उत्तराखंड में होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों पर संशय

खेल विभाग की बड़ी लापरवाही से लग सकता है झटका
भारतीय ओलम्पिक संघ आगे बढ़ा सकता है आयोजन
नेशनल गेम्स से पहले खोदा गया एथलेटिक्स ट्रैक
खेलपथ संवाद
देहरादून।
हमेशा की तरह इस बार भी राष्ट्रीय खेलों के आयोजन पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं। उत्तराखंड ओलम्पिक समिति और खेल विभाग के बीच समन्वय का अभाव देखने को मिल रहा है। उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों को लेकर हाल ही में जीटीसीसी का दौरा हुआ था। जीटीसीसी  के तीन दिवसीय निरीक्षण के बाद नेशनल गेम्स के लिए सबसे महत्वपूर्ण वेन्यू एथलेटिक्स ट्रैक को पूरा खोद कर दोबारा बनाया जा रहा है। 
उत्तराखंड में प्रस्तावित राष्ट्रीय खेलों में यदि सबसे बेहद महत्वपूर्ण खेलों की बात की जाए तो एथलेटिक्स में 40 इवेंट होते हैं। इसलिए इन इवेंट्स में मेडल आने की सबसे ज्यादा संभावना होती है। पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए उत्तराखंड ने एथलेटिक्स खेलों में ही सबसे ज्यादा मेडल हासिल किए थे। लेकिन उत्तराखंड में नेशनल गेम्स होने से ठीक पहले नेशनल गेम्स का वह महत्वपूर्ण वेन्यू जहां पर सारे एथलेटिक्स खेल होने हैं, जीटीसीसी के दौरे के बाद इस ट्रैक को खोद दिया गया है। अब सवाल यह उठता है कि क्या एथलेटिक ट्रैक समय से तैयार हो जाएगा।
 विभागीय जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में नेशनल गेम्स की तैयारी को लेकर जब गेम्स टेक्निकल कंडक्ट कमेटी (जीटीसीसी) ने हल्द्वानी के स्टेडियम और देहरादून महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के एथलेटिक ट्रैक का निरीक्षण किया तो उन्होंने मौके पर ट्रैक की इनर लेन को खराब पाया और कहा कि इस पर नेशनल गेम्स नहीं किये जा सकते हैं। जिस पर खेल विभाग द्वारा एथलेटिक ट्रैक के रिपेयर या फिर पेंच वर्क को लेकर बात कही गई।
महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के एथलेटिक ट्रैक पर ठीक से निरीक्षण करने पर यह पाया गया कि यह 2013 में बनाया गया था। वैसे भी अब आने वाले कुछ सालों में पूरी तरह से उखाड़ कर नया ट्रैक बनाना पड़ेगा। इस पर जीटीसीसी ने अपना सुझाव दिया कि आप इसे पूरा उखाड़ कर दोबारा बनाएं। यही वजह है कि इन दिनों देहरादून महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के उस ट्रैक पर जहां पर एथलीट खिलाड़ियों को दौड़ना चाहिए था, वहां पर अभी जेसीबी ट्रैक को उखाड़ रहे हैं।
जेसीबी के साथ मौजूद इंजीनियर विकास का कहना है कि यह ट्रैक 2013 में बनाया गया था। इस पर अब पेंचवर्क करना या फिर रिनोवेशन करना मुनाफे का सौदा नहीं था, इसलिए इसे दोबारा तैयार किया जा रहा है। वहीं एथलेटिक्स कोच लोकेश कुमार ने बताया कि उन्हें ट्रैक के खोदे जाने को लेकर किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई है हालांकि विभागीय जानकारी नए सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक बनाने के लिए 45 दिनों का समय दिया गया है लेकिन क्या यह समय से पूरा हो पाएगा यह बड़ा सवाल है।
उधर दूसरी तरफ नेशनल गेम्स के तरीकों को लेकर इंडियन ओलम्पिक एसोसिएशन की तरफ से एक पत्र उत्तराखंड ओलम्पिक संघ को प्राप्त हुआ है, इसमें तारीखों को आगे बढ़ने का सुझाव दिया गया है। भले ही इस पत्र में व्यवस्थाओं के खस्ताहाल होने का जिक्र नहीं है, लेकिन जिस तरह से अब जीटीसीसी के दौरे के बाद खेल विभाग ने एथलेटिक ट्रैक को उखाड़ा है, निश्चित तौर से कहीं न कहीं यह विभाग की लापरवाही ही रही है।
