भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी आखिरी पलों में खो बैठती हैं संयम

एफआईएच प्रो लीग में खराब प्रदर्शन पर कोच हरेंद्र सिंह की सफाई
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। एफआईएच प्रो लीग में खराब प्रदर्शन के बाद आलोचनाओं का सामना कर रही भारतीय महिला हॉकी टीम के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह ने कहा कि टीम को अपने समय और खेल प्रबंधन पर गंभीरता से काम करने की जरूरत है. टीम यूरोपीय चरण में बेहद कमजोर नजर आई और उसे 8 में से 7 मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा। केवल एक मैच में ही टीम ड्रॉ खेल पाई, जिसमें अर्जेंटीना के खिलाफ निर्धारित समय में स्कोर 2-2 रहा, लेकिन भारत पेनल्टी शूटआउट में जीत हासिल नहीं कर सका।
हरेंद्र सिंह ने टीम की कमियों को लेकर खुलकर बात की और उन्होंने कहा कि हमारी सबसे बड़ी समस्या समय प्रबंधन और खेल के दबाव में सही निर्णय लेने की है। खिलाड़ी मैच के आखिरी पलों में संयम खो बैठते हैं, जिससे जीत हाथ से फिसल जाती है। उन्होंने कहा कि प्रो लीग में हार से सीखने की जरूरत है। टीम का फोकस अब नेशंस कप और ओलम्पिक क्वालीफायर्स की तैयारी पर है।
हरेंद्र ने यह भी माना कि टीम में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के लिए मानसिक मजबूती और खेल की समझ जरूरी है। उन्होंने आगे जोड़ा कि, “हमारी खिलाड़ियों को यह समझना होगा कि अंतरराष्ट्रीय मैचों में हर मिनट का महत्व होता है। एक क्षण की चूक टीम को मुकाबले से बाहर कर सकती है।”
कोच हरेन्द्र ने कहा कि अब प्रशिक्षण सत्रों में खेल प्रबंधन को प्रमुख स्थान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि खिलाड़ियों को मैच की परिस्थितियों से जुड़ी व्यावहारिक चुनौतियों से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसमें आखिरी मिनट में गोल बचाना या स्कोर करना, पेनल्टी शूटआउट की तैयारी और समय का कुशल उपयोग शामिल है। टीम की फिटनेस, कौशल विकास और खिलाड़ियों की भूमिकाओं को फिर से परिभाषित करने पर भी विचार किया जा रहा है। कोचिंग स्टाफ अब अधिक डेटा आधारित विश्लेषण और वीडियो एनालिसिस की मदद ले रहा है ताकि हर खिलाड़ी को उसकी कमजोरी और ताकत का बेहतर मूल्यांकन मिल सके। अंत में कोच हरेंद्र सिंह ने टीम पर विश्वास जताते हुए कहा कि “हमारी लड़कियों में जज़्बा है, मेहनत है, बस उसे दिशा देने की ज़रूरत है। हम एक नई रणनीति के साथ वापसी करेंगे और देश को गर्व महसूस कराएंगे।”
प्रो लीग में निराशाजनक प्रदर्शन
एफआईएच प्रो लीग के यूरोपीय चरण में भारतीय टीम का प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। टीम आठ में से सात मैच हार गई और उसे तालिका में सबसे निचले पायदान पर रहना पड़ा। इस निराशाजनक प्रदर्शन के कारण भारत अब एफआईएच नेशंस कप में चला गया है, जो प्रो लीग से एक स्तर नीचे की प्रतियोगिता मानी जाती है। टीम के इस प्रदर्शन ने न केवल प्रशंसकों को निराश किया, बल्कि हॉकी विशेषज्ञों और पूर्व खिलाड़ियों ने भी सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। कोच हरेंद्र सिंह ने इन आलोचनाओं को स्वीकार करते हुए कहा कि टीम को तकनीकी और रणनीतिक दृष्टिकोण से कई पहलुओं पर काम करने की आवश्यकता है।