
केक काटकर के.डी. हॉस्पिटल में मनी फ्लोरेंस नाइटिंगेल की जयंती
मथुरा। तेजी से बदलते हेल्थकेयर सिस्टम में प्रशिक्षित, संवेदनशील और सेवाभावना से ओतप्रोत नर्सों की जरूरत अब पहले से कहीं ज्यादा है। यह दिन इन मेहनती पेशेवरों के योगदान की याद दिलाता है, जिनके बिना स्वास्थ्य सेवाएं अधूरी हैं। नर्सेज ही इंसान के जन्म की पहली साक्षी बनती हैं और उनमें करुणा का बीज बोती हैं, मुस्कान बांटती हैं। उक्त उद्गार डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर तथा के.डी. कॉलेज ऑफ नर्सिंग एण्ड पैरामेडिकल साइंस में नर्सेज तथा छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए।
सोमवार को के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में केक काटकर तथा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से फ्लोरेंस नाइटिंगेल की जयंती मनाई गई। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने सभी नर्सेज को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस की बधाई दी। इस अवसर पर डीन डॉ. आर.के. अशोका ने अपने सम्बोधन में कहा कि किसी बीमारी से उबरने में जितना बड़ा योगदान दवाओं और इलाज का होता है, उतना ही सही देखभाल का भी होता है। इसमें डॉक्टर्स से कहीं बड़ी जिम्मेदारी नर्सेज निभाती हैं।
इस अवसर पर चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने कहा कि ज्ञान और मृदु व्यवहार ही नर्स का प्रमुख गुण होता है। उन्होंने कहा कि चूंकि नर्सिंग स्टाफ मरीज के ज्यादा करीब होता है तथा उनकी देखरेख करता है लिहाजा उसके चेहरे पर हमेशा मुस्कराहट तथा रोगी के प्रति विनम्र व्यवहार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मरीज की आधी बीमारी तो नर्सेज के अच्छे व्यवहार से ही ठीक हो जाती है। चिकित्सा निदेशक ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस सिर्फ एक तारीख नहीं बल्कि उन लाखों नर्सों के समर्पण, करुणा और हिम्मत को सलाम करने का दिन है, जो हर दिन अपने पेशे के जरिए दुनिया को थोड़ा और बेहतर बना रही हैं।
के.डी. कॉलेज ऑफ नर्सिंग एण्ड पैरामेडिकल साइंस की प्राचार्य डॉ. एन.पी. चानू ने अपने उद्बोधन में कहा कि नर्सेज स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की नींव हैं। यह हमारा नैतिक कर्तव्य है कि हम उनकी अनूठी एवं निःस्वार्थ सेवाओं के बदले वापस कुछ लौटाएं और उनका भविष्य उन्नत करें। इस दिवस को मनाते हुए हम अपनी नर्सों के करियर को फिर से परिभाषित करें, उनके सेवा का मूल्यांकन करते हुए नए सिरे से उन्नत नर्स सेवा को विकसित करें और कौशल विकास की शक्ति के साथ उनके जीवन को बदलें।
उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अम्बरीश कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि दुनिया में नर्सों की सेवा सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। रोगी की सेवा करते हुए वे अपना पारिवारिक सुख, करियर, जीवन और वर्तमान सबकुछ झोंक देती हैं। उन्होंने कहा कि हमारी नर्सें हमारा भविष्य-नर्सों की देखभाल अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाती है। यह थीम नर्सों की भलाई पर ध्यान केंद्रित करते हुए न केवल उनकी व्यक्तिगत भलाई के लिए बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियों के अधिक लाभप्रद एवं सशक्त बनाने पर बल देती है।
इस अवसर पर निदेशक नर्सिंग शीला थॉमस ने कहा कि नर्सिंग सिर्फ एक पेशा नहीं, यह एक सेवाभाव है। हर दिन कोई न कोई नर्स किसी न किसी की जान बचा रही होती है, किसी को जीने की नई उम्मीद दे रही होती है। नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट टी. लक्ष्मी ने कहा कि यदि चिकित्सक किसी रोगी के रोग को ठीक करता है तो एक नर्स उसके दर्द को कम करती है। एक नर्स न केवल अपना व्यवसाय समझ रोगी की सेवा करती है बल्कि वो उससे भावनात्मक रूप से जुड़ जाती है और उसे ठीक करने में जी-जान लगा देती है। इस अवसर पर हॉस्पिटल इंचार्ज अमित शर्मा, समीर गौतम, अखिलेश शुक्ला, वेद प्रकाश, प्रियाकांत यादव, पवन कुमार, ओमवीर सिंह सहित बड़ी संख्या में नर्सेज तथा कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अमिता तथा राजेश शर्मा ने किया।