दुनिया में दीपक सी दमकी तीरंदाज दीपिका कुमारी
2017 को छोड़ हर साल जीता अंतरराष्ट्रीय पदक
शिवम शुक्ला
ग्वालियर। 21वीं सदी के दूसरे दशक को बीतने में महज छह माह बचे हैं। खेलों के लिहाज से देखें तो इस दशक में भारतीय नारी शक्ति का जलवा रहा है। बैडमिंटन, शूटिंग, मुक्केबाजी, कुश्ती, एथलेटिक्स, तीरंदाजी आदि खेलों में भारतीय बेटियों ने कमाल का प्रदर्शन किया है। आज हम खेलपथ के लगभग 10 लाख सुधि पाठकों को ऐसी धनुर्धर भारतीय बेटी दीपिका कुमारी से रूबरू करा रहे हैं जिसके लक्ष्य पर लगे सटीक निशानों से दुनिया में भारत की जमकर जय-जयकार हुई है।
अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज दीपिका कुमारी आज (30 जून) अपने जीवन की विशेष पारी अपने खिलाड़ी जोड़ीदार कोलकाता के अतनु दास के साथ खेलने जा रही हैं। देखा जाए तो इससे पहले महिला बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल भी शटलर पारुपल्ली कश्यप से शादी कर चुकी हैं। दीपिका और अतनु दास ख्यातिनाम तीरंदाज हैं। उपलब्धियों की दृष्टि से दीपिका अपने पति अतनु से काफी आगे हैं। इस साल के शुरू में दीपिका कुमारी ने एशियाई तीरंदाजी चैम्पियनशिप में दो कांस्य पदक जीते थे।
दीपिका कुमारी के एशियाई तीरंदाजी चैम्पियनशिप में जीते दो मेडलों का मतलब यह है कि वह लक्ष्य से जरा भी भटकी नहीं है। वह अगले साल टोक्यो ओलम्पिक में भारत की रीती झोली में पदक डाल सकती है। दीपिका कुमारी की जहां तक बात है, भारत की इस तीरंदाज बेटी ने बीते एक दशक में सिर्फ 2017 को छोड़कर हर साल एक अंतरराष्ट्रीय मेडल जरूर जीता है। 25 साल की दीपिका दस साल से अंतरराष्ट्रीय खेल मंचों पर न केवल प्रतिस्पर्धा कर रही हैं बल्कि मेडल जीतकर देश का गौरव भी बढ़ा रही हैं। महज 15 वर्ष की उम्र में ही दीपिका कुमारी ने दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण पदक तो एशियाई खेलों में एक कांस्य पदक जीतकर सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था।
दीपिका कुमारी ने तीरंदाजी विश्व कप में अब तक चार रजत पदक और 2011 में एशियाई तीरंदाजी चैम्पियनशिप में एक सिल्वर मेडल जीतकर साबित कर दिया कि वह भारत की सर्वश्रेष्ठ तीरंदाज हैं। दीपिका कुमारी ने 17 साल की उम्र में 2012 में अंताल्या में हुई विश्व तीरंदाजी चैम्पियनशिप में अपना पहला गोल्ड मेडल जीता था। अपने एक दशक के करियर में दीपिका कुमारी ने अब तक 23 अंतरराष्ट्रीय मेडल जीते हैं, जिसमें पांच विश्व चैम्पियनशिप गोल्ड और छह एशियाई तीरंदाजी गोल्ड मेडल शामिल हैं। इसमें 2013 में जीता मिश्रित टीम का गोल्ड भी शामिल है। अपनी शानदार सफलता के बावजूद दीपिका कुमारी अभी भी अपने ओलम्पिक पदक से दूर हैं, 2021 टोक्यो ओलम्पिक में भारत ने एक कोटा प्राप्त कर लिया है, ऐसे में वह चाहेंगी कि अगले साल जापान में एक मेडल अपने खाते में जोड़कर तीरंदाजी के क्षेत्र में नया इतिहास लिखें। दीपिका में प्रतिभा और क्षमता की कोई कमी नहीं है ऐसे में हम उम्मीद कर सकते हैं कि भारत की यह धनुर्धर बेटी टोक्यो ओलम्पिक में पदक पर निशाना जरूर लगाएगी।