नाडा ने धोखे में रखकर लिया राघवेंद्र गौड़ का सैम्पल

नाडा को लगाई लताड़
खेलपथ प्रतिनिधि
नई दिल्ली।
नाडा के सुनवाई पैनल ने ऐतिहासिक फैसले में एक पावरलिफ्टर को नाडा के मनमाने रवैये के चलते डोपिंग के आरोपों से मुक्त कर दिया गया। सनी चौधरी की अगुवाई वाले पैनल ने बिना सूचना के पावरलिफ्टर को नाडा ऑफिस बुलाकर उसका सैम्पल लिए जाने को मनमाना और गैरकानूनी करार दिया। 
नाडा ने पावरलिफ्टर को यह कहकर ऑफिस बुलाया कि उसके पहले लिए गए सैम्पल के मामले में जांच करनी है। खिलाड़ी को यह नहीं बताया गया कि उसे सैम्पल लेने के लिए बुलाया जा रहा है। इस वक्त तक खिलाड़ी के बी सैम्पल की रिपोर्ट भी नहीं आई थी। बाद में खुलासा हुआ कि जिस सैम्पल के लिए खिलाड़ी को डोप पॉजिटिव करार दिया गया है उसकी बी सैम्पल रिपोर्ट में कुछ नहीं निकला है।
यह मामला अगस्त, 2019 में नेशनल डोप टेस्ट लैबोरेटरी को वाडा की ओर से प्रतिबंधित किए जाने से पहले का है। राघवेंद्र गौड़ का नाडा ने 30 सितम्बर 2018 को सैम्पल लिया था। 14 जनवरी 2019 को उसे डोप पॉजिटिव बताया गया। खिलाड़ी ने बी सैम्पल कराने को कहा। लम्बे समय तक उसकी बी सैम्पल रिपोर्ट नहीं बताई गई। 29 मार्च 2019 को नाडा ने गौड़ को तेलंगाना से उसी के खर्च पर दिल्ली नाडा ऑफिस जांच की बात कहकर बुलाया। यहां उसका एक बार फिर सैम्पल लिया गया।
21 अप्रैल, 2019 को उसे इस सैम्पल के लिए डोप पॉजिटिव घोषित किया गया। खिलाड़ी ने पैनल से कहा कि जब उसके बी सैम्पल की रिपोर्ट ही नहीं आई तो उसका दोबारा सैम्पल क्यों लिया गया। इस बीच सात अगस्त, 2019 को नाडा ने खिलाड़ी को बताया कि उसके सितम्बर 2018 के बी सैम्पल की रिपोर्ट नेगेटिव है। 20 अगस्त, 2019 को वाडा ने एनडीटीएल को प्रतिबंधित कर दिया। 
ए सैम्पल पॉजिटिव आने के बाद बी सैम्पल नेगेटिव आने के मामले बिरले होते हैं। वाडा ने एनडीटीएल के जिन चार पॉजिटिव सैम्पलों की अपनी लैब में जांच कराई थी वे भी नेगेटिव निकले थे। सनी चौधरी, हॉकी खिलाड़ी जगबीर सिंह, डॉ. पीएसएम चंद्रन के पैनल ने फैसले में नाडा की लताड़ लगाई है। उसने साफ किया है कि वाडा कोड में यह नहीं लिखा है कि बिना सूचना के ऑफिस बुलाकर किसी का सैम्पल लिया जाए।

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