खिलाड़ियों नहीं खेलनहारों की बपौती हैं खेल मैदान
देश में किसी क्रिकेटर के नाम नहीं है एक भी स्टेडियम
पूर्व प्रधानमंत्रियों के नाम पर 16 स्टेडियम
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली। हमारे जनप्रतिनिधि खेलों के विकास की बातें करते हैं लेकिन इससे खिलाड़ियों का भला होने की बजाय राजनीतिज्ञों और नौकरशाहों का ही भला होता है। हमारे देश में क्रिकेट के 53 स्टेडियम हैं लेकिन इनमें से किसी मैदान का नाम किसी क्रिकेटर के नाम पर नहीं है। देश में दो क्रिकेट स्टेडियम ऐसे हैं, जिनके नाम हॉकी खिलाड़ियों के नाम पर रखे गए हैं। इनमें एक ग्वालियर का कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम है तो दूसरा लखनऊ का केडी सिंह बाबू स्टेडियम है। देश में दो हॉकी स्टेडियम मेजर ध्यानचंद के नाम पर तो एक फुटबॉल स्टेडियम पूर्व भारतीय कप्तान बाईचुंग भूटिया के नाम पर है।
गुजरात के अहमदाबाद में दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम का आगाज हो चुका है। 24 फरवरी से पहले तक इसे सरदार पटेल स्टेडियम या मोटेरा स्टेडियम के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब इसका नाम बदलकर 'नरेंद्र मोदी स्टेडियम' कर दिया गया है। स्टेडियम का नाम बदलने पर कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है लेकिन इसमें कोई दम नहीं। मोटेरा तो क्या देश में कोई मैदान क्रिकेटर के नाम नहीं है।
पाठकों को हम बता दें दुनिया में सबसे ज्यादा क्रिकेट स्टेडियम भारत में हैं, लेकिन कोई भी क्रिकेटर के नाम पर नहीं है। नरेंद्र मोदी स्टेडियम में 1.32 लाख दर्शक बैठ सकते हैं। बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस स्टेडियम का उद्घाटन किया था। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ये मोदीजी का ड्रीम प्रोजेक्ट है, इसलिए हमने स्टेडियम का नाम प्रधानमंत्री के नाम पर रखने का फैसला किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी कहा कि इस स्टेडियम का कॉन्सेप्ट प्रधानमंत्री मोदी ने तब सोचा था, जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उस समय वह गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के प्रेसीडेंट भी थे।
राष्ट्रपति ने स्टेडियम में बनने वाले स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का भूमिपूजन भी किया। इसका नाम सरदार वल्लभ भाई पटेल स्पोर्ट्स एनक्लेव होगा। नरेंद्र मोदी स्टेडियम इसी एन्क्लेव का एक हिस्सा होगा। यहां क्रिकेट के अलावा फुटबॉल, हॉकी, बास्केटबॉल और टेनिस समेत कई अन्य खेल भी हो सकेंगे।
देश में नाम को लेकर राजनीति पुरानी है। स्टेडियम ही नहीं, कई मार्ग, स्थान, भवन, पार्क और हॉस्पिटल्स भी राजनेताओं के नाम पर रखे जाते रहे हैं। इस काम में सभी राजनीतिक पार्टियां आगे हैं। लेकिन बात फिलहाल क्रिकेट स्टेडियम की करते हैं।
क्रिकेट की शुरुआत इंग्लैंड से हुई, लेकिन वहां 23 क्रिकेट स्टेडियम ही हैं। जबकि भारत में 53 क्रिकेट स्टेडियम हैं। ये दुनिया में सबसे ज्यादा है। हालांकि, इनमें से सिर्फ 24 स्टेडियम में ही इंटरनेशनल या डोमेस्टिक क्रिकेट खेली जा रही है। हमारे देश में कोई भी क्रिकेट स्टेडियम क्रिकेटर के नाम पर नहीं है। सभी के नाम नेताओं, उद्योगपतियों, एडमिनिस्ट्रेटर्स के नाम पर रखे गए हैं। दो क्रिकेट स्टेडियम ऐसे हैं, जिनके नाम हॉकी खिलाड़ियों के नाम पर रखे गए हैं। इनमें एक ग्वालियर का कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम है और दूसरा लखनऊ का केडी सिंह बाबू स्टेडियम है। देश में दो हॉकी स्टेडियम मेजर ध्यानचंद के नाम पर हैं और एक फुटबॉल स्टेडियम पूर्व भारतीय कप्तान बाईचुंग भूटिया के नाम पर है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शायद सातवें ऐसे व्यक्ति हैं, जिनके जीवित रहते किसी स्टेडियम का नाम उनके नाम पर रखा गया है। उनसे पहले नवी मुंबई का डीवाई पाटिल स्टेडियम, बेंगलुरु का एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम, चेन्नई का एमए चिदम्बरम स्टेडियम और मोहाली का आईएस बिंद्रा स्टेडियम का नाम भी इन व्यक्तियों के जीवित रहते रखा गया। इनके अलावा मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम का नाम बॉम्बे (बंबई, बाद में मुंबई) के गवर्नर लॉर्ड ब्रेबोर्न के नाम पर रखा गया था। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम का नाम भी एसके वानखेड़े के जीवित रहते ही रखा गया था।
देश में क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, टेनिस और सभी खेलों के करीब 135 स्टेडियम हैं। इनमें से 16 स्टेडियम ऐसे हैं, जिनके नाम पूर्व प्रधानमंत्रियों के नाम पर रखे गए हैं। पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नाम पर आठ स्टेडियम के नाम रखे गए हैं वहीं इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम पर 3-3 स्टेडियम के नाम हैं। लाल बहादुर शास्त्री और अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर एक-एक स्टेडियम है। इसके अलावा 2019 में दिल्ली के फिरोज शाह कोटला स्टेडियम का नाम बदलकर अरुण जेटली स्टेडियम कर दिया गया था।
जिस तरह से क्रिकेट स्टेडियम के नाम किसी क्रिकेटर के नाम पर नहीं हैं, ऐसे ही स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन में भी क्रिकेटर्स का कुछ खास दबदबा नहीं है। राज्यों के क्रिकेट एसोसिएशन को देखें तो इनका अध्यक्ष कोई बिजनेसमैन या कोई राजनेता ही मिलेगा। जैसे- राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं वैभव गहलोत, जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे हैं। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे जेके सीमेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर यदुपति सिंघानिया। सितम्बर 2020 में ही उनका निधन हुआ है। पंजाब में रजिंदर गुप्ता हैं, जो बिजनेसमैन हैं और ट्राइडेंट ग्रुप के चेयरमैन हैं। बिहार में राकेश कुमार तिवारी हैं, जो बिहार भाजपा के कोषाध्यक्ष भी हैं। तमिलनाडु में बिजनेसमैन एन श्रीनिवासन की बेटी रूपा गुरुनाथ हैं।