ज्यादा वजन और अनुशासनहीनता पृथ्वी शॉ की राह का रोड़ा

रणजी ट्रॉफी में मुंबई की टीम से बाहर किए जाने का यही कारण
खेलपथ संवाद
मुम्बई।
पृथ्वी शॉ के क्रिकेटिंग करियर को एक और झटका लगा है। इस सलामी बल्लेबाज को मुंबई की रणजी ट्रॉफी टीम से बाहर कर दिया गया है। हालांकि, टीम प्रबंधन ने उनके टीम से बाहर होने के सही कारण का खुलासा नहीं किया, लेकिन यह व्यापक रूप से बताया जा रहा है कि कोच फिटनेस और अनुशासन के प्रति उनके रवैये से खुश नहीं हैं। 
मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) की चयन समिति, जिसमें संजय पाटिल (अध्यक्ष), रवि ठाकर, जीतेंद्र ठाकरे, किरण पोवार और विक्रांत येलिगेटी शामिल हैं, उन्होंने कम से कम एक रणजी ट्रॉफी मैच के लिए शॉ को बाहर रखने का फैसला किया है। क्रिकबज की एक रिपोर्ट के मुताबक, शॉ की अनुशासनहीनता महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गई है। चयनकर्ता और टीम प्रबंधन शॉ को रणजी ट्रॉफी टीम से बाहर करके सबक सिखाने की कोशिश कर रहे हैं। पृथ्वी शॉ पर नेट सेशन में देर से रिपोर्ट करने का भी आरोप है। इससे भी टीम प्रबंधन की चिंताएं बढ़ रही हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पृथ्वी नेट सेशन को गंभीरता से नहीं लेते हैं और अनियमित भी हैं। कई लोग उन्हें अधिक वजन वाला भी मानते हैं, जो उस पेशे के प्रति अनुशासन की कमी को भी दर्शाता है जिसमें वह हैं।
श्रेयस अय्यर, शार्दुल ठाकुर और यहां तक कि कप्तान अजिंक्य रहाणे जैसे अनुभवी क्रिकेटरों को अभ्यास सत्र में काफी निरंतरता रखने के लिए कहा जाता है। दूसरी ओर शॉ सस्ते में आउट होने के बाद भी कुछ प्रैक्टिस सेशन को मिस करते हैं। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि शॉ को बाहर करने का फैसला सिर्फ प्रबंधन और चयनकर्ताओं का फैसला नहीं था। यहां तक कि कप्तान और कोच भी उन्हें टीम से बाहर रखने को तैयार थे।
वेस्टइंडीज के खिलाफ राजकोट में 2018 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने वाले शॉ का करियर मैदान के बाहर की समस्याओं के कारण काफी निराशाजनक रहा है। शॉ ने इस सत्र में अब तक जो दो रणजी मैच खेले हैं उनमें उन्होंने बड़ौदा के खिलाफ सात और 12 तथा महाराष्ट्र के खिलाफ एक और नाबाद 39 रन बनाए हैं। शॉ फिलहाल टीम इंडिया की वापसी की जुगाड़ में हैं और ऐसे में उनकी यह छवि से उन्हें काफी नुकसान पहुंच सकते है। 

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