ठंड में गुनगुने पानी और तरल पदार्थों का करें सेवनः डॉ. मंजू पांडेय

बुधवार को केडी हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग में दो सौ से अधिक मरीजों का हुआ उपचार

मथुरा। के.डी. हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग में बुधवार को विभिन्न बीमारियों के 200 से अधिक मरीज आए, जिनकी जांच करने के बाद उनका उपचार किया गया। चिकित्सकों ने मरीजों को ठंड से बचने की सलाह दी। विभागाध्यक्ष मेडिसिन डॉ. मंजू पांडेय ने बताया कि सर्दी के मौसम में सर्दी-जुकाम और श्वसन सम्बन्धी बीमारियां आम हो जाती हैं। तापमान गिरने के साथ ही मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

डॉ. मंजू पांडेय ने बताया कि कम तापमान दिल पर अतिरिक्त दबाव डालकर दिल के दौरे का खतरा बढ़ा देता है। अधिक ठंड के चलते शरीर की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं। इससे रक्तचाप बढ़ जाता है, जो दिल पर दबाव डालता है। इतना ही नहीं रक्त में मौजूद प्लेटलेट्स भी आपस में चिपकने लगते हैं, जिससे रक्त का थक्का बनने का खतरा बढ़ जाता है।

डॉ. पांडेय ने बताया कि उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह जैसी बीमारियों से बचने के लिए हमें गर्म कपड़े पहनने चाहिए। इतना ही नहीं हमें गुनगुना पानी तथा तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। ठंड में कानों को ढंककर रखें तथा थोड़ा व्यायाम जरूर करें। डॉ. पांडेय ने बताया कि ठंड का मौसम, घर के अंदर हीटिंग और कम धूप वायरस, जीवाणु संक्रमण और त्वचा संबंधी समस्याओं के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा करते हैं। सर्दी में  कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली और ठंडी हवा के सम्पर्क में आने से अस्थमा और गठिया जैसी पुरानी बीमारियां और भी गम्भीर हो जाती हैं।

डॉ. पांडेय ने बताया कि ठंड से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि अत्यधिक ठंड होने पर घर के अंदर ही रहें। यदि काम या अन्य प्रतिबद्धताओं के कारण आपको बाहर जाना पड़ता है तो ढीले और गर्म कपड़ों की कई परतें पहनें। घर से बाहर रहने का समय सीमित करें तथा गीले या ठंडे कपड़े तुरंत बदल लें। डॉ. पांडेय ने बताया कि कम नमी, तेज हवाएं और घर के अंदर की शुष्क गर्मी आपकी त्वचा की प्राकृतिक नमी को छीन सकती है। सूखी त्वचा हमेशा हानिकारक नहीं होती लेकिन यह दर्दनाक हो सकती है और एक्जिमा जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती है, जिन्हें अक्सर सूखी त्वचा समझ लिया जाता है क्योंकि इनमें त्वचा का छिलना या पपड़ी उतरना आम लक्षण हैं।

एंटीबैक्टीरियल और डिटर्जेंट आधारित साबुन के साथ-साथ खुशबूदार उत्पाद का उपयोग करने से बचें। इन उत्पादों में अक्सर त्वचा को सुखाने वाले तत्व होते हैं। लोशन लगाने के बजाय, नहाने के बाद नम त्वचा पर खुशबू रहित क्रीम या मलहम लगाएं। सेरामाइड युक्त उत्पादों का उपयोग करें, जो आपकी त्वचा की सुरक्षात्मक परत को सुरक्षित रखने में मदद करता है। अपनी हथेलियों और पैरों के तलवों को मॉइस्चराइज़ करना न भूलें, सूखने पर इन जगहों पर अक्सर दर्दनाक दरारें पड़ जाती हैं। हाथों को धोने या सैनिटाइज करने के बाद नियमित रूप से हैंड क्रीम जरूर लगाएं।

 

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