चक्रवात अम्फान के बाद पेशेवर फुटबॉलर के पास अब रहने के लिए छत तक नहीं

कोलकाता। अपने करियर में कई बार उन्होंने करारे शॉट रोककर अपनी टीम को जीत दिलाई है, लेकिन गोलकीपर मिथुन सामंत 20 मई को चक्रवात अम्फान के आने पर अपने घर और खेतों का बचाव नहीं कर पाए और अब आलम यह है कि उनके पास छत तक नहीं है। दक्षिण 24 परगना के बुदाखली गांव के रहने वाले 27 वर्षीय सामंत के घर की छत आधी रह गई है और वह जर्जर अवस्था में है। मिट्टी की उसकी दीवारें टूट गई हैं। परिवार के एकमात्र कमाई करने वाले सामंत अब इस विपदा से उबरने की कोशिशों में लगे हैं। 
हाल में रीयल कश्मीर फुटबॉल क्लब से जुड़ने वाले सामंत ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''चक्रवात अम्फान ने हमारी जिंदगी बर्बाद कर दी। मिट्टी से बना हमारा घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। हमारे सिर के ऊपर छत नहीं है और दो दीवारें गिर गयी हैं। एक अन्य दीवार टूटने की स्थिति में है। हमारी खेती भी बर्बाद हो गई है। 
मुरी गंगा नदी उनके घर से केवल 600 किमी की दूरी पर है और वह उनके लिए खतरा बनी हुई, जो चक्रवात से किसी तरह से बच गए हैं। उन्होंने दावा किया, ''हर दिन सूर्यास्त से पहले मैं मुरी गंगा नदी के तट पर जाकर देखता हूं कि उसमें पानी का स्तर कितना है और वह अपने घर से कितनी दूर रह गई है। जिस तेजी से नदी अपने किनारों को काट रही है उसे देखते हुए हमें जल्द ही रहने के लिए नई जगह ढूंढनी पड़ सकती है।''
सामंत ने तीन साल पहले ही पेशेवर फुटबॉल खेलनी शुरू की थी। उन्होंने कहा कि वह जितनी भी कमाई करते हैं वह परिवार पालने में ही खर्च हो जाते हैं जबकि उनके पिता सुपारी की खेती करते हैं। पूर्व में मोहन बागान की तरफ से खेलने वाले सामंत ने कहा, ''लोग पूछ सकते है। कि मैंने पर्याप्त बचत क्यों नहीं की। मैं केवल तीन साल से खेल रहा हूं और मैंने जितनी भी कमाई की वह परिवारिक खर्चों में समाप्त हो गयी। मुझे यह कहते हुए शर्म आ रही है लेकिन मेरे पास अपना घर बनाने या खेती फिर से शुरू करने के लिए पैसे नहीं हैं।''    
पिछले दो सप्ताह से इस परिवार की नींद उड़ी हुई है। इस गोलकीपर ने कहा कि वे टूटी छत और दीवारों को ढकने के लिए तिरपाल और प्लास्टिक शीट का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ''तेरह दिन हो गये लेकिन अभी तक हमारे क्षेत्र में फिर से बिजली नहीं आ पाई है।'' 
सामंत ने 20 मई की घटना को याद करते हुए कहा, ''हम बाल-बाल बचे। छत टूट गई और कुछ देर बाद कमरों में पानी भर गया। हम पास में ही अपने रिश्तेदार के घर चले गये। हमारी किस्मत अच्छी थी जो किसी को चोट नहीं लगी।'' इस फुटबॉलर से पूछा गया कि क्या उन्होंने किसी से मदद के लिए कहा है तो उन्होंने बताया कि मोहन बागान के उनके पूर्व साथी शिल्टन पॉल हाल में उनके पास आए थे और उन्होंने मदद का आश्वासन दिया है।
उन्होंने कहा, ''मैं अपनी तरफ से हर तरह से कोशिश कर रहा हूं। शिल्टन दा पिछले सप्ताह आए थे और मेरे घर की तस्वीरें लेकर चले गए। उन्होंने मदद का वादा किया है।'' पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री अरूप बिस्वास को मिथुन की वित्तीय स्थिति के बारे में बताया गया तो उन्होंने कहा कि वह जल्द ही उनसे संपर्क करने की कोशिश करेंगे। बिस्वास ने पीटीआई से कहा, ''चक्रवात अम्फान से प्रभावित सभी खिलाड़ियों को हमारी सरकार से मदद मिली है। कोई भूखा नहीं रहेगा। हम मिथुन की मदद करेंगे।

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