खेल प्रशिक्षकों की पुकार, बहरी हुई योगी सरकार

अंशकालिक खेल प्रशिक्षक कल से के.डी. सिंह बाबू स्टेडियम में करेंगे अनिश्चितकालीन अनशन

खेलपथ प्रतिनिधि

लखनऊ। पिछले नौ माह से उत्तर प्रदेश सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे लगभग साढ़े चार सौ अंशकालिक खेल प्रशिक्षकों का धैर्य जवाब दे चुका है। मरता क्या न करता की तर्ज पर अब अंशकालिक खेल प्रशिक्षक 16 दिसम्बर से राजधानी लखनऊ के के.डी. सिंह बाबू स्टेडियम में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने जा रहे हैं।

25 मार्च से घर बैठे उत्तर प्रदेश के लगभग साढ़े चार सौ अंशकालिक खेल प्रशिक्षक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, खेल मंत्री उपेन्द्र तिवारी, खेल सचिव और संचालक खेल से सेवाबहाली की गुहार लगा रहे हैं लेकिन खेलों में शिखर छू लेने का दम्भ भरने वाली योगी सरकार का दिल जरा भी नहीं पसीज रहा। अंशकालिक खेल प्रशिक्षकों को न्याय देने और आर्थिक मदद करने की बजाय संचालनालय खेल ठेके पर प्रशिक्षकों की नियुक्ति का पेंच फंसाकर उन्हें लगातार मानसिक आघात पहुंचा रहा है। पिछले माह बेटियों के सपनों को पंख लगाने का स्वांग करने वाली योगी सरकार यह भूल चुकी है कि सेवा से बेदखल किए गए साढ़े चार सौ अंशकालिक खेल प्रशिक्षकों में दो सौ से अधिक महिला खेल प्रशिक्षक भी शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश डिप्लोमाधारी खेल प्रशिक्षक एसोसिएशन के अध्यक्ष जीतेन्द्र सिंह ने खेलपथ से बातचीत करते हुए कहा कि अंशकालिक खेल प्रशिक्षकों के साढ़े चार सौ परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके हैं। हम लोग पिछले नौ माह से सरकार और खेल मंत्रालय से सेवा बहाली की मांग कर रहे हैं लेकिन हमारी परेशानी को लगातार अनदेखा किया जा रहा है। हमारे सामने अनिश्चितकालीन अनशन करने के अलावा अब कोई विकल्प नहीं बचा है।

खेलप्रेमियों को हम बता दें कि कल 16 दिसम्बर, बुधवार से उत्तर प्रदेश के साढ़े चार सौ अंशकालिक खेल प्रशिक्षक लखनऊ के के.डी. सिंह बाबू स्टेडियम में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठन जा रहे हैं। प्रशिक्षकों की पीड़ा यह है कि उन्हें पिछले नौ माह से फूटी कौड़ी भी नहीं मिली है जबकि कोरोना संक्रमण के शुरुआती समय में ही योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के उद्योगपतियों से किसी को भी नौकरी से न निकाले जाने का आह्वान किया था। योगी आदित्यनाथ के आह्वान का उद्योगपतियों ने तो ध्यान रखा लेकिन उन्हीं के शासन में खेलों के नाम पर पैसों का खेल कर रहे संचालनालय खेल विभाग ने साढ़े चार सौ अंशकालिक खेल प्रशिक्षकों को घर बैठा देने का अक्षम्य गुनाह करके उनकी मंशा को पलीता लगाया है।

नौ माह से वेतन न मिलने से खेल प्रशिक्षकों के सामने भरण-पोषण का संकट पैदा हो गया है। इन प्रशिक्षकों ने खेल मंत्री, खेल सचिव एवं खेल निदेशक को अनेकों बार समस्या से अवगत कराया लेकिन किसी का भी दिल नहीं पसीजा। परेशान अंशकालिक खेल प्रशिक्षक अपनी सेवाबहाली को लेकर कल से के.डी. सिंह बाबू स्टेडियम लखनऊ में अपराह्न 12 बजे से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने जा रहे हैं। अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने जा रहे खेल प्रशिक्षकों को यदि इंसाफ न मिला तो यह बात साफ हो जाएगी कि योगी सरकार को खेल-खिलाड़ियों से कतई प्यार नहीं है। अफसोस की बात है कि जिस राज्य का निदेशक खेल खिलाड़ी रहा हो वह आखिर अंशकालिक खेल प्रशिक्षकों का पक्ष क्यों नहीं ले रहा।

 

रिलेटेड पोस्ट्स