राज्यों से,
उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों के पदक विजेताओं को नौकरी देने की पहल शुरू

खेल मंत्री रेखा आर्या ने खेल विभाग के अधिकारियों को दिए निर्देश
खेलपथ संवाद
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने 38वें राष्ट्रीय खेलों में राज्य के लिए पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। खेल मंत्री रेखा आर्या ने शुक्रवार को अधिकारियों की बैठक बुलाकर इस संबंध में प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करने के निर्देश दिए।
खेल मंत्री के कैंप कार्यालय में आयोजित बैठक के बाद मंत्री आर्या ने बताया कि पदक विजेताओं को नौकरी के प्रस्ताव का मसौदा जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने पदक विजेताओं के लिए नकद पुरस्कार राशि देने की जो घोषणा की थी, उस पर भी अमल शुरू कर दिया गया है।
आर्या ने कहा कि राज्य में अब तक तैयार हो चुकी खेल अवसंरचनाओं, स्टेडियमों, सभागारों, बहुउद्देशीय हॉल, साइकिलिंग वेलोड्रम और शूटिंग रेंज आदि के रखरखाव व संचालन के लिए एक नीति बनाने की आवश्यकता है। खेल मंत्री ने अधिकारियों को इस संबंध में विरासत योजना तैयार करने और इस दिशा में तेजी से कदम उठाने का निर्देश दिया।
टीम स्पर्धा के प्रत्येक खिलाड़ी को मिलेगी नौकरी
राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने कुल 103 पदक जीते हैं। इनमें से टीम स्पर्धाओं में जीते गए पदकों के लिए प्रत्येक खिलाड़ी को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इस कोटे के तहत सरकारी नौकरी के लिए खिलाड़ी के पास उत्तराखंड का मूल निवास या स्थायी निवास प्रमाण पत्र होना आवश्यक है। स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को 4200 ग्रेड पे की नौकरी दी जाएगी, जबकि रजत या कांस्य पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को 2800 और 2000 ग्रेड पे की नौकरी की पेशकश की जाएगी। खिलाड़ियों को ये नौकरियां ज्यादातर खेल और युवा कल्याण विभाग और पुलिस विभाग में दी जाएगी।
बैठक में खेल मंत्री आर्या ने अधिकारियों को मुख्यमंत्री खिलाड़ी उदीयमान उन्नयन योजना और मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना के लिए नए खिलाड़ियों के चयन की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि शिक्षा विभाग के कैलेंडर को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक जिले के अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद परीक्षण की तारीखें जल्द घोषित करें। इसके लिए अगले सत्र में स्कूल-कॉलेज खुलने का इंतजार न किया जाए, बल्कि अभी से प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।बैठक में विशेष खेल सचिव अमित सिन्हा, खेल निदेशक प्रशांत आर्य समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।