विदेशी विद्वानों ने स्किल डेवलपमेंट तथा नई तकनीक सीखने पर दिया जोर

राजीव एकेडमी के छात्र-छात्राओं ने सीखे व्यक्तित्व विकास के गुर

मथुरा। आकर्षक व्यक्तित्व का होना न केवल हमारे व्यक्तिगत जीवन बल्कि करियर तथा अन्य पहलुओं के लिए भी बहुत आवश्यक है। व्यक्तित्व का मतलब अच्छे शरीर से नहीं बल्कि व्यक्ति के व्यवहार, शैली, विशेषताओं, दृष्टिकोण, मानसिकता तथा धारणाओं से जुड़ा मामला है। आज, व्यक्तित्व विकास अपने महत्व के कारण एक ट्रेंडी शब्द बन गया है। अच्छा व्यक्तित्व होने से लक्ष्य प्राप्ति में बहुत मदद मिलती है। यह विचार विदेशी प्रतिनिधिमंडल ने राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के एमबीए विभाग द्वारा आयोजित सेमिनार में छात्र-छात्राओं से व्यक्त किए।

सेमिनार में पधारे विदेशी प्रतिनिधिमंडल ने छात्र-छात्राओं को बताया कि आत्मविश्वास, व्यवहार और सकारात्मक दृष्टिकोण से युक्त प्रभावशाली व्यक्तित्व व्यक्ति को उपलब्ध संसाधनों के साथ तालमेल बिठाने तथा सहजता से वांछित उद्देश्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ विद्वानों ने सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक व तकनीकी पहलुओं पर भी अपने विचार व्यक्त किए। विदेशी विद्वतजनों ने जहां भारत में हाल में हुए बदलाव, विकास, शैक्षिक उन्नति तथा भारतीय युवाओं की बढ़ती वैश्विक भागीदारी की मुक्तकंठ से प्रशंसा की वहीं छात्र-छात्राओं को भारतीय संस्कृति के साथ ही अपने-अपने देशों की सांस्कृतिक खूबियों से भी परिचित कराया।

करियर तथा व्यक्तित्व विकास पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सिल्विया लाना ने छात्र-छात्राओं से स्किल डेवलपमेंट तथा नई तकनीक सीखने पर जोर दिया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को अधिक से अधिक ट्रेनिंग प्रोग्रामों में हिस्सा लेने का आह्वान किया। सिल्विया ने विद्यार्थियों को सफल करियर बनाने के लिए निरन्तर अभ्यास तथा अनुशासन अपनाने पर जोर दिया। आन्द्रे नोमी इपुचा ने भारतीय अर्थव्यवस्था तथा देश में हुए आर्थिक विकास पर चर्चा की।

टिजिना डी एंजेलो ने छात्र-छात्राओं को नई तकनीक सीखने पर जोर देकर कहा कि भविष्य में तकनीक पर बहुत ज्यादा प्रयोग होगा इसलिए अपना करियर तकनीकी क्षेत्र में बनाने के लिए नई-नई टेक्नोलॉजी को सीखना जरूरी है। मरिआ चिआरा सिओआ ने छात्र-छात्राओं को तनाव से बचने के लिए योग करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा तकनीकी और आईटी की दुनिया में योग का महत्व बहुत अधिक बढ़ गया है। भारतीय संस्कृति और वैश्विक संस्कृति पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि व्यक्ति को शिक्षा अवश्य ग्रहण करनी चाहिए। सुसंस्कृत होने के लिए शिक्षा की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि जीवन में वैश्विक स्तर पर जन-जागरण भी जरूरी है तभी हम इंटरनेशनल एक्सपोजर प्राप्त कर सकते हैं।

आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि प्राचीन समय से हमारा देश विश्व गुरु रहा है। हम जिस भारतीय संस्कृति की उपेक्षा कर रहे हैं, विदेशी लोग उसे स्वीकार रहे हैं। डॉ. अग्रवाल ने सभी छात्र-छात्राओं से योग-ध्यान को जीवन में शामिल करने का आह्वान किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्वस्थ रहने के लिए योग बेहतर साधन है। यदि हम नियमित रूप से योग करेंगे तो हमें कोई दवा खाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने विदेशी प्रतिनिधिमण्डल के सभी विद्वतजनों का आभार माना।

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