बिना मैदान हैदरगढ़ में तैयार हो रहे एथलीट
सत्यम तिवारी का कहना प्रशिक्षक भी नहीं
खेलपथ प्रतिनिधि
बाराबंकी। उत्तर प्रदेश सरकार खेलों के विकास के लाख कसीदे गढ़ती हो लेकिन मुकम्मल मैदान और सुयोग्य प्रशिक्षकों की कमी प्रतिभाओं के हौसले तोड़ देती है। बाराबंकी जिले की तहसील हैदरगढ़ में न ही मैदान है और न ही प्रशिक्षक ऐसे में यहां की प्रतिभाएं अभ्यास को जाएं तो जाएं कहां? यहां की खेल प्रतिभाओं ने कई दफा खेल विभाग का ध्यान समस्या की तरफ दिलाया लेकिन आज तक निदान नहीं किया गया।
हैदरगढ़ के प्रतिभाशाली एथलीट सत्यम तिवारी ने खेलपथ प्रतिनिधि को बताया कि कहने को हम तहसील में रहते हैं लेकिन यहां कोई शासकीय मैदान और प्रशिक्षक नहीं है। हमने अपने प्रयासों से एक मैदान तैयार किया है जिसमें सुबह-शाम लगभग 50 प्रतिभाशाली खिलाड़ी विभिन्न खेलों सहित आर्मी में प्रवेश की तैयारी करते हैं। सत्यम स्वयं भी 100 और 200 मीटर के उदीयमान धावक हैं।
सत्यम का कहना है कि बाराबंकी जिले को खेलों में यदि शोहरत हासिल करनी है तो जिले की हर तहसील में मैदान की व्यवस्था के साथ खेल प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जानी चाहिए। हैदरगढ़ के खिलाड़ी बिना प्रशिक्षक के ही विभिन्न खेलों का अभ्यास करते देखे जा सकते हैं। सत्यम का कहना है खिलाड़ियों ने कई दफा खेल विभाग का ध्यान समस्याओं की तरफ दिलाया है लेकिन किसी ने भी सुध नहीं ली। सत्यम कहते हैं कि मैं अपने जिले का नाम रोशन करने को लगातार मेहनत कर रहा हूं। खेल विभाग को हैदरगढ़ की प्रतिभाओं की समस्या का निदान करना चाहिए क्योंकि उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ही अधिकाधिक खेल प्रतिभाएं हैं।