भारतीय हॉकी को नहीं मिल पा रहा हाई परफॉरमेंस डायरेक्टर

तीन माह से खाली पद

भोपाल में चलाए जाने वाले नेशनल सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के लिए हाई परफॉरमेंस मैनेजर भी नहीं मिला

नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलियाई डेविड जॉन को भारतीय हॉकी टीम के हाई परफॉरमेंस डायरेक्टर (एचपीडी) का पद छोड़े तीन माह हो गए हैं, लेकिन कोरोना ने इस पद पर नई तलाश के लिए ब्रेक लगा दिया है। टोक्यो ओलम्पिक के चलते साई और हॉकी इंडिया ने टीम को नया एचपीडी देने के लिए तलाश शुरू की। लेकिन कोरोना के भय से विदेशी के साथ देसी प्रशिक्षकों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई।
हॉकी टीम के लिए एचपीडी की जिम्मेदारी अहम रही है। इस पद पर रोलेंट ओल्टमेंस और जॉन जैसे दिग्गज रह चुके हैं। उन्हें करीब पौने नौ लाख से 10 लाख रुपये का वेतन दिया जाता था। जॉन ने अगस्त में इस पद से इस्तीफा दे दिया। साई ने इस पद पर नए दिग्गज की तलाश के लिए विज्ञापन भी निकाला पर किसी ने आवेदन नहीं किया। इस पद पर हमेशा विदेशी प्रशिक्षकों को ही वरीयता दी गई है, लेकिन किसी भारतीय ने भी इसके लिए आवेदन नहीं किया। 
साई और हॉकी इंडिया ने एचपीडी के लिए अब नया विज्ञापन निकाला है। सूत्र बताते हैं कि दूसरे विज्ञापन के बावजूद भी किसी ने रुचि नहीं दिखाई है। यह तब है जब साई ने एचपीडी का अनुबंध 2024 के ओलम्पिक तक बढ़ाने की बात कही है। साई को हैरानी इस बात की है कि भोपाल में चलाए जाने वाले नेशनल सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के लिए पुरुष और महिला टीम का हाई परफॉरमेंस मैनेजर भी नहीं मिला। इस पद पर भारतीयों को ही आवेदन करना था, लेकिन उन्होंने इसमें ज्यादा रुचि नहीं दिखाई। साई इन पदों पर फिर से भर्ती की तैयारी कर रहा है।

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