खेल बजट में इस साल भी होगी बढ़ोत्तरी
पिछले 10 वर्षों में कमोबेश हर साल बढ़ा बजट
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को 2025-26 के लिए आम बजट पेश करेंगी। इस दौरान खेल बजट भी आएगा। पिछले साल तीसरी बार नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद पेश हुए पूर्णकालिक बजट के दौरान खेल बजट में मामूली वृद्धि की गई थी। पिछले 10 वर्षों का इतिहास देखें तो अधिकतर समय खेल बजट बढ़ा ही है और इस बार भी इसमें बढ़ोत्तरी की उम्मीद लगाई जा रही है।
पिछले साल जुलाई-अगस्त में पेरिस ओलंपिक था। पूर्णकालिक बजट जुलाई में ही पेश किया गया था और उस वक्त खेल मंत्रालय के बजट में पिछले चक्र की तुलना में केवल 45.36 करोड़ रुपये की मामूली वृद्धि की गई थी। पिछली बार खेल बजट 3,442.32 करोड़ रुपये का था। खेल मंत्रालय के लिए पिछले वित्तीय वर्ष के लिए इससे पहले चक्र का बजट 3,396.96 करोड़ रुपये था।
खेल मंत्रालय के पिछले बजट में से खेलो इंडिया के लिए 900 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। यह रकम पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 880 करोड़ रुपये के संशोधित आवंटन से 20 करोड़ रुपये अधिक थी। सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में खेलो इंडिया में भारी निवेश किया है क्योंकि यह कार्यक्रम देश के सभी हिस्सों से प्रतिभाओं को सामने लाने का काम करता है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में खेलो इंडिया का वास्तविक आवंटन 596.39 करोड़ रुपये था। अगले साल (2023-24) के बजट में लगभग 400 करोड़ रुपये से अधिक बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपये कर दिया गया था। इसे हालांकि संशोधित कर 880 करोड़ रुपये किया गया था। देखना दिलचस्प होगा कि 2025-26 के लिए खेलो इंडिया के लिए कितना धन आवंटित किया जाएगा।
खेलो इंडिया युवा खेलों 2018 (केआईवाईजी) की शुरुआत के बाद से सरकार ने इसमें और खेल आयोजनों को जोड़ना जारी रखा है। मंत्रालय ने उसी वर्ष खेलो इंडिया शीतकालीन खेल और 2023 में खेलो इंडिया पैरा खेलों शुरू करने के साथ 2020 में खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों की शुरुआत की। देश भर में सैकड़ों खेलो इंडिया राज्य उत्कृष्टता केंद्र (केआईएससीई) स्थापित किए गए हैं, जिनका उद्देश्य प्रतिभाशाली उदीयमान खिलाड़ियों को सुविधाएं प्रदान करना है। खेलो इंडिया के कई एथलीट वर्तमान में भारतीय ओलंपिक दल में शामिल हैं।
एनएसएफ को भी हुआ था फायदा
राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को भी सरकार की सहायता में 15 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई थी। यह 2023-24 में 325 करोड़ रुपये से बढ़कर पिछले बजट में 340 करोड़ रुपये हो गया था। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) का बजट भी 795.77 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 822.60 करोड़ रुपये कर दिया गया था। इसमें 26.83 करोड़ रुपये का उछाल दिखा था। साई देश भर में अपने स्टेडियमों के रख रखाव अलावा वैश्विक खेल प्रतियोगिताओं के लिए खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) का प्रबंधन भी करता है।