जापान की दुविधाः ओलम्पिक कराए या नहीं

आईओसी की हरी झंडी के बावजूद जापानी आयोजन के खिलाफ
टोक्यो।
टोक्यो में अगले साल ओलंपिक खेलों के आयोजन के लिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक परिषद (आईओसी) से हरी झंडी मिलने के बाद जापान में इस मुद्दे पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। आईओसी के अध्यक्ष थॉमस बाक ने पुष्टि कर दी थी कि अगले साल इन खेलों का आयोजन होगा। ओलंपिक खेल इसी साल अगस्त में होने वाले थे लेकिन कोरोना महामारी के कारण इन्हें टाल दिया गया। अब थॉमस बाक ने इसे हरी झंडी उस समय दी है, जब दुनिया के कई दूसरे देशों की तरह जापान भी कोरोना महामारी की दूसरी लहर की चपेट में है।
हाल में हुए जनमत सर्वेक्षणों के मुताबिक जापान में बड़ी संख्या में लोग महामारी के बीच ओलंपिक खेलों के आयोजन के खिलाफ हैं। बहुत से लोगों को भरोसा नहीं है कि मौजूदा हालात में इन खेलों का सफल आयोजन हो पाएगा। ओलंपिक खेलों के लिए 15,400 से अधिक खिलाड़ी आएंगे। उनके अलावा हजारों अधिकारी, कोच, वीआईपी और दर्शक आएंगे। आयोजन के विरोधियों का सवाल है कि क्या मौजूदा माहौल में ऐसा मजमा जुटाना वाजिब है? जापान की संसद के सदस्य गेन्की सुडो ने एक इंटरव्यू में पूछा कि क्या खेल कोई ऐसी चीज होते हैं, जिनका आयोजन आज जैसे माहौल में करना चाहिए? खुद भी पहलवान रह चुके सुडो का कहना है कि इस हाल में खेलों का आयोजन खिलाड़ियों के लिए उचित नहीं होगा। कई खिलाड़ी महामारी के कारण ठीक से प्रैक्टिस ही नहीं कर पाएंगे।
लेकिन आईओसी के कर्ताधर्ता, जापान के अधिकारी और स्पॉन्सर कंपनियां आयोजन पर अड़ी हुई हैं। कई खिलाड़ी भी इस पक्ष में हैं कि तमाम उलटे हालात के बावजूद खेल होने चाहिए। तीन बार के ओलम्पिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली जिमनास्ट कोहेई उचिमुरा ने यहां के अखबार जापान टाइम्स से कहा कि जापान के 80 फीसदी लोग यह नहीं मानते कि कोरोना महामारी के बीच ये खेल संपन्न हो सकते हैं। उन्होंने कहा- लेकिन मैं चाहती हूं कि लोग अपनी सोच बदलें। वे ये सोचने के बजाय कि क्या खेल हो सकते हैं, इस सवाल पर विचार करें कि इनका आयोजन कैसे सफलता के साथ किया जा सकता है।
आईओसी के एलान के मुताबिक ओलंपिक खेलों की शुरुआत 23 जुलाई 2021 को होगी। जापान के अधिकारी आयोजन के सवाल को देशभक्ति से जोड़ रहे हैं। वे संदेश दे रहे हैं कि जापान के लोग अपने महान प्रयासों से सारी दुनिया का हौसला बढ़ाएंगे। यह चर्चा भी छेड़ी गई है कि अगर जापान ने कदम पीछे खींचा, तो चीन मेजबानी की पेशकश कर देगा। चीन पहले ही अगले साल चार फरवरी से विंटर (शीतकालीन) ओलंपिक खेलों के आयोजन की तैयारी कर रहा है।
थॉमस बाक ने उम्मीद जताई है कि ओलंपिक खेलों की तारीख आने से पहले कोरोना वायरस की वैक्सीन आ जाएगी। उन्होंने कहा है कि मुमकिन है कि ओलंपिक खेलों में आने वाले एथलीटों को वैक्सीन लगाई जाए। मगर कई खेल विशेषज्ञों के मुताबिक खेलों से ठीक पहले वैक्सीन लगाना सही सोच नहीं है। इसके दुष्प्रभाव से कुछ खिलाड़ी बीमार हो सकते हैं, जिसका असर उनके प्रदर्शन पर पड़ सकता है।
जापान ने फिलहाल विदेशियों के अपने यहां आने पर रोक लगा रखी है। लेकिन ओलंपिक खेलों के आयोजन के लिए ये रोक हटानी होगी। ओलंपिक के लिए कई महीने पहले से विदेशों से लोगों का आना-जाना शुरू हो जाता है। आईओसी के अध्यक्ष थॉमस बाक अगले हफ्ते जापान आएंगे। वे यहां प्रधानमंत्री योशिहिडे सुगा, ओलंपिक आयोजन समिति के अध्यक्ष योशिरो मोरी और खेलों के स्थानीय स्पॉन्सर्स से मिलेंगे। स्थानीय स्पॉन्सर्स खेलों के आयोजन के लिए 3.3 अरब डॉलर जुटा चुके हैं। 

रिलेटेड पोस्ट्स