रांची में राष्ट्रीय महिला हॉकी लीग का शानदार आगाज
पहले दिन उड़ीसा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और झारखंड की जीत
खेलपथ संवाद
रांची। मोरहाबादी के मरांग गोमके जयपाल सिंह कृत्रिम हॉकी मैदान में मंगलवार को राष्ट्रीय महिला हॉकी लीग के पहले सीजन का आगाज किया गया। लीग का उद्घाटन भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक संदीप प्रधान ने किया। पहले दिन उड़ीसा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और झारखंड की टीमों ने विजय हासिल कर शानदार आगाज किया।
लीग के पहले मुकाबले में उड़ीसा ने चैम्पियन हरियाणा को 4-1, दूसरे मुकाबले में महाराष्ट्र ने मणिपुर को 5-1, तीसरे मुकाबले में मध्य प्रदेश ने बंगाल को 1-0 तथा चौथे मुकाबले में मेजबान झारखण्ड ने मिजोरम को 3-0 से पराजित किया। मेजबान हॉकी झारखंड की ओर से सातवें मिनट में निक्की कुल्लू ने पहला गोल किया। इसके बाद 17वें मिनट में प्रमोदिनी लकड़ा ने दूसरा और बी एडलिन ने चौथे क्वार्टर के 49वें मिनट में तीसरा गोल किया। टूर्नामेंट के पहले मैच में हरियाणा के लिये तीसरे मिनट में शशि खासा ने गोल किया। दूसरे हाफ में ओडिशा के लिये रंभा कुजूर ने 33वें मिनट में, सोनाली इक्का ने 38वें और 49वें मिनट में और कप्तान डिपि मोनिका टोप्पो ने 57वें मिनट में गोल दागे।
दूसरे मैच में महाराष्ट्र ने 14वें मिनट में तनुश्री कादु के गोल के दम पर बढत बना ली। सानिका माने ने 25वें और 33वें मिनट में गोल किये। मणिपुर के लिये एकमात्र गोल लैशराम रितु देवी ने 51वें मिनट में किया। सानिका माने ने 53वें और 56वें मिनट में दो गोल और करके टीम को जीत दिलाई। तीसरे लीग मैच में हॉकी मध्य प्रदेश ने आश्रिता ठाकुर के गोल की मदद से हॉकी बंगाल को 1-0 से हराकर जीत हासिल की।
हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह, कोषाध्यक्ष शेखर जे मनोहरन सहित हॉकी इंडिया के अन्य अधिकारियों ने राष्ट्रीय महिला हॉकी लीग के उद्घाटन दिवस पर साई के महानिदेशक संदीप प्रधान का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर खेल सचिव मनोज कुमार, खेल निदेशक सुशांत गौरव, पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी असुंता लकड़ा, भारतीय सीनियर महिला हॉकी टीम के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह और जूनियर कोच तुषार, हॉकी झारखंड के महासचिव विजय शंकर सिंह, सीइओ रजनीश कुमार, मनोज कोनबेगी आदि उपस्थित रहे। हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ. दिलीप टिर्की ने कहा, “राष्ट्रीय महिला हॉकी लीग भारत में महिला हॉकी के लिए एक महत्वपूर्ण इवेंट है। यह लीग केवल प्रतिस्पर्धा के बारे में नहीं है; यह भारतीय खेलों में समावेशिता और सशक्तीकरण की संस्कृति को बढ़ावा देने के बारे में है।”