विश्व चैम्पियन स्वीटी की वापसी का बड़ा मंच तैयार

विश्व कप फाइनल्स में दबदबे को रिंग में उतर रहीं बेटियां

चैम्पियन बनीं तो जैस्मिन-मीनाक्षी बनेंगी नम्बर एक

खेलपथ संवाद

नई दिल्ली। पेरिस ओलम्पिक के बाद से पूर्व विश्व चैम्पियन निकहत जरीन (51) के लिए मुक्केबाजी के रिंग में वापसी आसान नहीं रही है। विश्व चैम्पियनशिप में वह कोई कमाल नहीं दिखा सकीं, लेकिन अपने घर में होने जा रहा विश्व कप फाइनल्स सिर्फ उनके लिए ही नहीं बल्कि 2023 की विश्व चैम्पियन स्वीटी के लिए भी वापसी का बड़ा मंच बनने जा रहा है।

14 नवम्बर से ग्रेटर नोएडा के शहीद विजय सिंह पथिक स्टेडियम में होने वाले इस टूर्नामेंट को निकहत और स्वीटी ने स्वर्णिम लक्ष्य बनाया है। स्वीटी तो दो वर्ष पूर्व विश्व चैम्पियन बनने के बाद पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में शिरकत करने जा रही हैं। वह भी अपने पुराने भार वर्ग 75 किलो में।

इस टूर्नामेंट में मेजबान होने के नाते भारत पुरुष और महिलाओं के सभी 10-10 भार वर्गों में अपने मुक्केबाज उतारने जा रहा है। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह की मानें तो हाल ही में लिवरपूल में विश्व चैम्पियन बनने वाली जैस्मिन (57) और मीनाक्षी हुड्डा (48) अगर विश्व कप फाइनल्स में विजेता बनती हैं तो दोनों अपने भार वर्गों में दुनिया की नम्बर एक मुक्केबाज बन जाएंगी।

चोटिल लवलीना की जगह खेल रहीं स्वीटी कहती हैं कि 2023 में विश्व चैम्पियन बनने के बाद उनके लिए दो साल उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं। 75 किलो भार वर्ग उनके लिए नया नहीं है। उनका वजन 76 से 77 किलो के आसपास ही रहता है, इसलिए वजन कम करने में परेशानी नहीं हुई। विश्व कप के जरिये वह फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाप छोड़ने उतरेंगी। वहीं, निकहत कहती हैं कि यह टूर्नामेंट उनके लिए अहम है। वह स्वर्ण जीतकर 300 अंक जुटाते हुए रैंकिंग सुधारेंगी।

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