विश्व रिकॉर्ड के साथ सोने सी चमकी भारतीय बेटी प्रीतिस्मिता

पेरू में भारतीय बेटी ने तीन गोल्‍ड जीतकर मचाया तहलका
बचपन में पिता को खोया, मां ने संघर्षों से पाला
खेलपथ संवाद
लीमा।
15 साल की भारतीय किशोरी प्रीतिस्मिता भोई ने वेटलिफ्टिंग की आईडब्ल्यूएफ वर्ल्‍ड युवा चैम्पियनशिप में विश्व रिकॉर्ड के साथ तीन गोल्ड मेडल जीतकर तहलका मचा दिया। वेटलिफ्टर प्रीतिस्मिता भोई ने वह कर दिखाया, जो इससे पहले कोई भारतीय नहीं कर सका था। आईडब्ल्यूएफ वर्ल्‍ड युवा चैम्पियनशिप में महिला 40 किलोग्राम वर्ग में प्रीतिस्मिता ने क्लीन एंड जर्क में वर्ल्‍ड रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्‍ड मेडल जीता। 
पेरु में भारतीय किशोरी प्रीतिस्मिता भोई ने एक नया मुकाम हासिल कर लिया। इस बेटी ने 76 किलोग्राम भार उठाकर 75 किलोग्राम के पिछले रिकॉर्ड में सुधार किया। भारतीय वेटलिफ्टिंग के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि यूथ कैटेगरी में किसी वेटलिफ्टर ने वर्ल्‍ड रिकॉर्ड बनाया है। 15 साल की इस युवा खिलाड़ी ने यूथ गर्ल्‍स में 40 किलोग्राम वेट कैटेगरी में गजब की ताक‍त और टेक्‍निक‍ दिखाते हुए स्‍नैच में 57 किलोग्राम और क्‍लीन एंड जर्क में 76 किलोग्राम समेत कुल 133 किलोग्राम भार उठाया। इस बिटिया ने अपनी वेट कैटेगरी में कुल तीन गोल्‍ड मेडल जीते।
प्रीतिस्मिता भोई ने ऐतिहासिक जीत के बाद कहा- मैं नया वर्ल्‍ड रिकॉर्ड बनाकर काफी रोमांचित हूं। ये मेरा सपना था, जो सच हुआ और मैं कोच, परिवार और फेडरेशन की मदद के बिना ऐसा नहीं कर सकती थी। उम्‍मीद करती हूं कि मेरा यह ऐतिहासिक प्रदर्शन बाकी यंग एथलीटों को कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करेगा। वहीं भारतीय वेटलिफ्टिंग फेडरेशन के अध्‍यक्ष सहदेव यादव ने प्रीतिस्मिता भोई की तारीफ करते हुए कहा- वह बाकी वेटलिफ्टर्स के लिए सच्‍ची रोल मॉडल है।
इस प्रतियोगिता में भारत की ज्योशना साबर ने कुल 125 किलोग्राम (56 किलोग्राम और 69 किलोग्राम) वजन उठाकर सिल्‍वर मेडल अपने नाम किया। तुर्की की फातमा कोलकैक कुल 120 किलोग्राम (55 किलोग्राम और 65 किलोग्राम) वजन उठाकर ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रही। वहीं पायल ने महिला 45 किलोग्राम वर्ग में कुल 147 किलोग्राम (65 किलोग्राम और 82 किलोग्राम) वजन उठाकर सिल्‍वर मेडल अपने नाम किया। बाबूलाल हेम्ब्रोम पदक जीतने वाले भारत के चौथे वेटलिफ्टर रहे। उन्होंने कुल 193 किलोग्राम (86 किलोग्राम और 107 किलोग्राम) वजन उठाकर पुरुष 49 किलोग्राम वर्ग में ब्रॉन्‍ज मेडल जीता।   
बचपन में पिता को खोया, मां ने संघर्षों से पाला
ओडिशा के पिछड़े इलाके ढेंकनाल की 15 वर्षीय वेटलिफ्टर प्रीतिस्मिता भोई ने पेरू की राजधानी लीमा में इतिहास रच दिया। विश्व युवा वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप में उसने विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता। विश्व रिकॉर्ड बनाने वाली पहली युवा मीराबाई चानू के बाद दूसरी और युवा वर्ग में विश्व कीर्तिमान बनाने वाली प्रीतिस्मिता देश की पहली वेटलिफ्टर है। चानू सीनियर वर्ग में क्लीन एंड जर्क का विश्व रिकॉर्ड बना चुकी हैं।
वेटलिफ्टर प्रीतिस्मिता सिर्फ दो साल की थी, जब उनके सिर से पिता का साया उठ गया। मां के ऊपर मुसीबतों को पहाड़ टूट पड़ा। उन्होंने दोनों बेटियों को संघर्षों के साथ पिता बनकर पाला और ढेंकनाल के केंद्रीय विद्यालय में दाखिला कराया। यहीं कोच गोपाल कृष्ण दास ने दोनों बहनों को स्कूल मीट में दौड़ते देखा तो उन्हें वेटलिफ्टर बनाने का फैसला किया। दोनों ने ही चार वर्ष के अंदर परिणाम देने शुरू कर दिए।
गोपाल बताते हैं कि वह केंद्रीय विद्यालय की स्कूल मीट में गए थे। यहां दो बहनें बड़ी विदुस्मिता और छोटी प्रीतिस्मिता 100, 400 मीटर दौड़ में पहले और दूसरे स्थान पर आ रही थीं। उन्हें लगा दोनों को लिफ्टर बनाया जा सकता है। तब उन्होंने उनकी मां जमुना देवी से बात की। वह नहीं चाहती थीं कि वजन उठाने वाले खेल में उनकी बेटियों आएं। काफी समझाने के बाद वह तैयार हो गईं। विदुस्मिता भी राष्ट्रीय यूथ वेटलिफ्टिंग, खेलो इंडिया में पदक जीत चुकी है।

 

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