जिम्नास्टिक को गांव-गांव तक पहुंचाने का जुनून
फिटनेस क्वीन अंतिका का जलवा
मऊ जिले के मुंगेसर गांव को नई पहचान दिला रही है किसान की बेटी
श्रीप्रकाश शुक्ला
देश में बेटियों को लेकर तरह-तरह की बातें होती हैं। बदलते समाज के बावजूद आज भी इन्हें चूल्हे-चौके के काबिल ही माना जाता है जबकि हमारी बेटियां खेल मैदानों से लेकर अंतरिक्ष तक की उड़ानें भर शिक्षा जगत में अपनी मेधा का परचम लहरा रही हैं। बेटियों के दिल में भी मादरेवतन की अस्मिता की फिक्र है। बेटियां रेलगाड़ी चला रही हैं तो विमान उड़ानें में भी पीछे नहीं हैं। पुलिस में रहकर देश की आंतरिक सुरक्षा की जवाबदेही सम्हालने की बात हो या फिर सेना में पहुंच कर मुल्क की हिफाजत करने का जुनून बेटियां किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं। 11 नवम्बर, 1992 को उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के छोटे से गांव मुंगेसर में ओम प्रकाश-ऊषा राय के घर जन्मी अंतिका प्रकाश राय के दिलोदिमाग में भी अब सिर्फ और सिर्फ स्वच्छ और स्वस्थ भारत की धुन सवार है। अब तक राष्ट्रीय क्षितिज पर जिम्नास्टिक, योगा, एरोबिक्स एण्ड जुम्बा में अनगिनत कामयाबियां हासिल कर चुकी अंतिका जिम्नास्टिक को गांव-गांव तक लोकप्रिय बनाने के साथ ही खेल-खेल में देशवासियों को फिट और हिट रहने का संदेश दे रही हैं।
आज किसी भी मां-बाप के लिए अपनी बेटी को अपने से दूर रखना दिल में पत्थर रखने के समान होता है लेकिन जांबाज अंतिका स्वस्थ भारत के सपने को साकार करने के लिए देश के दिल दिल्ली के पास नोएडा में नौनिहालों को जिम्नास्टिक के गुर सिखाने के साथ ही तन-मन से हर मानव के सम्पूर्ण विकास के लिए प्रयासरत हैं। किसान की बेटी अंतिका प्रकाश राय के चार बहनें और एक भाई है। अंतिका की बड़ी बहन प्रियंका नेशनल एथलीट रही हैं। प्रियंका ने 100 मीटर दौड़ और लम्बीकूद में उत्तर प्रदेश के लिए पदक भी जीते लेकिन आज वह देश की ख्यातिनाम वीर रस की कवयित्री हैं। अंतिका की दो और बहनें मुद्रिका और प्रमदा बतौर प्राध्यापक महाविद्यालयों में उच्च शिक्षा की अलख जगा रही हैं। बहन प्रज्ञा और भाई चंद्र प्रकाश को अपनी बहनों पर गर्व है। जिम्नास्टिक के क्षेत्र में अंतिका बेशक दीपा कर्माकर की तरह सुर्खियां नहीं बटोर पाई हों लेकिन आज इस खेल के समुन्नत विकास के लिए वह प्राणपण से जुटी हुई हैं। अंतिका को बचपन से ही खेलों से लगाव रहा है। मुंगेसर गांव की इस बेटी को बचपन में जहां पर्याप्त सुविधाएं मयस्सर नहीं थीं वहीं उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में खेल संस्कृति का भी बेहद अभाव रहा है। अंतिका के माता-पिता भी अन्य अभिभावकों की तरह असमंजस में रहे कि बेटी को उच्च तालीम दिलाएं या फिर उसे जिम्नास्टिक में करियर बनाने दें। जिम्नास्ट का खानपान, तैयारी, प्रशिक्षण अन्य खेलों से कहीं अलग होता है।
अंतिका ने छोटे से गांव मुंगेसर के प्राइमरी स्कूल से पांचवीं तक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज गोरखपुर में दाखिला लिया। जिम्नास्ट बेटी ने यहां अपना खेल निखारने के साथ ही हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी की। जिम्नास्टिक में अपना करियर बनाने को बेताब अंतिका ने इसके बाद के.डी. सिंह बाबू स्टेडियम लखनऊ में दाखिला लिया और जिम्नास्टिक की बारीकियों को सीखने में दिन-रात एक कर दिया। अंतिका ने पढ़ाई के साथ ही साथ जिला, राज्य और नेशनल स्तर तक की प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का शानदार आगाज करते हुए दर्जनों मैडल जीते और प्रदेशस्तर पर मऊ का नाम रोशन किया। इण्टर की परीक्षा पास करने के बाद इस जिम्नास्ट बेटी ने ग्वालियर (मध्य प्रदेश) के लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान से बी.पी.एड. और क्षत्रपति साहू जी महाराज कानपुर विश्वविद्यालय से एम.पी.एड. की डिग्री हासिल की।
