योगी सरकार खिलाड़ियों को देगी पहचान

मेजर ध्यानचंद पथ योजना को हरी झण्डी

काश प्रशिक्षकों-शारीरिक शिक्षकों की भी ली जाती सुध

श्रीप्रकाश शुक्ला

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार अब मेजर ध्यानचंद पथ योजना के माध्यम से प्रदेश के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को पहचान देने को कमर कस चुकी है। प्रदेश के सभी जिलों के पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंताओं से ऐसे खिलाड़ियों की जानकारी मांगी गई है जिन्होंने अपने कौशल से खेल के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। योगी सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए खेल-पथ मुख्यमंत्री तथा खेल मंत्री से अपेक्षा करता है कि वह प्रशिक्षकों और शारीरिक शिक्षकों की भी सुध लें क्योंकि खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने का दुरूह कार्य इनके बिना कतई सम्भव नहीं है।    

योगी सरकार की खिलाड़ियों को पहचान दिलाने की योजना से उत्तर प्रदेश की प्रतिभाओं को कितना फायदा पहुंचेगा यह तो समय बताएगा। हम आपको बता दें कि इस साल खेल दिवस से एक दिन पूर्व उत्तर प्रदेश सरकार में उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सीनियर नेशनल एवं इंटरनेशनल स्तर पर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के गांवों को सड़क से जोड़ने का फैसला किया है। सरकार को सभी जिलों के नामचीन खिलाड़ियों की सूची उपलब्ध करा दी गई है। अब देखना यह है कि खिलाड़ियों के प्रोत्साहन की मेजर ध्यानचंद पथ योजना क्या रंग लाती है।

देखा जाए तो देश के हर राज्य में खिलाड़ियों के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं की घोषणाएं तो होती हैं लेकिन उन पर अमल कभी नहीं होता। खिलाड़ियों के गांवों को सड़क से जोड़ने का फैसला सराहनीय कहा जा सकता है क्योंकि अधिकतर खेलों के खिलाड़ी गांवों से ही आते हैं। राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन करने वाले इन खिलाड़ियों का गांव में भी काफी सम्मान होता है। अब उनकी उपलब्धियों के कारण गांव में सड़क बनने से गांव के लोगों के मन में उन खिलाड़ियों के प्रति सम्मान तो बढ़ेगा ही, नए खिलाड़ी भी बेहतर करने को प्रोत्साहित होंगे। सरकार को भेजे गए खिलाड़ियों के बायोडाटा में उनका नाम, पता, मोबाइल नम्बर तथा उनकी खेल क्षेत्र में हासिल उपलब्धियों का जिक्र किया गया है।

इस साल खेल दिवस से एक दिन पहले 28 अगस्त को उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पद्मभूषण मेजर ध्यानचंद विजय पथ योजना की शुरुआत की है। इस दौरान प्रदेश के 19 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के गांव-घर तक जाने वाली सड़कों को बनाने का वर्चुअल शिलान्यास किया गया। इस अवसर पर श्री मौर्य ने प्रदेश के पूर्व खेल मंत्री स्वर्गीय चेतन चौहान के नाम से भी राज्य की एक प्रमुख सड़क का नामकरण करने का निर्णय लिया। हाल ही चेतन चौहान की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई है। लोक निर्माण विभाग मुख्यालय स्थित विश्वश्वरैया हाल में आयोजित कार्यक्रम में मौर्य ने कहा कि योजना के जरिये खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। भविष्य में इसी तरह खिलाड़ियों के सम्मान में कार्यक्रम होते रहेंगे।

उप-मुख्यमंत्री मौर्य ने कहा कि जिन सड़कों का शिलान्यास किया गया है, उनका निर्माण होने के बाद साइन बोर्ड लगेंगे और बोर्ड पर खिलाड़ियों के नाम तथा उनकी प्रतिभा का विवरण होगा। सड़कों का नाम मेजर ध्यानचंद विजयपथ होगा। मौर्य ने कहा कि सरकार द्वारा राज्य स्तर पर गोल्ड मेडल हासिल करने वाले खिलाड़ियों के गांवों तक भी सड़कें बनाई जाएंगी तथा जहां सड़कें पहले से हैं, उनका सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। मौर्य ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिए कि खेलों के लिए एक विभागीय टीम बनाई जाए। कार्यक्रम में उपस्थित रहे खिलाड़ी डॉ. आरपी सिंह तथा कविता यादव को सम्मानित किया गया। अगले साल खेल दिवस पर इन सड़कों का लोकार्पण होगा।

इन खिलाड़ियों के घरों तक बनेंगी सड़कें

28 अगस्त को उप-मुख्यमंत्री मौर्य ने जिन 19 खिलाड़ियों के गांवों तक सड़क बनाए जाने का वर्चुअल शिलान्यास किया उनमें मथुरा के पवन कुमार शर्मा और आशीष गौतम (फेंसिंग), ईशा धनगर (जूडो अंडर-17 व अंदर-14) और जीतू गोला (एकल एवं युगल फेंसिंग खिलाड़ी), शामली के प्रवीन कुमार (क्रिकेटर), मेरठ के रवि कुमार (शूटर), बागपत के वरुण पहलवान (कुश्ती), कोमल शर्मा और तान्या चौधरी (एथलेटिक्स), तनु राठी (वालीबाल), गाजियाबाद की अकांक्षा बंसल (शूटिंग), बुलंदशहर के अभिषेक सिंह (कबड्डी), देवरिया के डॉ. आर.पी. सिंह (हॉकी), बाराबंकी की कविता यादव (धावक), मथुरा की वैदेही मिश्रा (फेंसिंग), बुलन्दशहर के भुवनेश्वर कुमार (क्रिकेटर), सतीश कुमार (बॉक्सिंग), शान्ति स्वरूप (नौकायन), बागपत की छवि तोमर (वालीबाल) शामिल हैं।

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