टोक्यो ओलम्पिक में भारतवंशी नहीं बनेंगे भारतीय दल का सहारा

कोरोना संक्रमण फिर बना बाधा
टोक्यो।
टोक्यो ओलम्पिक में भारतवंशियों की ओर से भारतीय खिलाड़ियों का सहारा बनने की पीएम नरेंद्र मोदी की इच्छा पर कोरोना ग्रहण लगाने जा रहा है। जापान में भारत के राजदूत संजय कुमार वर्मा ने सरकार को अवगत कराया है कि कोरोना के चलते ओलम्पिक के दौरान जापान में रहने वाले भारतीयों को जोड़ना कठिन होगा। जिसके चलते भारतवंशियों को साथ में जोड़ने की योजना पर दोबारा विचार करने की जरूरत है। 
यही नहीं राजदूत ने यह भी कहा है कि ओलम्पिक के दौरान यहां आने वाले भारतीयों को पूरी तरह से संवेदनशील बनाकर भेजने की जरूरत है। किसी तरह के नियमों के उल्लंघन पर यहां जुर्माना लग सकता है, जिससे देश की नकारात्मक छवि के साथ किरकिरी हो सकती है।
एक खिलाड़ी पर एक भारतवंशी की है योजना
दरअसल बीते वर्ष एक भारतीय खिलाड़ी पर एक भारतवंशी की योजना बनाई गई थी। पीएम ने इच्छा जाहिर की थी कि ओलंपिक के दौरान भारतीय खिलाडिय़ों के समर्थन के लिए वहां रहने वाले भारतवंशी जुटें। भारतवंशी उन्हें देश का अहसास कराएं। इन भारतवंशियों को खिलाडिय़ों के समर्थन के लिए टिकट उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके बाद खेल मंत्रालय और आईओए ने मिलकर इस पर काम किया और जापान में भारतीय राजदूत को साथ जोड़ा। भारतीयों को जोडने की जिम्मेदारी भारतीय दूतावास को सौंपी गई, लेकिन कोरोना के बाद स्थितियां बदल गई हैं। भारतीय राजदूत ने पत्र में लिखा है कि इस साल जुलाई-अगस्त में होने वाले ओलंपिक में दर्शक किस तरह और कितने आएंगे इसका खुलासा अगले वर्ष मार्च में होगा, लेकिन यह तय है कि कई तरह पाबंदिया होंगी। जिसके चलते बतौर वालंटियर अधिक से अधिक भारतीयों को जोडना संभव नहीं होगा। राजदूत के पत्र के बाद मंत्रालय भी मान रहा है कि यह काम मुश्किल होगा।
कोविड टेस्टिंग, ट्रांसपोर्ट के खर्च का पड़ेगा भार
राजदूत ने यह भी साफ किया है कि भारतीय दल को टोक्यो पहुंचने पर एयरपोर्ट पर कोविड टेस्ट कराना पड़ सकता है। ऐसा कोरोना के चलते जापान में भारतीय के प्रवेश की अनुमति नहीं होने के कारण है। ऐसे में भारतीय दल को एयरपोर्ट पर कोविड टेस्ट कराना होगा, जिसका अतिरिक्त खर्च की व्यवस्था करनी होगी। यही नहीं पब्लिक ट्रांसपोर्ट की भी अनुमति नहीं रहेगी। ऐसे में टैक्सी के अतिरिक्त खर्च का भी भार सहना पड़ सकता है। यही नहीं राजदूत ने यह भी सलाह दी है कि ओलंपिक की तैयारियों के लिए टीमों के जापान आने की व्यवस्थाएं अभी से कर ली जाएं।

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