तवांग इंटरनेशनल मैराथन में दिखा जोश और जुनून

लेफ्टिनेंट जनरल गंभीर बोले- 10,500 फीट की ऊंचाई पर दौड़े धावक

खेलपथ संवाद

तवांग (अरुणाचल प्रदेश)। भारत-चीन सीमा से सटे तवांग के शांत पहाड़ों पर शुक्रवार को जब सुबह की पहली किरण फूटी, तो 10500 फीट की ऊंचाई पर गूंज उठा जोश, जूनून और देशभक्ति का संगम, तवांग इंटरनेशनल मैराथन 2025। इस दौरान रंगारंग कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।  उल्लेखनीय है कि तमांग इंटरनेशनल मैराथन का यह तीसरा संस्करण है।

इस भव्य आयोजन को लेफ्टिनेंट जनरल गम्भीर सिंह, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, फोर कोर (गजराज कोर) ने तवांग स्टेडियम से फ्लैग ऑफ कर रवाना किया। उन्होंने कहा, यह सिर्फ एक मैराथन नहीं, बल्कि भारतीय सेना की अदम्य भावना, स्थानीय युवाओं की ऊर्जा और देश-विदेश से आए प्रतिभागियों के जज्जे का उत्सव है। इस दौड़ में हर वर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया बच्चे, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग, सभी ने अपने कदमों से हिमालय की वादियों को ऊर्जा से भर दिया। लेफ्टिनेंट जनरल गम्भीर सिंह ने कहा, 'इस मैराथन में देश और विदेश से आए धावकों ने हिस्सा लिया है। यह आयोजन तवांग का

संदेश दुनिया तक पहुंचाता है। पहले और तीसरे मैराथन में जमीन-आसमान का फर्क है।' उन्होंने कहा कि तवांग इंटरनेशनल मैराथन का यह तीसरा संस्करण पहले की तुलना में कहीं बड़ा और प्रेरणादायक है। पहले और तीसरे मैराथन में जमीन-आसमान का अंतर है। सबसे बड़ा बदलाव लोगों के जोश और जूनून में दिखता है जो देखते ही बनता है।

मैराथन में सीनियर वेटरंस ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिससे आयोजन और भी प्रेरक बन गया। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा, तवांग मैराथन अपने आप में अलग है। यहां ऊंचाई की चुनौती है, लेकिन उससे भी ऊंचा है प्रतिभागियों का मनोबल।

10,500 फीट की ऊंचाई पर ‘रन अबव द क्लाउड्स’ का यह आयोजन भारतीय सेना और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से आयोजित किया गया। इसने न सिर्फ खेल भावना को नई ऊंचाई दी, बल्कि सीमांत क्षेत्रों में राष्ट्रीय एकता और सामंजस्य का संदेश भी दिया।

रिलेटेड पोस्ट्स