फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ अच्छा नहीं भारत का रिकॉर्ड

एशिया कप के फाइनल में पहली बार होंगे आमने-सामने

खेलपथ संवाद

दुबई। भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप 2025 का फाइनल मुकाबला रविवार को दुबई में खेला जाएगा। यह मौजूदा टूर्नामेंट में तीसरी बार होगा जब दोनों टीमें एक दूसरे के सामने होंगी। इससे पहले भारत ने एशिया कप के ग्रुप चरण और सुपर चार चरण में चिर प्रतिद्वंद्वी टीम को मात दी थी और अब उसकी नजरें पाकिस्तान के खिलाफ जीत की हैट्रिक लगाने पर टिकी होंगी। भारत के लिए ऐसा कर पाना आसान नहीं होगा क्योंकि पाकिस्तान के खिलाफ खिताबी मुकाबले में टीम का रिकॉर्ड अच्छा नहीं है।

पाकिस्तान ने बांग्लादेश को 11 रन से हराकर एशिया कप 2025 के फाइनल में प्रवेश कर लिया। अब उसका सामना खिताबी मुकाबले में भारत से होगा। एशिया कप की शुरुआत 1984 में हुई थी। 2016 में पहली बार यह टूर्नामेंट टी20 प्रारूप में खेला गया। भारतीय टीम सबसे ज्यादा बार इस टूर्नामेंट का खिताब जीतने वाली टीम है। भारत ने अब तक आठ बार एशिया कप की ट्रॉफी अपने नाम की है। वहीं, पाकिस्तान ने सिर्फ दो बार खिताब अपने नाम किया, जबकि श्रीलंका ने छह बार एशिया कप की ट्रॉफी उठाई है। दिलचस्प बात यह है कि एशिया कप के 41 साल के इतिहास में कभी भी भारत-पाकिस्तान का फाइनल में आमना-सामना नहीं हुआ था।

पिछले दो मैच में भले ही भारतीय टीम पाकिस्तान पर भारी पड़ी हो, लेकिन उसे अतिआत्मविश्वास से बचना होगा जो उसके लिए घातक साबित हो सकता है। पाकिस्तान फाइनल में पहुंचने का दावेदार नहीं लग रहा था, लेकिन उसने वापसी करते हुए खिताबी मैच में प्रवेश किया। भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले के रिकॉर्ड को देखें तो भारत के लिए यह मैच आसान नहीं रहने वाला है। भारतीय टीम अजेय रहते हुए लगातार पांच मैच जीतकर फाइनल में पहुंची है, लेकिन रविवार को एक भी भूल उसके लिए मुसीबत बन सकती है।

टूर्नामेंट के फाइनल में कैसा रहा दोनों टीमों का रिकॉर्ड...

विश्व चैम्पियनशिप- 1985- भारत और पाकिस्तान के बीच 1985 में मेलबर्न में विश्व चैंपियनशिप ऑफ क्रिकेट का फाइनल मैच खेला गया था इसमें भारत ने 17 गेंदें शेष रहते हुए आठ विकेट से जीत दर्ज की थी। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान ने 176 रन बनाए, जबकि भारत ने कृष्णामचारी श्रीकांत और रवि शास्त्री के अर्धशतकों की मदद से 47.1 ओवर में जीत दर्ज कर ली।

ऑस्ट्रल एशिया कप- 1986- विश्व चैम्पियनशिप ऑफ क्रिकेट के फाइनल के अगले ही साल भारत और पाकिस्तान की टीमें ऑस्ट्रल एशिया कप के खिताबी मैच में आमने-सामने आईं। इस रोमांचक मुकाबले में पाकिस्तान ने अंतिम ओवर में जाकर एक विकेट से जीत दर्ज कर ली। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट पर 245 रन बनाए, जबकि पाकिस्तान ने जावेद मियांदाद के चेतन शर्मा पर आखिरी गेंद पर लगाए छक्के की मदद से जीत हासिल की।

विल्स ट्रॉफी- 1991- विल्स ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए छह विकेट पर 262 रन बनाए, लेकिन भारतीय टीम लक्ष्य हासिल नहीं कर सकी और उसकी पारी 190 रन पर सिमट गई। उस मैच में पाकिस्तान के लिए आकिब जावेद ने 37 रन देकर सात विकेट लिए, जिस कारण पाकिस्तान की टीम भारत को हराने में सफल रही।

