बत्रा ने बाक को पत्र लिखकर चुनाव में अनियमितता के आरोपों को खारिज किया

नई दिल्ली। नरिंदर बत्रा ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के अध्यक्ष बनने के दौरान किसी भी नियम के उल्लंघन से इनकार करते हुए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) प्रमुख थॉमस बाक पत्र लिख कर आरोपों को खारिज करने को कहा। आईओए अध्यक्ष के तौर पर ढाई साल का कार्यकाल पूरा कर चुके बत्रा पर इसके उपाध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने आरोप लगाया था कि वह तत्कालीन संविधान के मुताबिक अध्यक्ष पद के चुनाव को लड़ने के योग्य नहीं थे।

मित्तल ने अंतराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) को भेजे पत्र में आरोप लगाया कि बत्रा को देश के शीर्ष खेल निकाय के चुनाव लड़ने की अनुमति देने में कुछ चीजों पर पर्दा डाला गया।  बत्रा ने बाक को भेजे संदेश में इसका खंडन किया। उन्होंने कहा, ''मैं व्यक्तिगत रूप से आपको आश्वस्त करना चाहूंगा कि 14 दिसंबर 2017 को भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष के चुनाव में मैंने भारतीय ओलंपिक संघ या अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ के किसी भी नियम या अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं किया है।''

उन्होंने कहा, ''यह बहुत निराशाजनक है कि उस चुनाव में खुद उपाध्यक्ष चुने गए मित्तल अब मेरी छवि और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे है, क्योंकि वह खुद 2021 में होने वाले चुनाव में इस पद के लिए उम्मीदवारी पेश करना चाहते है।''
 
बत्रा के चुनाव की अवैधता पर मित्तल के आरोप ऐसे समय आए हैं, जब आईओए के शीर्ष अधिकारियों के बीच मतभेद की खबरें सामने आयी हैं। मित्तल ने इससे पहले अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को लिखे पत्र में दावा किया था कि बत्रा अवैध तरीके से आईओए के अध्यक्ष चुने गए थे। मित्तल का मुख्य आरोप 2013 के आईओए के उस संविधान से जुड़ा है जो आईओसी द्वारा अनुमोदित है । इसके मुताबिक अध्यक्ष पद के उम्मीदवार को पूर्ववर्ती कार्यकारी परिषद का सदस्य होना चाहिए और बत्रा इसके सदस्य नहीं रहे थे।

आईओसी में भारत के सदस्य बत्रा ने बाक को भेजे संदेश में मित्तल पर उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया और दावा किया कि एफआईएच प्रमुख के पद पर उनके चुनाव के बाद हितों के टकराव का मुद्दा नहीं बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा, ''मित्तल के ई-मेल से उनकी इस मंशा का पता चलता है कि वह 2021 में होने वाले भारतीय ओलंपिक संघ चुनाव से पहले मेरी प्रतिष्ठा को खराब करना चाहते है।''

उन्होंने दावा किया, ''अनुच्छेद 7.2 3 नवंबर 2018 से एफआईएच कानून में है। भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष पद के लिए मेरा चुनाव 14 दिसंबर 2017 को हुआ था और इस तरह यह अनुच्छेद मेरे आईओए चुनाव के समय लागू नहीं था।'' उन्होंने कहा, ''अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ के अध्यक्ष के तौर पर मेरे चुनाव में हितों का कोई टकराव नहीं हो इसलिए मैंने 25 नवंबर 2016 को हॉकी इंडिया के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।''

बत्रा के घर काम करने वाला एक कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था, जिसके बाद से वह पृथकवास में है। उन्होंने उम्मीद जताई की आईओसी प्रमुख उनके स्पष्टीकरण को आधिकारिक मानेंगे। उन्होंने कहा कि जब वह कार्यालय जाना शुरु करेंगे, तब विस्तृत जवाब भेजेंगे।

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