के.डी. मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने दिया स्वस्थ समाज का संदेश
रान्हेरा के लोगों को वन हेल्थ की अवधारणा से किया जागरूक
मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग द्वारा आईएपीएसएम और आईसीएमआर के निर्देशन में मंगलवार को गांव रान्हेरा में 'वन हेल्थ अवेयरनेस रैली' निकाली गई। इस अवसर पर नोडल आफिसर (वन हेल्थ) डॉ. निखिल थोरात ने लोगों को जूनोटिक रोगों तथा पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूक किया। वन हेल्थ रैली में सीनियर एवं जूनियर रेजिडेंट्स के साथ बड़ी संख्या में एमबीबीएस छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।
वन हेल्थ जागरूकता रैली में रान्हेरा के लोगों को स्वास्थ्य संरक्षण, पर्यावरण संतुलन एवं एकीकृत स्वास्थ्य दृष्टिकोण से संबंधित नारों एवं स्लोगनों के माध्यम से जागरूक किया गया। नोडल आफिसर डॉ. निखिल थोरात ने बताया कि इस जागरूकता अभियान का मकसद इंसानों, जानवरों और पर्यावरण के स्वास्थ्य को जोड़ने वाली 'वन हेल्थ' की वैश्विक अवधारणा को बढ़ावा देना है। डॉ. थोरात ने ग्रामीणों को के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के ग्रामीण स्वास्थ्य एवं प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा दी जा रही सुविधाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम थोड़ी सी समझदारी दिखाकर इंसान, जानवर और पर्यावरण को बचा सकते हैं।
विभागाध्यक्ष कम्युनिटी मेडिसिन डॉ. अमनजोत कौर चौहान ने अपने संदेश में कहा कि रेबीज, कोविड-19 और एवियन इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों से लड़ने के लिए आज चिकित्सा, पशु चिकित्सा और पर्यावरण के क्षेत्र में मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इंसानों, जानवरों और हमारे आसपास के पर्यावरण का स्वास्थ्य आपस में जुड़ा हुआ है। अगर एक भी चीज बीमार होती है, तो उसका असर दूसरों पर जरूर पड़ता है। डॉ. कौर ने कहा कि वन हेल्थ जागरूकता रैली का उद्देश्य वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा में सुधार करना, मानव और पशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाना, जैव विविधता की रक्षा करना तथा स्वच्छ वायु, जल तथा मिट्टी की आवश्यकता पर जोर देना है।
प्राचार्य और डीन डॉ. आर.के. अशोका ने अपने संदेश में कहा कि वन हेल्थ की अवधारणा भविष्य के स्वास्थ्य सुरक्षा तंत्र की आधारशिला है। जिसमें मानव, पशु और पर्यावरण का स्वास्थ्य एक-दूसरे से अभिन्न रूप से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह एक साझा प्रयास है जो सभी के स्वास्थ्य की रक्षा करेगा। डॉ. अशोका ने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियां छात्र-छात्राओं को जनस्वास्थ्य के प्रति उत्तरदायी बनाने के साथ उनमें नेतृत्व भावना का विकास करेंगी।
के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने कहा कि ऐसी बीमारियों से निपटने के लिए सभी को एक साथ आना होगा। श्री अग्रवाल ने कहा कि चिकित्सा, पशु चिकित्सा और पर्यावरण के विशेषज्ञों को मिलकर काम करने की जरूरत है। इससे हम रेबीज जैसी बीमारियों को रोक सकते हैं। साथ ही कोविड-19 और एवियन इन्फ्लूएंजा जैसी महामारियों से भी बेहतर तरीके से लड़ सकते हैं। वन हेल्थ रैली में डॉ. निखिल थोरात, डॉ. सुभ्रा दुबे, डॉ. श्वेता सिंह आदि के साथ बड़ी संख्या में मेडिकल छात्र-छात्राएं शामिल थे।
चित्र कैप्शनः गांव रान्हेरा में 'वन हेल्थ अवेयरनेस रैली' निकालते चिकित्सक और मेडिकल छात्र-छात्राएं।