ऑस्ट्रल कप- 1994- भारत और पाकिस्तान के बीच शारजाह में खेले गए इस मैच में भी पाकिस्तान अपना दबदबा बरकरार रखने में सफल रहा। पाकिस्तान ने इस मैच में 250 रन बनाए, जबकि लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम 211 रन पर सिमट गई और उसे 39 रनों से हार का सामना करना पड़ा।

सिल्वर जुबली कप- 1998- भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच सिल्वर जुबली कप नाम से त्रिकोणीय सीरीज खेली गई थी जिसके फाइनल में भारत और पाकिस्तान की टीमें पहुंचीं। टूर्नामेंट में कुल तीन फाइनल मैच ढाका में खेले गए। भारतीय टीम ने पहला फाइनल आठ विकेट से अपने नाम किया, जबकि दूसरे फाइनल में पाकिस्तान ने छह विकेट से जीत दर्ज की। अब तीसरा फाइनल निर्णायक हो गया जहां भारत ने एक गेंद शेष रहते हुए तीन विकेट से जीत दर्ज कर खिताब अपने नाम किया।

पेप्सी कप- 1999- सिल्वर जुबली कप के अगले ही साल पेप्सी कप हुआ जिसके फाइनल में एक बार फिर भारत और पाकिस्तान की भिड़ंत हुई। बंगलूरू में खेले गए उस फाइनल मैच में पाकिस्तान ने 123 रनों से जीत दर्ज की। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 291 रन बनाए, लेकिन भारतीय टीम लक्ष्य का पीछा नहीं कर सकी और उसकी पारी 168 रन पर सिमट गई।

कोका-कोला कप-1999- पेप्सी कप जीतने के तुरंत बाद भारत और पाकिस्तान की टीमें कोका-कोला कप में भी आमने-सामने आईं, लेकिन भारत के लिए स्थिति यहां भी नहीं बदली। पाकिस्तान ने 132 गेंदें शेष रहते हुए आठ विकेट से जीत दर्ज की। भारत ने उस मैच में पहले बल्लेबाजी की, लेकिन टीम की पारी 125 रन पर ही सिमट गई। लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान ने दो विकेट शेष रहते हुए आसानी से मैच अपने नाम किया।

टी20 विश्व कप- 2007- भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे अरसे बाद किसी टूर्नामेंट का खिताबी मुकाबला खेला गया। 2007 में महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में भारत की युवा टीम टी20 विश्व कप के पहले संस्करण में उतरी। यह पहली बार था जब आईसीसी ने खेल के सबसे छोटे प्रारूप का विश्व कप कराया था और इसके खिताबी मुकाबले में भारत और पाकिस्तान की भिड़ंत हुई। 24 सितंबर 2007 को दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में खेले गए मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए गौतम गंभीर के शानदार अर्धशतक की बदौलत पांच विकेट पर 157 रन बनाए। जवाब में पाकिस्तान की टीम 152 रन पर ऑलआउट हो गई और भारतीय टीम ने पांच रनों से यह मुकाबला अपने नाम किया।

किटप्लाई कप- 2008- टी20 विश्व कप जीतने के अगले साल भारत और पाकिस्तान का सामना किटप्लाई कप के फाइनल में हुआ। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए तीन विकेट पर 315 रन बनाए। जवाब में भारतीय टीम 290 रन ही बना सकी और इस तरह पाकिस्तान ने 25 रन से वो मुकाबला अपने नाम किया।

आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी- 2017- भारत और पाकिस्तान की टीमें 2017 चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में भिड़ीं। यह मुकाबला लंदन में खेला गया जिसमें पाकिस्तान ने 180 रनों से बड़ी जीत दर्ज की। भारत ने इस टूर्नामेंट के ग्रुप चरण में पाकिस्तान को हराया था, लेकिन पाकिस्तान ने खिताबी मैच में हिसाब बराबर कर लिया था। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए चार विकेट पर 338 रन बनाए और भारत के सामने विशाल लक्ष्य रखा, लेकिन भारतीय टीम 158 रन पर ऑलआउट हो गई।

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