अलका लाम्बा के अमर्यादित बोल

प्रधानमंत्री मोदी और पहलवान योगेश्वर दत्त को कहा भला-बुरा  

श्रीप्रकाश शुक्ला

नई दिल्ली। आज देश संक्रमणकाल के दौर से गुजर रहा है। ऐसे नाजुक समय में जब हमें सब्र रखते हुए लोगों की मदद को आगे आना चाहिए, अलका लाम्बा जैसी हल्की सोच की महिला ने देश के प्रधानमंत्री और खिलाड़ी योगेश्वर दत्त के खिलाफ जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया वह उनकी बीमार मानसिकता का ही परिचायक है। 'आप' से कांग्रेस में पहुंचीं दिल्ली की नेत्री अलका लाम्बा को यह ध्यान रखना चाहिए कि संकट की इस घड़ी में सियासी रोटी सेंकने से उन्हें अपयश के अलावा कुछ भी हासिल नहीं होगा।

अलका लाम्बा का भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञों को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की नाजायज औलाद कहना बेहद शर्मनाक है। अलका लाम्बा का पहलवान योगेश्वर दत्त से यह कहना कि अपनी मां से पूछ कि तेरा बाप कौन है इनकी ओछी मानसिकता और मानसिक दिवालियेपन का परिचायक है। आज जब समूची दुनिया भारत की व्यवस्थाओं को सराह रही है, ऐसे समय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अलका के बिगड़े बोल निःसंदेह अक्षम्य हैं। कांग्रेस आलाकमान को इस आपत्तिजनक टिप्पणी को गम्भीरता से लेने की दरकार है। अलका लाम्बा को इस बात का इल्म होना चाहिए कि अमेरिका जैसा सम्प्रभु देश आज कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए भारत से सहायता और सम्मिलित प्रयास चाह रहा है। प्रधानमंत्री मोदी और योगेश्वर दत्त जैसी शख्सियतों पर कुछ भी बोलने से पहले अलका लाम्बा को स्वयं की समीक्षा कर लेनी चाहिए कि आखिर वह क्या हैं।

अलका लाम्बा ने साल 1994 में सियासत की दुनिया में कदम रखा था। साल 1997 में अलका लाम्बा कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनकर सुर्खियों में आईं। साल 2003 में अलका लाम्बा कांग्रेस के टिकट पर दिल्ली की मोती नगर विधानसभा सीट से भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना के खिलाफ भी चुनाव लड़ी थीं, लेकिन हार गईं। अलका एक एनजीओ ‘गो इंडिया फाउंडेशन’ भी चलाती हैं और उसकी अध्यक्ष हैं। 2014 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह आम आदमी पार्टी का दामन थामा और विधायक बनीं लेकिन इनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों को देखते हुए इनसे केजरीवाल ने इस्तीफा मांग लिया। अब अलका लाम्बा पुनः कांग्रेस में लौट आई हैं।

अलका लाम्बा की शादी लोकेश कपूर से हुई थी। हालांकि करीब एक साल बाद ही दोनों के बीच अनबन रहने लगी और दोनों अलग हो गए। साल 2003 में अलका के पति ने आरोप लगाया कि उन्होंने उनके एक मकान पर अवैध कब्जा कर उसे अपना राजनीतिक दफ्तर बना लिया है। अलका लाम्बा के पति ने उनके ऊपर अपने परिजनों को परेशान करने का भी आरोप लगाया था। अलका लाम्बा का एक बेटा भी है, जिसका नाम ऋतिक है। फिलहाल उनके पति से अलका का तलाक हो चुका है।

अलका लाम्बा का विवादों से भी पुराना नाता रहा है। साल 2012 में गुवाहाटी में हुए रेप के एक मामले में अलका लाम्बा के ऊपर पीड़िता की पहचान उजागर करने का आरोप लगा। सितम्बर 2014 में अलका लाम्बा और आप के पूर्व विधायक विनोद कुमार बिन्नी के बीच सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर एक पोस्ट को लेकर विवाद छिड़ गया। इस पोस्ट में अलका लाम्बा के ऊपर सेक्स रैकेट चलाने का आरोप लगाया गया था। अलका लाम्बा ने इस मामले में पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी। इसके बाद साल 2015 में अलका लाम्बा के ऊपर आरोप लगा कि उन्होंने अपने कुछ समर्थकों के साथ मिलकर भाजपा विधायक ओपी शर्मा की दुकान में जबरन प्रवेश किया और दुकान का सामान इधर-उधर फेंक दिया। खैर अपने कालेज जीवन में बेहतरीन खिलाड़ी रहने वाली अलका लाम्बा को इस बात का भान होना ही चाहिए कि शीशे के घरों में रहने वाले दूसरे के घरों में पत्थर नहीं फेंका करते।

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