एशिया कप में भारतीय हॉकी टीम का जलवा कायम

भारतीय जांबाजों ने 22 गोल दाग और पांच गोल खाए

सुपर-4 में दक्षिण कोरिया, मलयेशिया और चीन होंगे चुनौती

खेलपथ संवाद

राजगीर। एशिया कप हॉकी 2025 का ग्रुप स्टेज अब खत्म हो चुका है और तस्वीर साफ हो गई है कि कौन सी चार टीमें सुपर-4 में पहुंची हैं। भारतीय हॉकी टीम ने पूल ए में अपने सभी मुकाबले जीतकर न केवल सुपर-4 का टिकट पक्का किया, बल्कि पूल में टॉप करते हुए यह दिखा दिया कि एशिया में उसका दबदबा अभी भी बरकरार है।

भारत ने अब तक खेले गए तीन मुकाबलों में चीन, जापान और कजाकिस्तान को हराया। खासकर कजाकिस्तान के खिलाफ आखिरी मैच में भारत ने 15-0 से ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इस जीत के बाद भारत के पूल स्टेज में कुल गोलों की संख्या 22 हो गई, जबकि टीम ने केवल पांच गोल खाए।

ग्रुप स्टेज के आखिरी मुकाबले में भारत के आक्रामक खेल और पेनल्टी कॉर्नर कन्वर्जन ने कजाकिस्तान को कोई मौका नहीं दिया। कोच क्रेग फुल्टन ने मैच के बाद कहा कि यह जीत टीम के आत्मविश्वास के लिए बेहद अहम है। उन्होंने कहा, 'किसी भी टीम के खिलाफ 15 गोल करना आसान नहीं होता। सुपर-4 में जाने से पहले यह जरूरी था कि हमारे स्ट्राइकर तालमेल बिठाएं और मौके को गोल में तब्दील करें।'

भारत ने अपने पहले दो मैचों में चीन और जापान को हराया था। भारत के साथ चीन भी इस पूल से सुपर चार के लिए क्वालीफाई करने में सफल रहा, जबकि मलयेशिया और दक्षिण कोरिया पूल बी से अगले चरण में पहुंचने वाली टीमें हैं। सभी चार टीमें टूर्नामेंट के अगले चरण में एक दूसरे से खेलेंगी और शीर्ष दो टीमें रविवार के फाइनल के लिए क्वालीफाई करेंगी।

भारत के अगले तीन मुकाबले सुपर-4 में दक्षिण कोरिया, मलयेशिया और चीन से हैं। ये तीनों मैच बेहद अहम होंगे क्योंकि यहां भारत को एशिया की तीन सबसे मजबूत टीमों का सामना करना है। सभी टीमों ने ग्रुप राउंड में दमदार खेल दिखाया है। चीन ने गजब प्रभावित किया है। टीम अंडरडॉग साबित हुई और जापान जैसी दिग्गज टीम को सुपर-4 राउंड से बाहर करने में कामयाब रही।

भारत की राह कितनी मुश्किल?

भारतीय टीम ने ग्रुप स्टेज में दबदबा दिखाया है, लेकिन सुपर-4 का स्तर बिल्कुल अलग होगा। भारत को अपनी पेनल्टी कॉर्नर कन्वर्जन को बरकरार रखना होगा और डिफेंस को और मजबूत करना होगा।

दक्षिण कोरिया: डिफेंसिव मजबूती और काउंटर अटैक में तेज। हालांकि, भारत का दक्षिण कोरिया के खिलाफ रिकॉर्ड शानदार रहा है। टीम ने कुल 62 मैच खेले हैं और 39 में जीत हासिल की है। 11 मैचों में कोरियाई टीम को जीत मिली और 12 मैच ड्रॉ रहे हैं। दोनों के बीच पिछला मुकाबला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में पिछले साल सितंबर में हुआ था, जिसे टीम इंडिया ने 4-1 से अपने नाम किया था।

मलयेशिया: टूर्नामेंट में अब तक सबसे ज्यादा गोल (23) दागे हैं। टीम का प्रदर्शन ग्रुप स्टेज में शानदार रहा, लेकिन सुपर-4 का दबाव अलग होगा। भारतीय टीम को मलयेशिया से पहले भी टक्कर मिल चुकी है, लेकिन हेड टु हेड में भारत कहीं आगे है। भारतीय टीम का मलयेशिया से पिछला सामना सितंबर 2024 में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में हुआ था। तब भारत ने उन्हें 8-1 से रौंदा था।

विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने पर नजरें

भारत ने ग्रुप स्टेज में शानदार प्रदर्शन किया है और अब तक कुल 22 गोल दागे हैं, लेकिन सुपर-4 में असली परीक्षा होगी, जहां हर मैच फाइनल जैसा होगा। भारत के स्ट्राइकर लय में हैं और डिफेंस भी मजबूत दिख रहा है। अगर टीम यही प्रदर्शन दोहराती रही तो फाइनल तक का सफर कोई बड़ी चुनौती नहीं होगी। इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट का विजेता अगले साल बेल्जियम और नीदरलैंड की संयुक्त मेजबानी में होने वाले विश्व कप के लिए क्वालिफाई करेगा।

चीन: भारत के ही पूल से आया, जापान के खिलाफ शानदार वापसी दिखाई। जापान आखिरी मैच में चीन से 2-2 ड्रॉ खेलकर भी बाहर हो गया। चीन ने ग्रुप स्टेज में टीम इंडिया को अच्छी टक्कर दी थी। भारत 3-1 से आगे हुआ, लेकिन चीन ने दो गोल दाग स्कोर 3-3 से बराबर कर दिया। आखिरी क्वार्टर में भारत के गोल ने चीन पर जीत दिलाई। यह मुश्किल जीत थी और चीन का प्रदर्शन जिस तरह का रहा है, सुपर-4 में भारत को कड़ी टक्कर मिल सकती है।

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