भारतीय एमेच्योर बॉक्सिंग फेडरेशन ने खिलाड़ियों का भरोसा तोड़ा

बॉक्सिंग में देश को मिले 17 मेडल कबाड़, मुक्केबाजों की मेहनत अकारथ
गैर-मान्यता प्राप्त फेडरेशन के बैनर तले कोलम्बो पहुंचे थे खेलने
खेलपथ संवाद
चंडीगढ़। खेल संगठनों की मनमानी खिलाड़ियों की परेशानी का कारण बन रही है। देश के लिए मेडल हासिल करने वाले हरियाणा के 17 खिलाड़ी किसी भी ‘कोटे’ में नहीं हैं। श्रीलंका की राजधानी कोलम्बो में 10 से 23 मई तक हुई एएसबीसी चैम्पियनशिप में भाग लेने वाले भारतीय दल के 19 खिलाड़ियों ने कुल 17 मेडल हासिल किए। अहम बात यह है कि इनमें से 17 खिलाड़ी हरियाणा और दो राजस्थान के हैं।
इन खिलाड़ियों को प्रदेश की नायब सरकार की खेल पॉलिसी का कोई भी लाभ इसलिए नहीं मिल पाएगा, क्योंकि इन्होंने जिस फेडरेशन के बैनर तले इन खेलों में भाग लिया, वह फेडरेशन मान्यता प्राप्त ही नहीं है। यह बात खुद फेडरेशन के पदाधिकारियों ने भी स्वीकार की है। लेकिन उन्हें उम्मीद है कि भारतीय खेल मंत्रालय से जल्द ही इस विवाद को लेकर निर्णय हो जाएगा। खेल मंत्रालय ने बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया पर ही रोक लगाई हुई है और सभी फंड रोके हुए हैं। वहीं हरियाणा ओलंपिक संघ ही नहीं, हरियाणा बॉक्सिंग फेडरेशन ने भी इन खिलाड़ियों को श्रीलंका लेकर जाने वाली भारतीय एमेच्योर बॉक्सिंग फेडरेशन से किनारा कर लिया है। उनके अनुसार यह फेडरेशन उनके साथ सम्बद्ध नहीं है। पूरा मामला खेल मंत्री के नोटिस में पहुंच गया है।
अहम बात यह है कि भारत की ओर से गैर-मान्यता प्राप्त भारतीय एमेच्योर बॉक्सिंग फेडरेशन ने 19 बॉक्सरों को कोलम्बो भेजा। इनमें से 17 प्रतिभागियों ने एक गोल्ड, 10 सिल्वर और 6 ब्रांज मेडल हासिल किए। माही सिवाच के पंच के बूते देश की झोली में गोल्ड मेडल आया वहीं नैन्सी, हिमांशी पंघाल व पायल जाखड़ ने रजत तथा संजना, निधि और खुशी ने कांस्य पदक हासिल किया। युवा महिला वर्ग में चंचल कुमारी, कशिश मलिक, प्रिया गर्ग, अनुष्का शर्मा व गरिमा सेहरावत ने सिल्वर मेडल हासिल किया। युवा पुरुष वर्ग में मोहित और यश ने रजत तथा हर्षित, तरुण और अभिषेक ने कांस्य पदक जीता। अंडर-22 महिला वर्ग में शिवानी तथा पुरुष वर्ग में शुभम ने भी भाग लिया।
नहीं मिलेगा कैश अवॉर्ड
इन खिलाड़ियों ने कोलंबो में बेशक भारत का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन हरियाणा के खिलाड़ियों को खेल पॉलिसी का कोई लाभ नहीं मिलेगा। उन्हीं खिलाड़ियों को खेल पॉलिसी का लाभ मिल सकता है, जो मान्यता प्राप्त फेडरेशन, संघ या एसोसिएशन के बैनर तले खेलों में भाग लेते हैं। नायब सरकार की खेल नीति के तहत पदक विजेता खिलाड़ियों को ग्रेडेशन सर्टिफिकेट, कैश अवॉर्ड सहित दूसरी कई सुविधाएं मिलती हैं।
पदाधिकारियों में विरोधाभास
खिलाड़ियों को श्रीलंका में लेकर जाने वाली भारतीय एमेच्योर बॉक्सिंग फेडरेशन के पदाधिकारियों की बातों में भी विरोधाभास है। फेडरेशन के महासचिव राकेश ठकरान ने कहा कि खिलाड़ियों को डायरेक्ट इन्वाइट किया गया था। वहीं फेडरेशन के ही पदाधिकारी डॉ. राजीव गोदारा का कहना है कि खिलाड़ियों के चयन के लिए 15 अप्रैल को फरीदाबाद में ओपन ट्रायल हुआ था। राकेश ठकरान ने स्वीकार किया कि उनकी फेडरेशन अभी मान्यता प्राप्त नहीं है। उनका कहना है कि बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को ही अभी बैन किया हुआ है। खेल मंत्रालय द्वारा इस पर फैसला लिया जाना है। हमारी मान्यता की प्रक्रिया भी चल रही है। खिलाड़ियों को कैश अवॉर्ड व ग्रेडेशन सर्टिफिकेट नहीं मिलने के सवाल पर ठकरान ने कहा कि यह तो अब सरकार पर ही निर्भर करता है कि पदक विजेता खिलाड़ियों को कोई लाभ मिलेगा या नहीं।
” हरियाणा में बॉक्सिंग नहीं बल्कि अलग-अलग खेलों के लिए लोगों ने अपनी-अपनी फेडरेशन, संघ और एसोसिएशन बनाई हुई हैं। खिलाड़ियों को ध्यान रखना चाहिए कि वे केवल मान्यता प्राप्त फेडरेशन से जुड़ें। कोलंबो में बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में 17 खिलाड़ियों को भेजने का मामला नोटिस में है। खिलाड़ियों को लेकर जाने वाली फेडरेशन न तो हमारे साथ और न ही भारतीय ओलम्पिक संघ से मान्यता प्राप्त है। ”
-कप्तान मीनू बैनीवाल, अध्यक्ष हरियाणा ओलंपिक संघ
” कोलम्बो में बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में हरियाणा के खिलाड़ियों को गैर-मान्यता प्राप्त फेडरेशन द्वारा लेकर जाने की अभी मुझे सूचना नहीं है। अगर ऐसा कुछ हुआ है तो इसकी जांच होगी और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। केवल उन्हीं खिलाड़ियों को ग्रेडेशन सर्टिफिकेट, कैश अवॉर्ड व दूसरी सुविधाएं मिल सकती हैं, जो मान्यता प्राप्त फेडरेशन के बैनर तले खेलों में भाग लेते हैं। ”
-गौरव गौतम, खेल मंत्री