्टार टीमें हॉकी इंडिया और एसोसिएशनों की ओछी सोच के कारण नहीं खेल पा रही हैं जिससे इन शहरों की हॉकी खिलाड़ियों का कॅरियर ही खतरे में पड़ गया है। इन टीमों में मुंबई, भोपाल, पटियला जैसे शहरों की टीमें शामिल हैं। इन शहरों की अभी तब टूर्नामेंट में सीधी इंट्री हुआ करती थी। मुंबई ने कितने ओलम्पियन और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दिए इसकी बड़ी लम्बी फेहरिस्त है। भोपाल को हॉकी की नर्सरी कहा जाता है। मुंबई की तुलना में छोटा शहर (मध्य प्रदेश की राजधानी) है, लेकिन भोपाल ने करीब 19 ओलम्पियन और 35 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दिए हैं। यहां हॉकी के दीवानों की कमी नहीं है। पटियाला अपने आप में देश का बड़ा हॉकी कोचिंग सेंटर है। वहां की हॉकी टीम भी सब जूनियर वुमेन हॉकी में दिखाई नहीं दे रही है।
आठ माह पहले खत्म कर दी थी सदस्यता:
जुलाई में हॉकी इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश वन स्टेट, वन वोट के चलते देशभर में जिन स्टेट्स से दो या तीन टीमें टूर्नामेंट में हिस्सा लेती थीं, वहां से सिर्फ एक स्टेट को राष्ट्रीय टूर्नामेंट में खेलने की मंजूरी दी थी, बाकी की सदस्यता खत्म कर दी थी। जिन शहरों में सबसे ज्यादा हॉकी हो रही थी या हो रही है। खिलाड़ियों का वर्तमान और पुराना परफारमेंस भी बेहद शानदार रहा है। उन्हें टूर्नामेंट में न खिलाना हॉकी की बर्बादी नहीं तो क्या है?
हॉकी भोपाल की सदस्यता खत्म होने के बाद भोपाली जागे तो, लेकिन शायद देरी से! अपने हक की लड़ाई के लिए हॉकी भोपाल ने हाईकोर्ट जबलपुर में एक माह पहले याचिका लगाई है। 195वां नंबर मिला था। अब तक चार-पांच बार तारीख लग चुकी है, लेकिन नम्बर अब तक नहीं आ पाया है। उधर, हॉकी इंडिया की सब जूनियर वुमेन नेशनल चैम्पियनशिप प्रारंभ हो गई। भोपाल की लाड़लियां तैयारी में थीं, इधर खबर आए उधर रवाना हों। 9 मार्च को हाईकोर्ट में सुनवाई की तारीख लगी थी, उम्मीद बरकरार थी, शाम तक कोई अच्छी खबर आएगी लेकिन नहीं आई। महिला दिवस के हो हल्ले के एक दिन बाद ही बेटियों को मायूस होना पड़ा। झारखंड में स्पर्धा शुरु हो गई और भोपाल की बेटियां नेशनल टूर्नामेंट खेलने से वंचित रह गईं। गलती खराब सिस्टम की और भुगतना पड़ रहा बेटियों को।
सदस्यता जाते ही कानूनी लड़ाई प्रारम्भ करते तो आज निर्णायक स्थित में होते
जुलाई में सदस्यता खत्म होते ही हॉकी मुंबई, भोपाल, पटियाला और विदर्भ को कानूनी लड़ाई प्रारंभ कर देनी थी, क्योंकि सभी को हॉकी इंडिया का रवैया पता था। वो क्यों सुप्रीम कोर्ट की नाराजी सहन करता। सो उसने बिना सोचे फरमान लागू कर दिया। हालांकि हॉकी मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में एक से ज्यादा इकाईयों को मर्ज करने की सलाह दी थी पर कोई ऑव्जर्वर या निगरानी अधिकारी नियुक्त न करने से बात नहीं बनी और मनमाने तरीके से स्टेट्स ने अपनी टीमें बना लीं और नेशनल में भेज दीं। यहां अच्छी हॉकी खेलने वाले हाथ पर हाथ रखे बैठे रहे। अब पछता रहे हैं। भोपाल में तो हाल और बुरा रहा। हॉकी के जुनूनी ओलम्पियन अपनी बात को न तो प्रदेश सरकार और न देश की सरकार तक पहुंचा सके।
हॉकी मध्य भारत को भी बड़ा नुकसान:
हॉकी मध्य भारत ग्वालियर से संचालित होती थी, लेकिन वन स्टेट-वन वोट के चलते उसकी भी सदस्यता खत्म हो गई। अब यहां की लड़कियां हॉकी मध्य प्रदेश, जो जबलपुर से संचालित होती है, से खेलना पड़ रहा है। इससे कुल मिलाकर मध्यप्रदेश की हॉकी का बड़ा नुकसान हुआ है। पहले जहां नेशनल में तीन टीमें (हॉकी जबलपुर, हॉकी भोपाल और हॉकी ग्वालियर ) यानी 54 खिलाड़ी खेलती थीं, वहां अब मात्र एक टीम यानी 18 लड़कियों को मौका मिल पा रहा है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया उद्घाटन:
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 11वीं हॉकी इंडिया सब जूनियर नेशनल चैम्पियनशिप का उद्घाटन बुधवार की दोपहर में सिमडेगा स्टेडियम में किया। टूर्नामेंट में 22 राज्यों की टीमें हिस्सा ले रही हैं। स्पर्धा में 38 मुकाबले होंगे।
एकतरफा रहे सभी मैच
पहले दिन हॉकी हरियाणा ने राजस्थान को 30 -0 से, दिल्ली ने बंगाल को 6-0, कर्नाटक ने जम्मू कश्मीर को 9-0 से, मेजबान झारखंड ने गुजरात को 17-0 से, आंध्रपदेश ने तेलंगाना को 5-0, उड़ीसा ने छत्तीसगढ़ को 6-1 तथा तमिलनाडु ने मिजोरम को 5-0 से परास्त किया।