बेटियां शिक्षित होंगी तभी वह सशक्त बनेंगीः विनी सिंह
महिला दिवस पर के.डी. डेंटल कॉलेज की छात्राओं को किया प्रोत्साहित
मथुरा। बदलते समय के साथ आधुनिकता अच्छी बात है, मगर यह एक दायरे में रहे, इसका ख्याल रखा जाना जरूरी है। हमारे पहनावे से हमारी इमेज नहीं झलकती बल्कि हमारा व्यवहार मायने रखता है, इस बात को हर छात्रा को समझना चाहिए। समाज का भी यह दायित्व है कि वह बेटी-बेटे में भेद न करे। बेटियां शिक्षित होंगी तभी वह ज्यादा सशक्त बनेंगी तथा समाज में बदलाव भी आएगा। उक्त सारगर्भित उद्गार शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मैत्री संस्था की सह-संस्थापक विनी सिंह ने के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल की छात्राओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए।
के.डी. डेंटल कॉलेज में महिला दिवस का शुभारम्भ केक काटकर किया गया। इस अवसर समाजसेविका विनी सिंह ने महिला सशक्तीकरण पर कहा कि प्रत्येक नारी में अपरिमित शक्ति और क्षमताएं विद्यमान हैं, जरूरत है उन्हें प्रोत्साहित करने की। उन्होंने कहा कि आज बेटियां अपने साहस के बल पर पूरे आत्मविश्वास के साथ हर क्षेत्र में कामयाबी हासिल कर रही हैं। नई सदी की नारी के पास कामयाबी के उच्चतम शिखर को छूने की अपार क्षमता है। उन्होंने कहा कि समाज के दो पंख हैं, एक स्त्री व दूसरा पुरुष। यह दोनों पंख समान होंगे तभी समाज और राष्ट्र का विकास होगा।
के.डी. डेंटल कॉलेज के प्राचार्य और डीन डॉ. मनेष लाहौरी ने मुख्य अतिथि विनी सिंह का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत करते हुए कहा कि मैत्री की सह-संस्थापक एक प्रतिबद्ध सामाजिक कार्यकर्ता हैं। लगभग दो दशक से यह स्वास्थ्य, बुजुर्गों तथा लैंगिक समानता के क्षेत्र पर शिद्दत से काम कर रही हैं। विनी सिंह मैत्री संस्था की कार्यकारी निदेशक के रूप में महिलाओं और बच्चों के अधिकारों, स्वास्थ्य तथा गरीबी पर न केवल मुखर हैं बल्कि पूर्ण मनोयोग से इस दिशा में काम कर रही हैं। मैत्री की स्थापना 2005 में शिलांग मेघालय में एचआईवी/एड्स से लड़ने के लिए वर्दीधारी सेवाओं में सहायता समूह बनाने और समर्थन करने की आवश्यकता के रूप में की गई थी।
मैत्री संस्था द्वारा वर्दीधारी सेवाओं के साथ दिल्ली की मलिन बस्तियों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा को कम करने तथा उन्हें एचआईवी आदि से बचाने का काम भी किया जा रहा है। 2008 से मैत्री संस्था के माध्यम से मथुरा-वृन्दावन में उन विधवा, परित्यक्त महिलाओं के उद्धार का काम किया जा रहा है, जिन्हें उनके परिजनों ने बेघर और निराश्रित छोड़ दिया है। पिछले 13 वर्षों में अपने काम के माध्यम से विनी सिंह ने महसूस किया कि करुणा और सद्भावना वृद्ध, बेघर और निराश्रित विधवाओं के जीवन में परिवर्तनकारी सुधार ला सकती है। मैत्री संस्था का ध्येय वाक्य पहचानें, समझें और खुश रहें है।
के.डी. डेंटल कॉलेज के प्राचार्य और डीन डॉ. मनेष लाहौरी ने कहा कि दृढ़ इच्छा शक्ति और शिक्षा ने नारी मन को उच्च आकांक्षाएं, सपनों के सप्तरंग एवं अंतर्मन की परतों को खोलने की नई राह दी है। जबकि हम अपने करियर की आकांक्षाओं को पूरा करने और पेशेवर सीढ़ी चढ़ने में इतने व्यस्त हैं कि कभी-कभी अपने माता-पिता तथा उन लोगों को भूल जाते हैं जिन्होंने हमारे सपनों को पूरा करने के लिए अपना तन-मन-धन से समर्थन दिया है। डॉ. लाहौरी ने छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हर महान सपना एक सपने देखने के साथ शुरू होता है। हमेशा याद रखें, आपके अंदर दुनिया को बदलने के लिए सितारों तक पहुंचने की ताकत, धैर्य और जुनून है। महिला दिवस कार्यक्रम में महिला प्राध्यापकों के साथ ही बड़ी संख्या छात्राएं उपस्थित रहीं।