युवाओं के सपनों को पंख लगाते अजय कश्यप

एक सैकड़ा युवाओं को सेना और पुलिस में करा चुके भर्ती
एथलेटिक के नेशनल खिलाड़ी रहे हैं अजय
खेलपथ प्रतिनिधि
बरेली।
इस संसार में बहुत कम ऐसे लोग हैं जो दूसरों की मदद करना अपना पुनीत कर्तव्य मानते हैं। बरेली के अजय कश्यप सबसे जुदा हैं। वह युवाओं के सपनों को न केवल पंख लगाते हैं बल्कि उन्हें सेना और पुलिस में भर्ती कराकर उनका करिअर भी संवारते हैं। अजय कश्यप अपने समय के अच्छे एथलीटों में रहे हैं।
बरेली जिले में एक खेल मैदान ऐसा है जहां सेना और पुलिस में भर्ती होने के लिए युवाओं को तैयार किया जाता है। इन युवाओं को रेलवे में कार्यरत नेशनल प्लेयर अजय कश्यप निःशुल्क ट्रेनिंग देते हैं। लगभग दस वर्षों में अजय के सिखाए 100 से ज्यादा युवा देशसेवा के लिए चयनित किए जा चुके हैं। इस वर्ष भी सेना में आठ और पुलिस में दो युवाओं की भर्ती हुई है।
सेना, अर्ध-सैनिक बल, पुलिस आदि में भर्ती के लिए फिजिकल ट्रेनिंग का बहुत बड़ा महत्व होता है। एथलेटिक के कोच इस ट्रेनिंग को बेहतर तरह से अंजाम देते हैं। बरेली में लम्बे समय से कोई भी एथलेटिक का कोच नहीं है। एनई रेलवे में सिग्नल सहायक अजय कश्यप इस कमी को पूरा कर रहे हैं। वह रेलवे के रोड नम्बर चार ग्राउंड पर ऐसे युवाओं को निःशुल्क ट्रेनिंग देते हैं। अजय सुबह चार बजे से ही युवाओं की भीड़ के साथ मैदान पर पहुंच जाते हैं। इसके बाद ट्रेनिंग का सिलसिला शुरू हो जाता है। शाम को भी उनके मैदान पर खूब भीड़ जुटती है। अजय न केवल इन युवाओं को निःशुल्क ट्रेनिंग कराते हैं बल्कि इनमें से तमाम गरीब युवाओं की किट और खानपान का भी ध्यान रखते हैं। बरेली ही नहीं आसपास के क्षेत्रों से भी उनके यहां प्रैक्टिस करने के लिए लोग आते हैं। तमाम तो आसपास के जिलों के भी हैं जो यहां किराए पर घर लेकर रह रहे हैं। 
इस वर्ष दिलशाद अंसारी, मोहम्मद अमीन, मोहम्मद शानू, रजा खान, सरताज खान, सलमान खान, अजय श्रीवास्तव, वारिस खान का सेना में चयन हुआ है। जितेश सिंह और हेमंत कुमार का दिल्ली पुलिस में चयन हुआ। रमेश यादव, अजय सक्सेना, अजमल खान, आदिल खान, मोहम्मद आशिक, सुमित मिश्रा, परवेज खान, राहुल गंगवार, सर्वेश गंगवार, मनोज यादव, धर्मेंद्र राठौर, नसरत खान, इरफान खान, अहमद खान, गजेंद्र यादव, नितिन गंगवार, मोहित गंगवार, रिजवान, इमरान, विजय पाल का भी सेना में चयन हुआ था। 
अजय अपने समय के जाने-माने एथलीट रहे हैं। 1993 में अजय का इलाहाबाद हास्टल में चयन हुआ। इसके बाद अजय ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। सीनियर नेशनल में उन्होंने कांस्य पदक जीता। सीनियर एशियाड कैंप किया। छह बार इंडिया कैंप किया। दिल्ली में इंटरनेशनल मीट खेली। उनका बेलारुस विश्व चैंपियनशिप और इंटरनेशनल एथलेटिक मीट फ्रांस के लिए चयन हुआ। पासपोर्ट नहीं होने के कारण वह नहीं जा पाए। उनकी कोचिंग में बरेली ने सीनियर स्टेट एथलेटिक्स में चैम्पियनशिप जीती। 
अजय कहते हैं कि उनके मैदान पर उन्हीं युवाओं को प्रवेश मिलता है जो अपने लक्ष्य के प्रति गम्भीर होते हैं। गर्मी हो या सर्दी हमारा प्रैक्टिस का तरीका बदलता नहीं है। मैदान पर आज जो जितना पसीना बहा लेगा, वही कल जल्दी सफलता प्राप्त करेगा। अधिकतर युवा ग्रामीण पृष्ठभूमि के हैं। उनकी आर्थिक स्थिति भी बढ़िया नहीं है। ऐसे युवाओं की हरसम्भव मदद की जाती है। रेलवे के अधिकारियों का भी इसमें पूरा सहयोग मिलता है।

 

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