राजवती को के.डी. हॉस्पिटल में मिली नई जिन्दगी

सांड के हमले में फटे मलाशय और गुदा नली का सफल ऑपरेशन

डॉ. मुकुंद मूंदड़ा और उनकी टीम के प्रयासों से बची जान

मथुरा। जिन्दगी और मौत वैसे तो ईश्वर के हाथ होती है लेकिन चिकित्सक भी मरीज के लिए भगवान से कम नहीं होता। जून 2023 में एक सांड के हमले से बुरी तरह घायल हुई गांव खंजराकवास, तहसील माट, जिला मथुरा निवासी राजवती (40) पत्नी सुखराम के लिए के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के जाने-माने गैस्ट्रो सर्जन डॉ. मुकुंद मूंदड़ा भगवान साबित हुए। डॉ. मूंदड़ा और उनकी टीम ने तीन स्टेज में राजवती के फटे मलाशय और गुदा नली का सफल ऑपरेशन कर उसे नया जीवन दिया है। अब राजवती पूरी तरह से स्वस्थ है तथा यथास्थान से मल त्याग रही है।

चिकित्सकों से मिली जानकारी के अनुसार बीते साल जून महीने में गांव खंजराकवास, तहसील माट, जिला मथुरा निवासी राजवती पर सांड ने पीछे से हमला कर दिया था। सांड के इस हमले से उसका मलाशय, गुदा नली तथा मल को रोकने वाली मांसपेशियां फट गई थीं। परिजन उसे लेकर दो-तीन दिन तक कई चिकित्सालयों के चक्कर काटते रहे लेकिन स्थिति में सुधार होने की बजाय उसकी हालत और बिगड़ गई। तीन दिन बाद राजवती को जब के.डी. हॉस्पिटल लाया गया उस समय उसके मलाशय के आसपास का हिस्सा सड़ा हुआ था तथा मल यथोचित स्थान की बजाय इधर-उधर से निकल रहा था।   

गैस्ट्रो सर्जन डॉ. मुकुंद मूंदड़ा द्वारा महिला की चिन्ताजनक स्थिति को देखते हुए सबसे पहले उसकी जान बचाने के लिए सर्जरी की गई। दूसरे स्टेज में डॉ. मूंदड़ा और उनकी टीम द्वारा राजवती के मल त्यागने के लिए नया मलाशय, गुदा नली तथा मल को रोकने वाली मांसपेशियां बनाई गईं। महिला की स्थिति में सुधार होने के बाद डॉ. मूंदड़ा और उनकी टीम द्वारा उसकी तीसरी सर्जरी की गई। लगभग पांच घंटे चली तीसरी सर्जरी में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने राजवती के यथास्थान मलाशय, गुदा नली तथा मांसपेशियां बनाने में सफलता हासिल की। अब राजवती पूरी तरह स्वस्थ है तथा यथास्थान मल त्याग रही है। इस मुश्किल सर्जरी में डॉ. मूंदड़ा का सहयोग डॉ. यतीश शर्मा, डॉ. दिलशेख, डॉ. प्रदीप, डॉ. निश्चय सिंह, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. जुबेद तथा टेक्नीशियन शिवम और बालकिशन ने दिया।

डॉ. मूंदड़ा का कहना है कि यह काफी मुश्किल सर्जरी थी। मरीज को यहां लाने में भी काफी विलम्ब हुआ। जब उसे के.डी. हॉस्पिटल लाया गया उस समय उसकी स्थिति काफी नाजुक थी। ऐसे ऑपरेशन प्रायः तीन स्टेज में ही किए जाते हैं। डॉ. मूंदड़ा का कहना है कि के.डी. हॉस्पिटल में चूंकि हर तरह की आधुनिकतम चिकित्सा सुविधाएं, सुयोग्य चिकित्सक तथा टेक्नीशियन हैं इसलिए यहां हर तरह की सर्जरी आसानी से सम्भव हो पाती है।  

आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, उप प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र कुमार ने बड़ी और सफल सर्जरी के लिए डॉ. मूंदड़ा और उनकी टीम को बधाई दी। सुखराम ने पत्नी राजवती की जान बचाने के लिए के.डी. हॉस्पिटल के चिकित्सकों तथा प्रबंधन का आभार माना।

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