अजय कुमार सेठी की मेहरबानी, अमन सीख रहा पहलवानी

किसको खुश करने को प्रारम्भिक परीक्षा में फेल अमन की हुई री-ट्रायल
उत्तर प्रदेश के स्पोर्ट्स कॉलेजों में प्रवेश के नाम पर चल रही खूब धांधली
खेलपथ संवाद
लखनऊ। खेलों में उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने तथा उत्कृष्ट खेल प्रतिभाओं के सपनों को पंख लगाने के लिए खोले गए प्रदेश के तीनों स्पोर्ट्स कॉलेजों में छात्र-छात्राओं के प्रवेश के नाम पर नियम-कायदों की अनदेखी करते हुए खूब धांधली की जा रही है। यह काम भी उन लोगों द्वारा किया जा रहा है जिन पर शासनादेश के अक्षरशः पालन की जवाबदेही है। सचिव प्रबंध समिति उत्तर प्रदेश स्पोर्ट्स कॉलेजेज एवं प्राचार्य गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज लखनऊ अजय कुमार सेठी तथा प्राचार्य वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज, गोरखपुर आले हैदर की मेहरबानी से 2023-24 में उस अमन यादव को वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में प्रवेश दिया गया जोकि प्रारम्भिक परीक्षा में ही फेल हो गया था।
हम आपको बता दें कि गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज लखनऊ, वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज गोरखपुर तथा मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स कॉलेज सैफई में कक्षा छह से प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं की भर्ती की जाती है। गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज, लखनऊ, बीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज, गोरखपुर तथा मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स कॉलेज सैफई (इटावा) में कुल 1225 सीटें हैं। इन कॉलेजों में प्रवेश के लिए प्रतिवर्ष जिला, मंडल तथा राज्यस्तर पर खेलवार ट्रायल के बाद नियमानुसार टेस्ट लेकर बच्चों को दाखिला दिया जाता है।
इन स्पोर्ट्स कॉलेजों को खोले जाने का उद्देश्य अधिक से अधिक प्रतिभाशाली बच्चों को खेलों से जोड़ना तथा बेहतरीन खिलाड़ी बनाकर उनके सपनों को साकार करना है। योगी आदित्यनाथ की छवि खेलप्रेमी मुख्यमंत्री के तौर पर देशभर में जानी जाती है। योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश की प्रतिभाओं के प्रोत्साहन में कोई कमी नहीं रहे लेकिन सूबे के कुछ अधिकारी खेलों से खिलवाड़ कर प्रदेश की साख को बट्टा लगा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि यूपी के स्पोर्ट्स कॉलेजों में प्रवेश के नाम पर पैसे का खेल होता है। पैसा और रसूख के दम पर प्रारम्भिक चयन परीक्षा में असफल बच्चा भी प्रवेश पा सकता है।
अमन यादव पुत्र उदयभान यादव (कुश्ती) इसका जीता जागता उदाहरण है। आजमगढ़ मण्डल के अमन यादव को 2023-24 में नियम-कायदों को ताक पर रखकर वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज गोरखपुर में प्रवेश दिया गया था। सोचने वाली बात तो यह है कि 16 और 17 जुलाई, 2023 को वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज गोरखपुर में हुई मुख्य चयन परीक्षा की 115 छात्रों की जारी सूची में अमन यादव का नाम ही नहीं है लेकिन 25 जुलाई, 2023 को सचिव प्रबंध समिति उत्तर प्रदेश स्पोर्ट्स कॉलेजेज एवं प्रधानाचार्य गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज लखनऊ अजय कुमार सेठी के हस्ताक्षरों से जारी 33 छात्रों की फाइनल सूची में अमन यादव का नाम है। अमन ने शारीरिक परीक्षा में 35.5 तो खेल परीक्षा में 21 अंकों सहित कुल 56.5 अंक हासिल किए हैं। सूची में अमन यादव के नाम के सामने फार्म संख्या 792 री-ट्रायल (आरटी) लिखा है।
1975 से अस्तित्व में आए स्पोर्ट्स कॉलेज की प्रवेश प्रक्रिया पर गौर करें तो शासनादेश में री-ट्रायल का कोई प्रावधान नहीं है। अजय कुमार सेठी और आले हैदर प्रवेश प्रक्रिया तथा शासनादेश से अनभिज्ञ नहीं हो सकते, ऐसे में सवाल यह उठता है कि इन दोनों ने किसको खुश करने के लिए री-ट्रायल का पेंच फंसाया है। यह बहुत गम्भीर मामला है, यदि जवाबदेह अधिकारी ही इस तरह से नियम-कायदों का चीरहरण करेंगे तो भविष्य में री-ट्रायल एक परम्परा बन जाएगी तथा हर बच्चा जिला और मण्डल की चयन परीक्षाओं में शिरकत नहीं करेगा।
अमन यादव का यह मामला स्पोर्ट्स कॉलेजों में चल रही धांधली का सिर्फ एक उदाहरण है। स्पोर्ट्स कॉलेजों में नियम-कायदों को बलाए-ताक रखने के ऐसे अनगिनत मामले हैं जिनसे देश में उत्तर प्रदेश की छवि धूमिल हो रही है। इस साल भी प्रतिभाशाली क्रिकेटरों की उपेक्षा कर पैसे के दम पर कुछ अपात्र छात्रों ने प्रवेश पा लिया है। इस मामले में एक अभिभावक अदालत की शरण भी जा चुका है। अब देखना यह है कि जवाबदेह अधिकारियों द्वारा की जा रही धांधली पर क्या कार्रवाई होती है तथा न्याय के लिए भटक रहे उत्कृष्ट खिलाड़ियों को इंसाफ मिल भी पाता है या नहीं?