सुमित के स्वर्णिम प्रदर्शन को हिन्दुस्तान का सलाम

सात साल की उम्र में पिता खोया, हादसे में गंवाया पैर
टोक्यों के बाद पेरिस पैरालम्पिक में जीता सोना
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारत के स्टार भाला फेंक पैरा एथलीट सुमित अंतिल ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पेरिस पैरालम्पिक में पुरुष भाला फेंक एफ64 वर्ग स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। सुमित ने दूसरे प्रयास में 70.59 मीटर का थ्रो किया जो उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो रहा। इतना ही नहीं सुमित का यह थ्रो पैरालम्पिक का रिकॉर्ड है। सुमित इस तरह पैरालम्पिक में अपने खिताब का बचाव करने में सफल रहे। सुमित के लिए हालांकि इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं रहा। उनका सफर कठिनाइयों भरा रहा है। 2015 में हुए सड़क हादसे ने उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल दी। 
सुमित ने कभी हार नहीं मानी और बुलंद हौसले के साथ हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला किया। चेहरे पर मुस्कान रखने वाले सुमित ने न सिर्फ अपने से बड़ी तीन बहनों रेनू, सुशीला व किरण को हौसला दिया, बल्कि इकलौते बेटे के साथ हुए हादसे से दुखी मां निर्मला देवी को भी कहा, मां रो मत, मैं आपको जीवन की हर खुशी दूंगा। सुमित ने अपनी कही बात को सच कर दिखाया और कड़ी मेहनत से पहले टोक्यो और अब पेरिस पैरालम्पिक में गोल्ड जीतकर मां व बहनों को गौरवान्वित होने का अवसर प्रदान किया।
सुमित अंतिल का जन्म सात जून 1998 को हुआ था। तीन बहनों के इकलौते भाई ने परिवार की कमी को पूरा कर दिया। सुमित जब सात साल के थे, तब एयरफोर्स में तैनात पिता रामकुमार की बीमारी से मौत हो गई। पिता का साया उठने के बाद मां निर्मला ने हर दुख सहन करते हुए चारों बच्चों का पालन-पोषण किया। निर्मला देवी ने बताया कि सुमित जब 12वीं कक्षा में था, कॉमर्स का ट्यूशन लेता था। 5 जनवरी, 2015 की शाम को वह ट्यूशन लेकर बाइक से वापस आ रहा था, तभी सीमेंट के कट्टों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली ने सुमित को टक्कर मार दी और काफी दूर तक घसीटते ले गई। इस हादसे में सुमित को अपना एक पैर गंवाना पड़ा।  
निर्मला देवी ने बताया कि हादसे के बावजूद सुमित कभी उदास नहीं हुआ। रिश्तेदारों व दोस्तों की प्रेरणा से सुमित ने खेलों की तरफ ध्यान दिया और साई सेंटर पहुंचा। जहां एशियन रजत पदक विजेता कोच विरेंद्र धनखड़ ने सुमित का मार्गदर्शन किया और उसे लेकर दिल्ली पहुंचे। यहां द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच नवल सिंह से जेवलिन थ्रो के गुर सीखे। सुमित ने वर्ष 2018 में एशियन चैम्पियनशिप में भाग लिया, लेकिन पांचवीं रैंक ही प्राप्त कर सका। वर्ष 2019 में वर्ल्ड चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता। इसी वर्ष हुए नेशनल गेम में सुमित ने स्वर्ण पदक जीत खुद को साबित किया। 

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