अंतिका प्रकाश ने 2005 से 2009 तक राष्ट्रीय स्तर की कई जिम्नास्टिक प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करते हुए विजेता और उपविजेता होने का गौरव हासिल किया। अंतिका प्रकाश ने आल इण्डिया यूनिवर्सिटी खेलों में भी स्वर्णिम सफलता हासिल की। इस जिम्नास्ट बेटी ने 2005 से 2013 के बीच हुई राज्यस्तरीय जिम्नास्टिक प्रतियोगिताओं में भी स्वर्ण, रजत और कांस्य पदकों से अपने गले सजाए। जिम्नास्टिक के साथ-साथ अंतिका ने एरोबिक्स चैम्पियनशिप में भी स्वर्णिम सफलताएं हासिल की हैं। अंतिका एरोबिक्स में व्यक्तिगत के साथ-साथ टीम स्पर्धा में भी शानदार प्रदर्शन कर एक हरफनमौला खिलाड़ी होने का गौरव हासिल कर चुकी हैं। अंतिका ने एरोबिक्स की सीनियर नेशनल चैम्पियनशिप में भी कई पदक जीते हैं। अंतिका ने 2010 और 2011 में जेज डांस एण्ड फिटनेस वर्कशॉप में शिरकत कर एक इंसान स्वस्थ और फिट कैसे रह सकता है, इसकी जानकारी हासिल की है। खेल के साथ-साथ इस जिम्नास्ट बेटी को कई बार राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षक के साथ ही विभिन्न प्रतियोगिताओं में निर्णायक की भूमिका निर्वहन का मौका भी मिल चुका है। अंतिका ने योग के क्षेत्र में भी बेशुमार उपलब्धियां और सम्मान हासिल किए हैं।
नोएडा के एक ख्यातिनाम स्कूल में बतौर स्पोर्ट्स आफीसर सेवाएं दे रही हैं अंतिका प्रकाश का कहना है कि मानव के सम्पूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास के लिए खेल बहुत ही जरूरी है। सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है कि नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम किए जाएं। अंतिका का कहना है कि कोई भी अपनी जिन्दगी में एरोबिक को शामिल कर सेहतमंद जिन्दगी जी सकता है। इंसान का हृदय एक तरह की मांसपेशी है, इसे ताकतवर बनाने के लिए व्यायाम की जरूरत होती है। एरोबिक से आत्मविश्वास, यादाश्त और ब्रेन फंक्शन बढ़ता है। एरोबिक एक्सरसाइज कैलरी को बर्न करने में मददगार होती है तथा शरीर में जमा एक्स्ट्रा फैट को कम करती है। अंतिका कहती हैं कि अच्छा दिखने और स्वस्थ रहने के लिए एरोबिक एक्सरसाइज आपके स्टेमिना को बढ़ाती है और ज्यादा ऊर्जा प्रदान करती है। इससे अच्छी नींद आती है और तनाव भी कम होता है।
अंतिका का कहना है कि किसी भी व्यायाम के तुरंत बाद थकान महसूस होती है लेकिन लम्बे समय तक व्यायाम करने से शक्ति और बढ़ जाती है। नियमित व्यायाम से थकान अपने आप खत्म होती है। एरोबिक व्यायाम करने से मेमोरी लॉस और सिजोफ्रेनिया जैसी बीमारियों के शिकार लोगों की याददाश्त में सुधार होता है तथा मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति और ऑक्सीजन का बेहतर इस्तेमाल करने की क्षमता बढ़ती है। अंतिका प्रकाश का कहना है कि वह भविष्य में गांव-गांव में जिम्नास्टिक और एरोबिक्स प्रचार-प्रसार करना चाहती हैं ताकि देश का हर नागरिक स्वस्थ रहे। अंतिका अब तक के अपने इस सफर को चुनौतीपूर्ण मानते हुए कहती हैं कि मैं एक किसान परिवार में जन्मी हूं। मैंने हर परिस्थिति को चुनौती के रूप में लिया है। गांव से यहां तक का सफर मेरे लिए सहज नहीं रहा है लेकिन मैंने सीखा है कि इंसान यदि ठान ले तो कोई काम कार्य असम्भव नहीं होता। मैं चाहती हूं कि हर बच्चा किसी न किसी खेल में जरूर शिरकत करे ताकि स्वस्थ भारत के सपने को साकार किया जा सके। सही मायने में अंतिका उत्तर प्रदेश की फिटनेस क्वीन कहलाने की हकदार हैं।