जीत के बाद भी भारतीय टीम के तालमेल में कमी नजर आई

मलेशिया को चार गोल से हराने वाली भारतीय टीम से हुईं कई चूक
खेलपथ संवाद
राजगीर।
महिला एशियन चैम्पियंस ट्रॉफी के शुरुआती मुकाबले में भारतीय बेटियों ने मलेशिया को हराकर अच्छी शुरुआत की है। जीत के बाद भी टीम में कई कमियां भी दिखीं जिन्हें दूर किया जाना जरूरी है। आगे अच्छी टीमों से उसे दो-दो हाथ करने होंगे।
सोमवार को आशा के अनुरूप भारतीय महिला हॉकी टीम ने मलेशिया पर 4- 0 से जीत हासिल की। जोश, जुनून और जीत के जज्बे से लबालब भारतीय टीम ने इस महत्वपूर्ण मैच में जीत हासिल कर स्वर्णिम राह पर एक मज़बूत क़दम बढ़ा दिया है।
शारीरिक रूप से फिट भारतीय टीम स्पीड, स्किल, स्टैमिना में विपक्षी टीम पर भारी रही। भारतीय रक्षा पंक्ति की खिलाड़ी उदिता, वैष्णवी, सुशीला और ज्योति की ज़्यादा परीक्षा नहीं हुई और वे आगे बढ़ कर मध्य पंक्ति में खेलती नज़र आईं। मध्य पंक्ति में सलीमा टेटे ने शानदार खेल का प्रदर्शन कर अपनी कप्तानी में पहली जीत दर्ज कराई। 
प्लेयर ऑफ द मैच संगीता ने आज स्पीड और स्किल से दो महत्वपूर्ण गोल कर रांची में आयोजित पिछले एशियन चैम्पियंस ट्रॉफी में अपने शानदार प्रदर्शन को दोहराया है। अग्रिम पंक्ति में उप कप्तान नवनीत, प्रीति दुबे, ब्यूटी डुंगडुंग ने शानदार आक्रमण कर विपक्षी टीम के रक्षा पंक्ति के खिलाड़ी को लगातार परेशान रखा। 
भारतीय टीम ने पूरे मैच में बॉल पर नियंत्रण रख मलेशिया पर अपना दबदबा बनाए रखा। लेकिन मिले मौके का फायदा नहीं उठाने की वज़ह से टीम ज़्यादा गोल नहीं कर पाई और कुछ देर के लिए दबाव में आ गई। पहले क्वॉर्टर में 1- 0 से आगे चल रही भारतीय टीम तीसरे क्वॉर्टर में लगातार दो गोल कर मलेशिया पर पूरी तरह हावी हो गई। उसके बाद भारतीय प्रशिक्षक ने नए खिलाड़ियों को आजमाया। 
मुख्य रणनीतिकार हरेंद्र सिंह ने भी सिद्ध कर दिया कि उन्हें करिश्माई प्रशिक्षक क्यों कहा जाता है। पेरिस ओलम्पिक में क्वालीफाई नहीं करने और प्रो लीग में निराशाजनक प्रदर्शन से आत्मविश्वास खो चुकी भारतीय टीम में उन्होंने नई जान डाल दी है। हरेंद्र सिंह का मुख्य लक्ष्य लॉस एंजिल्स ओलम्पिक है और वह इस टूर्नामेंट को उसकी तैयारी के लिए उपयोग कर रहे हैं। 
कहां मेहनत करने की जरूरत है, यह भी समझें
आज 4-0 के इस जीत में तीन गोल पेनाल्टी कॉर्नर से हुए लेकिन इस क्षेत्र में और भी मेहनत करने की जरूरत है। टीम में तालमेल की कमी है। उम्मीद है आने वाले समय में इसमें सुधार करना होगा क्योंकि भारत को अभी ओलंपिक रजत पदक विजेता चीन,  शक्तिशाली जापान और दक्षिण कोरिया से खेलना है।

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