स्प्रिंटर अवंतिका का कमाल

पुणे की 16 साल की धाविका अवंतिका नराले ने 200 मीटर में दुती चंद का राष्ट्रीय जूनियर रिकार्ड अपने नाम किया था और अब वह अपने ही रिकार्ड को बेहतर करना चाहती हैं। अवंतिका की इच्छा यह है कि यह रिकार्ड कुछ और सालों तक उनके ही नाम रहे। अवंतिका ने कहा, "हां, मैं अपना श्रेष्ठ समय निकालना चाहती हूं। मैं इस रिकार्ड को उस स्तर तक ले जाना चाहती हूं कि यह अगले कुछ सालों तक मेरे नाम रहे। मेरे कोच संजय पाटनकर और सुधाकर मेमाने और मैंने अपने लिए लक्ष्य निर्धारित किए हैं और मुझे उम्मीद है कि मैं इन लक्ष्यों को हासिल करने में सफल रहूंगी।"
खेलो इंडिया स्कूल गेम्स 2018 (दिल्ली ) में सबसे तेज लड़की रही अवंतिका ने बीते साल नवम्बर में रांची में आयोजित राष्टीय जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 100 तथा 200 मीटर का खिताब जीता था। यू-16 कटेगरी के 100 मीटर में अवंतिका ने 12.38 सेकेंड और 200 मीटर में 24.96 सेकेंड का समय निकाला था।
इसके बाद एसजीएफआई नेशनल स्कूल गेम्स में अवंतिका ने क्रमश: 12.08 सेकेंड और 24.60 सेकेंड का समय निकाला था। अवंतिका अधिक से अधिक सफलता हासिल करते हुए लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहती हैं क्योंकि वह अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारना चाहती हैं। उनके पिता संतोष नराले ने पलंबर का काम छोड़ दिया है और पूरे समय अपनी बेटी के साथ रहते हैं। अवंतिका ने कहा, "मुझे यकीन है कि मैं अपने परिवार को आर्थिक तंगी से निकालने में सफल रहूंगी। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे ऐसे माता-पिता मिले। 
अवंतिका उन दिनों को याद करती हैं, जब वह पहली बार शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में आया करती थीं। अवंतिका ने कहा, "मेरे शिक्षक शिवाजी मेहेत्रे मुझे कबड्डी खेलते देखा करते थे। एक दिन उन्होंने मुझसे अपने स्कूल के लिए दौड़ने के लिए कहा। मैं खाली पैर दौड़ी और अपने स्कूल के लिए स्वर्ण पदक जीतने में सफल रही।"
लोनार महाविद्यालय में 10वीं की छात्रा अवंतिका अपने स्कूल का शुक्रगुजार हैं क्योंकि स्कूल प्रशासन ने हाजिरी की चिंता किए बगैर उन्हें अपने सपनों को पूरा करने की आजादी दी। अवंतिका का तीन सूत्री एजेंडा है। पहला-वह अपन राज्य के लिए एक और पदक जीतना चाहती हैं। दूसरा-वह ऐसा समय निकालना चाहती हैं, जिसे खेलो इंडिया प्लेटफार्म पर कोई तोड़ नहीं पाए और तीसरा-वह देश का नाम रोशन करना चाहती हैं। साल 2018 में अवंतिका ने दो चैम्पियनशिप में दो स्पिंट डबल हासिल किए और इससे उनके तीनों दावों को बल मिलता है। अवंतिका मानती हैं कि इंसान की इच्छाशक्ति बहुत बड़ी चीज होती है और अगर इच्छाशक्ति है तो रास्ते अपने-आप बनते चले जाते हैं। 

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