तीरंदाज प्रगति ने विश्व कप टीम में बनाई जगह

10 माह पहले ब्रेन हेमरेज हुआ, कई दिन तक बेहोश रहीं
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली।
संघर्ष और वापसी का जो जज्बा 17 साल की तीरंदाज प्रगति ने दिखाया है वह मिसाल के रूप में याद किया जाएगा। दस माह पहले पांच मई की रात लॉकडाउन में प्रगति चौधरी को चक्कर आए। अस्पताल में पता लगा इस उभरती तीरंदाज को ब्रेन हेमरेज हुआ है। कई दिनों तक वह बेहोश रहीं। उनकी हालत खराब थी। देश के सभी नामी-गिरामी तीरंदाजों, तीरंदाजी संघ, साई के प्रगति के लिए दुआओं और मदद के हाथ उठ खड़े हुए। कई सप्ताह बाद जब घर लौटी तो कोई नहीं सोच सकता था कि वह दोबारा धनुष-तीर उठा सकेंगी। सभी सोच रहे थे कि उनका शरीर और दिमाग पहले की तरह काम करने लगे।
माता-पिता के अलावा कोच प्रगति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो गए। वह पूर्वी दिल्ली में रहती हैं, लेकिन उनके माता-पिता उसे वहां से 30-35 किलोमीटर दूर नांगलोई स्थित कोचिंग सेंटर लाए। पहले उसे तीरंदाजी मैदान में टहलाना शुरू किया। फिर उसकी तीरंदाजी के वीडियो दिखाए। आखिर प्रगति ने धनुष उठा लिया और बुधवार को सोनीपत में अपने कॅरिअर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पहली बार सीनियर विश्व कप के लिए भारतीय टीम में जगह बना ली। वह कंपाउंड वर्ग में चुनी गई हैं। प्रगति ने ढाका अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में एक स्वर्ण और दो रजत पदक जीते हैं।
प्रगति के कोच सुरेंदर कुमार अपनी शिष्या की वापसी को किसी चमत्कार से कम नहीं मानते हैं। वह कहते हैं कि राष्ट्रीय ट्रायल प्रगति के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं था। लेकिन प्रगति ने कमाल कर दिया। उन्होंने दो हजार सात सौ 76 का स्कोर किया। ब्रेन हेमरेज से पहले भी उन्होंने इतना स्कोर कभी नहीं किया। वह ट्रायल में दूसरे स्थान पर रहीं। उनसे ऊपर अर्जुन अवॉर्डी ज्योति सुरेखा रहीं। ज्योति, प्रगति के अलावा दिल्ली अक्षिता और सांची ढल्ला ने विश्व कप की मुख्य टीम में जगह बनाई है। पुरुष टीम में अर्जुन अवॉर्डी अभिषेक वर्मा, संगमप्रीत बिसला, अमन सैन और रजत चौहान ट्रायल के आधार पर चुने गए हैं।

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