राष्ट्रीय खेलों की तैयारी और व्यवस्थाओं से जीटीसीसी खुश
उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों को लेकर जीटीसीसी यानी गेम्स टेक्निकल कंडक्ट कमेटी ने हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी, रुद्रपुर और टिहरी में सुविधाओं का विस्तृत मूल्यांकन किया और टीम व्यवस्थाओं से संतुष्ट नजर आई। जीटीसीसी की तीन दिवसीय निरीक्षण के बारे में बताते हुए विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा ने कहा कि "जीटीसीसी ने सभी खेलों के लिए की गई तैयारियों की तारीफ की है। जीटीसीसी द्वारा बताया गया कि सभी तैयारियां विश्व स्तर पर की गई हैं। कमेटी 38वें नेशनल गेम्स की सभी तैयारियों से संतुष्ट है।
जीटीसीसी की अध्यक्ष सुनयना कुमारी के नेतृत्व और उत्तराखंड के खेल निदेशक प्रशांत आर्य और जीटीसीसी सदस्यों, अधिकारियों और खेल विभाग के प्रशिक्षकों की उपस्थिति में परेड ग्राउंड, देहरादून जहां बहुउद्देश्यीय हॉल में बैडमिंटन और टेबल टेनिस की सुविधाओं को परखा। लॉन टेनिस आउटडोर कोर्ट में आयोजित किया जाएगा, इन स्थानों के आसपास की साइट का दौरा भी किया गया। महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज और देहरादून अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में राष्ट्रीय खेल प्रमुख सचिव अमित सिन्हा ने राज्य की विभिन्न कार्यात्मक क्षेत्रों की तैयारियों पर जीटीसीसी सदस्यों के समक्ष विस्तृत प्रस्तुति दी। जीटीसीसी के सदस्यों की टीम अंतिम दिन प्रदेश में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने की उत्तराखंड की क्षमता पर आश्वस्त दिखी और निरीक्षण यात्रा के अवलोकन से अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया साझा की।
जीटीसीसी की अध्यक्ष सुनयना कुमारी ने कहा कि वे उत्तराखंड के दौरे से राष्ट्रीय खेलों की प्रतियोगिता के लिए सभी बुनियादी ढांचे से खुश हैं। साथ ही खेलों की मेजबानी के लिए राज्य द्वारा प्रस्तुत सभी तैयारियों से भी संतुष्ट हैं। उन्होंने उत्तराखंड खेल विभाग और देश भर के एथलीटों को आगामी 38वें राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड के लिए शुभकामनाएं भी दीं।
उत्तराखंड खेल विभाग के तत्वावधान में राष्ट्रीय खेल सचिवालय उत्तराखंड के एथलीटों और खेल पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक दीर्घकालिक विरासत बनाने के लिए प्रयास कर रहा है। अत्याधुनिक शूटिंग रेंज बनाने से लेकर अंतरराष्ट्रीय मानकों के स्तर का आइस रिंक तैयार करने तक की कोशिश हो रही है। खेल विभाग का कहना है कि वो अंतरराष्ट्रीय पोडियम पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए विश्व स्तरीय एथलीट तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है। जीटीसीसी के सभी सदस्यों ने उत्तराखंड को 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी को हरी झंडी देते हुए शुभकामनाएं दीं।
जनवरी-फरवरी 2025 में हैं 38वें नेशनल गेम्स: उत्तराखंड में अगले साल यानी 2025 में 28 जनवरी से नेशनल गेम्स शुरू होंगे तथा 14 फरवरी तक विभिन्न खेल इवेंट होंगे। ऐसी उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड में आयोजित होने वाले 38वें नेशनल गेम्स का उद्घाटन करेंगे। 38वें नेशनल गेम्स पर उत्तराखंड में 350 करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है।

 

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