दुनिया भर में देश का गौरव बढ़ाने वाली विकास बेटी हलाकान

इंसाफ को भटक रही जर्मनी में तिरंगा लहराने वाली जांबाज बेटी

स्कीइंग की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ने आईओए अध्यक्ष पीटी ऊषा को लिखा पत्र

श्रीप्रकाश शुक्ला

जींद। हमारी हुकूमतें बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, बेटियों को आगे बढ़ाओ का झूठा स्वांग करती हैं। बेवजह बेटियों को आगे बढ़ाने के नाम पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए जा रहे हैं। बेटियां आगे बढ़ाने के नाम पर खेलनहारों द्वारा फिलवक्त सताई जा रही हैं। खेलों का अलम्बरदार भारतीय ओलम्पिक संघ भी बेटियों को इंसाफ दिलाने में असमर्थ है। जी हां हरियाणा की एकमात्र स्कीइंग की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी विकास राणा इस समय हरियाणा स्काई एसोसिएशन की एडहॉक कमेटी द्वारा खून के आंसू रुलाई जा रही है, लेकिन उसकी मदद को अभी तक कोई आगे नहीं आया है।

उचाना क्षेत्र के गांव सुदकैन खुर्द जिला जींद के किसान परिवार में जन्मीं विकास राणा पिछले साल उस समय चर्चा में आई थी जब उसने जर्मनी में हुई क्रास कंट्री स्कीइंग रेस में देश के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता था। इससे पहले भी यह जांबाज बेटी इस खेल में पिछले एक दशक में दर्जनों मेडल जीत चुकी है। विकास राणा का परिवार खेती करता है और उसने बिना किसी सरकारी सहायता के स्कीइंग खेल में कड़ा अभ्यास कर महारथ हासिल की है। यह बेटी अपनी जांबाजी से देश-दुनिया में हरियाणा का गौरव बढ़ाने का सपना देख रही है, लेकिन खेलनहारों को इस बेटी की उपलब्धियां रास नहीं आ रहीं। उसे परेशान किया जा रहा है तथा टीम में उन्हें मौका दिया जा रहा है जोकि रसूख वाले हैं। इस बेटी ने भारतीय ओलम्पिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा को दो दिसम्बर को लिखे पत्र में 14 और 15 दिसम्बर को आस्ट्रिया में होने वाली फिस रेस में सहभागिता दिलाने की गुहार लगाई है।

विकास राणा बीते एक साल से एडहॉक कमेटी द्वारा निर्मित किए जा रहे विपरीत हालातों से जूझ रही है। उसके चयन में जहां भेदभाव बरता जा रहा है वहीं उसे मानसिक परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है। क्रास कंट्री स्कीइंग में कई रिकॉर्ड अपने नाम कर चुकी विकास राणा की लगातार उपेक्षा की जा रही है, लेकिन उसका संघर्ष जारी है। आईओए अध्यक्ष पीटी ऊषा को लिखे पत्र में विकास राणा ने कहा है कि मैं अभी इटली में हूं। यदि टीम चयन में उसकी उपेक्षा हुई तो वह या तो खेल छोड़ देगी या फिर अपना जीवन।

विकास राणा के इन मार्मिक शब्दों से मामले की गम्भीरता को सहज ही समझा जा सकता है। स्कीइंग खेल को पूरी तरह से समर्पित विकास राणा ने 2020 में गुलबर्ग में हुए खेलो इंडिया विंटर गेम्स में दिल्ली की तरफ से खेलते हुए दो स्वर्ण पदक जीते थे। विकास के मन में शुरुआत से ही टीस है कि हरियाणा की तरफ से खेले और स्वर्ण पदक जीते, लेकिन प्रदेश सरकार ने अभी तक विकास को न तो कोई आर्थिक मदद दी है, न ही किसी प्रतियोगिता में स्पांसर किया है। हर प्रतियोगिता से पहले इस बेटी को तरह तरह से परेशान किया जा रहा है। विकास राणा ने आईओए को लिखे पत्र में एडहॉक कमेटी के चेयरमैन शिवा केशवन, भवानी टी ननजुंदा तथा आरिफ मोहम्मद खान पर उसे तरह-तरह से मानसिक परेशान करने का आरोप लगाया है।

पर्वतों पर चढ़ने के अलावा स्कीइंग के खेल में किस्मत आजमाने वाली विकास राणा अब तक कई नए रिकॉर्ड बना चुकी है। वर्ष 2018 में विकास ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस पर्वत पर 5642 मीटर की ऊंचाई से स्कीइंग करते हुए नीचे आईं। यह साहसिक कारनामा करने वाली वह देश की पहली खिलाड़ी बनीं। स्कीइंग में विकास ने 2017 में जापान में हुए विंटर एशियन गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व किया था। विकास राणा ने पांच और दस किलोमीटर नॉर्डिक स्कीइंग में स्वर्ण पदक जीते।

हरियाणा की इकलौती स्कीइंग खिलाड़ी

विकास राणा हरियाणा की इकलौती खिलाड़ी हैं, जो स्कीइंग खेल में दम दिखा रही हैं। हरियाणा के ज्यादातर लोगों को स्कीइंग खेल के बारे में भी पता नहीं है, लेकिन विकास राणा ने विपरीत हालातों के बावजूद संघर्ष किया। स्कीइंग करते समय दोनों पैरों के नीचे लकड़ी के स्कीज पहनकर बर्फ पर फिसलते हैं। हाथों में स्टिक होती है। इसमें चोट लगने का खतरा भी रहता है। गुलमर्ग में माइनस 2 से 15 डिग्री तापमान में प्रैक्टिस करनी पड़ती है।

विकास राणा कहती हैं कि स्कीइंग महंगा खेल है। एक दिन का रहने और खाने का खर्च 1500 रुपये है। वर्ष 2019 में एक बार मैंने खेल छोड़ने का मन बना लिया था, लेकिन इंडियन आयल कम्पनी मदद के लिए आगे आई और स्पांसर किया। हरियाणा सरकार की तरफ से मदद नहीं मिलने पर मैं निराश जरूर हूं, लेकिन मुझे उम्मीद है कि कभी न कभी मदद जरूर मिलेगी। हरियाणा की अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग खिलाड़ी विकास राणा ने 31 दिसम्बर, 2023 को जर्मनी में हुई क्रॉस कंट्री स्कीइंग चैम्पियनशिप में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता। इस जीत के साथ उन्होंने इतिहास रचा। भगवान शिव की अनन्य भक्त विकास राणा आस्ट्रिया में होने वाली प्रतियोगिता में शिरकत करना चाहती है लेकिन एडहॉक कमेटी इस बेटी को अनहक परेशान कर रही है।

विकास राणा की उपलब्धियां-

1. गुलमर्ग कश्मीर में हुए खेलो इंडिया 2020 के विंटर गेम्स में 5 व 10 किलोमीटर में दो स्वर्ण पदक जीते।

2. राष्ट्रीय खेल -2018 गुलमर्ग कश्मीर में 1.6 किलोमीटर स्प्रिंट में रजत पदक जीता।

3. जापान में हुए विंटर एशियन गेम्स-2017 में देश का प्रतिनिधित्व किया।

4. गुलमर्ग में 2016 में हुए नेशनल गेम्स में चौथा स्थान प्राप्त किया।

5. उत्तराखंड के ओली में 2015 में हुए नेशनल गेम्स में चौथा स्थान हासिल किया।

 

 

 

 

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