फर्स्ट क्लास 10 हजारी क्रिकेटर से लोकप्रिय कॉमेंटेटर बनने की कहानी
आकाश चोपड़ा का जन्मदिन आज
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट में कई ऐसी शख्सियत हैं जो क्रिकेट के मैदान पर तो कोई कमाल नहीं दिखा सके, लेकिन बाद में क्रिकेट को अपनी दी गई बेहतरीन सेवा के लिए याद किए जाते हैं. ऐसे ही एक शख्स हैं दिल्ली के आकाश चोपड़ा जिन्हें टीम इंडिया के फैंस याद करते हैं जब भी इन दिनों टीम का कोई मैच होता है. आकाश ने कम समय में टीम इंडिया के फैंस में अपनी बेहतरीन हिंदी कॉमेंट्री से खास जगह बनाई है.
आकाश का कॉमेंट्री करने का अंदाज तो निराला है ही लेकिन उनकी हिंदी में कॉमेंट्री करने के अंदाज के साथ साथ उनकी क्रिकेटीय समझ के भी लोग खासे कायल हैं जो उनके कॉमेंट्री के दौरान साफ झलकती है. आकाश सोशल मीडिया पर भी सक्रिय हैं और कई बार अपने कमेंट्स से चर्चा में भी रहते हैं. सोशल मीडिया, खासतौर पर ट्विटर पर उनकी खासी फैन फॉलोइंग है ट्विटर पर उनके तीन मिलियन फॉलोअर हैं.
आकाश ने टीम इंडिया के लिए केवल 10 टेस्ट मैच ही खेले हैं और वे टीम इंडिया के लिए कोई वनडे मैच नहीं खेल सके. इतने कम इंटरनेशनल अनुभव के बाद भी उनकी कॉमेंट्री में परिपक्वता का राज उनके घरेलू क्रिकेट अनुभव में छिपा है. आकाश ने 1997-98 से फर्स्ट क्लास मैच खेलने शुरू किए थे. जबकि 2013 में उन्होंने आखिरी मैच खेला था. आकाश एक तकनीकी रूप से सशक्त बल्लेबाज रहे. वे क्रीज में टिके रहने का बहुत शानदार धैर्य दिखाते और शायद ही कभी अपना विकेट फेंकते देखे गए.
कैसा रहा करियर
अपने 10 टेस्ट के करियर में आकाश ने ऑस्ट्रेलिया में चार टेस्ट मैच खेले जहां उन्होंने बढ़िया बल्लेबाजी तो की लेकिन वे 50 प्लस का स्कोर बनाने में कामयाब नहीं हुए जिससी वजह से उनकी प्रतिभा को तवज्जो नहीं मिल सकी. उन्होंने 10 टेस्ट की 19 पारियों में 23 के औसत से 437 रन बनाए जिसमें दो फिफ्टी के साथ उनका सर्वोच्च स्कोर 60 रन है. आकाश ने 162 फर्स्टक्लास टेस्ट में 10839 रन बनाए हैं जोकि उनके क्रिकेटीय ज्ञान में झलकते हैं. उनके नाम 29 फर्स्ट क्लास शतक और 53 हाफ सेंचुरी हैं. करियर के आखिरी पड़ाव में वे हिमाचल प्रदेश के कप्तान थे.
आकाश एक बेहतरीन कॉ़मेंटेटर के साथ एक क्रिकेट लेखक भी हैं वेबसाइट पर उनके लेख विशेष टिप्पणी के तौर पर आते रहते हैं. इसके अलावा वे क्रिकेट पर किताबें भी लिख चुके हैं. उनकी किताबों में बियोंड द ब्लूज: 'ए फर्स्ट क्लास सीजन लाइक नो अदर', 'आउट ऑफ द ब्लू' प्रमुख हैं. उनके लेखन को समीक्षकों ने बहुत पसंद किया है. इसके अलावा वे सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ की किताबों में आकाश चोपड़ा पर एक-एक चैप्टर है.